1 Mukhi Rudraksha Benefits
1 Mukhi Rudraksha/One Faced Rudraksh (एक मुखी रूद्राक्ष) is the embodiment form of Shiva, this Rudraksh makes a person similar to lord Shiva, which appears to be great frat and great anchoret. The one who holds this Rudraksh will never face scarcity of anything in his life, goddess laxmi stays in their house forever. The another recognition of 1 Mukhi Rudraksha (1 Mukhi Rudraksha Benefits) is that, if put this rudraksh in a cup of water, the water starts to boil after 20-25 minutes.
Origin of 1 Mukhi Rudraksha:
The origin of rudraksh is from the tears of Rudra dev. Rudraksh is used in two forms, one is spiritually and second is scientifically and for health promotion. Rudraksh is found from one to 14 faces. Spiritually it is believed that as much as incarnation of lord Shiva has taken; that much of Rudraksh faces are found or Rudraksh (1 Mukhi Rudraksha Benefits) trees are found with faces of Rudraksh. The best Rudraksh is of goose berry size. The smaller size of Rudraksh is considered to be moderate type. The small pearl sized Rudraksh is known to be inferior one. The best rudraksh is found in Nepal, India, Malaysia, and Indonesia.
It is not easy to find one faced Rudraksh, we can find Rudraksh similar to cashew nut in the markets, but that is not actual Rudraksh. The effect of that rudraksh (1 Mukhi Rudraksha Benefits) is not auspicious, the actual shape of One faced rudraksh is round, and rudraksh can be found in 4 colours, white, yellow, red, and black. White Rudraksh is best for Brahmins, yellow Rudraksh is said to be auspicious for females, red Rudraksh is auspicious for Vaishiya, and black Rudraksh is suitable for all, but red Rudraksh is said to be best as this is favourite of lord Shiva.
Spiritual Significance of 1 Mukhi Rudraksha:
In our scriptures one faced Rudraksh (1 Mukhi Rudraksha Benefits) is considered to be replica of lord Shiva, it is said that the person who has faith in lord Shiva and holds the Rudraksh, becomes like lord Shiva, he gets the power of eight god and goddess around him. The person receives salvation and he is free from the cycle of birth and death. It is described in scriptures that the person who hold 1 Mukhi Rudraksha will never suffer from financial issues nor he will face a untimely death.
Scientific Importance of 1 Mukhi Rudraksha:
The person who becomes mentally unstable, if 1 Mukhi Rudraksha (1 Mukhi Rudraksha Benefits): is rubbed with butter and given to him twice a day to leak, this will help him to recover from his mental instability. The person who is in coma, if one rubs the seed of one faced Rudraksh and mix with the milk and feed the patient, it will help him to come out from coma, it is said in scriptures and also said that the person who holds 1 Mukhi Rudraksha (1 Mukhi Rudraksha Benefits) will never suffer from any heart disease.
The Health Benefits of 1 Mukhi Rudraksha:
By wearing this 1 Mukhi Rudraksha (1 Mukhi Rudraksha Benefits), one gets relief from fever, bone problems, eye problem, cold pains, effect of bad sight, weakness, jaundice, blood related diseases and etc.
By wearing this 1 Mukhi Rudraksha (1 Mukhi Rudraksha Benefits) the person grows in every situation such as, from tension he moves towards peace, spontaneous money gain, enhances healing and personality development occurs also the enemies are conquered. This kind of persons is successful in his life for achieving his desires. Also it cures old asthma issues of the person, tuberculosis and serious disease it also cures authentically.
Mantra Before Wearing 1 Mukhi Rudraksha (1 Mukhi Rudraksha Benefits):
One faced/1 Mukhi Rudraksha (1 Mukhi Rudraksha Benefits) is extremely rare in the world of rudraksh. The one who keeps the Rudraksh in the house, they do not face lack of anything. This 1 Mukhi Rudraksha (1 Mukhi Rudraksha Benefits) is believed to remove impurities from the life. To make the Rudraksh pure and perfect, we have specific spells for this before wearing this, if one do not perform this mantra, will not get full benefits of the rudraksh. This is purified for the blessings of the goddess laxmi. One should chant the following mantra for one and quarter lakhs times for purification for the Rudraksh. Make this mantra chant from Brahmin or purchase from the place where they had already made it purified with the process.
Appropriation of 1 Mukhi Rudraksha :
Om Ashya shreen Shiva mantrashya Prasad rishha pankti chhandah shivon devata hankaaro beejam aun shakti mam chaturvargasidayarthe rudraakshadhaaranaarthe jape viniyog.
Atha dhyaanam :
Muktaapeenapayodamauktikajapaarnairmukhai panchabhi
stryakshai raajitameeshamindumukutan poornendukotiprabham
shoolantankakrpaanavajr dahanaannaagendraghantaashukan
hastaajeshvabhayan varaanshchadadhatan tejojjvalan chintaye
Mantra of 1 Mukhi Rudraksha Benefits :
॥ ॐ ऐं ह्रं औं ऐं ॐ ॥
॥ Om Aim Hrm Oum Aim Om ॥
एक मुखी रुद्राक्ष के लाभ
एक मुखी रुद्राक्ष के लाभ : एक मुखी रुद्राक्ष साक्षात् शिव का रूप होता है, यह रुद्राक्ष शंकर के समान महाभोगी और महायोगी बनता है, जो इस रुद्राक्ष को धारण करता है, उसके जीवन में किसी भी वस्तु की कमी नहीं रहती, लक्ष्मी उसके घर में हमेशा के लिए स्थिर हो जाती है। एकमुखी रुद्राक्ष की एक पहचान यह भी है, कि यदि इसे एक कप पानी में डाल दिया जाए, तो बीस-पच्चीस मिनट बाद पानी खौलने लग जाता है।
एक मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति:
रुद्राक्ष की उत्त्पत्ति रूद्र देव के आंसुओं से हुई है। रुद्राक्ष का प्रयोग दो रूपों में किया जाता है, एक आध्यात्मिक और दूसरा वैज्ञानिक और स्वास्थ्य वर्धक। रुद्राक्ष एक से लेकर चौदह मुख तक होता है। आध्यात्मिक मान्यता है, कि भगवान् शिव के जितने रूद्र अवतार हुए हैं, उतने ही मुख के रुद्राक्ष पाए जाते या रुद्राक्ष के वृक्ष से रुद्राक्ष पाया जाता है। सबसे उत्तम रुद्राक्ष आंवले के आकार का होता है। छोटे बेर के आकार वाले रुद्राक्ष कों मध्य श्रेणी का माना जाता है। मोती के दाने के समान छोटे आकार वाले रुद्राक्ष को निम्न श्रेणी का माना जाता है। दुनिया के सबसे उत्तम रुद्राक्ष नेपाल में पाए जाते हैं। रुद्राक्ष भारत, मलेशिया तथा इंडोनेशिया में भी पाए जाते हैं।
एकमुखी रुद्राक्ष इतनी आसानी से प्राप्त नही होता, बाज़ार में काजू के समान लम्बे रुद्राक्ष मिलते हैं, वह सही में रुद्राक्ष नहीं होते। उसका प्रभाव न के बराबर होता है, एक मुखी रुद्राक्ष का वास्तविक आकार गोल होता है। वैसे रुद्राक्ष चार रंग के होते हैं, हल्का सफ़ेद, पीला, लाल और काला। हल्का सफ़ेद रुद्राक्ष ब्राह्मणों के धारण करने के लिए श्रेष्ठ होता है। पीला रुद्राक्ष क्षत्रियों के लिए श्रेष्ठ माना गया है। लाल रुद्राक्ष वैश्यों के लिए श्रेष्ठ माना गया है और काला शुद्रों के लिए श्रेष्ठ माना गया है। जबकि लाल रुद्राक्ष सभी वर्णों के लिए श्रेष्ठ है, यह रूद्राक्ष भगवान शिव को भी अति प्रिय है।
एक मुखी रुद्राक्ष का आध्यात्मिक महत्व:
हमारे शास्त्रों में एक मुखी रुद्राक्ष को शिव का साक्षात् रूप माना गया है। कहा गया है, कि जो भक्त इसे धारण करते हैं, वह स्वयं शिव तुल्य हो जाते है, उसके आस-पास अष्ट सिद्धियाँ भ्रमण करती हैं, ऐसा व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त करता है और जन्म मृत्यु के चक्कर से मुक्त हो जाता है। शास्त्रों में वर्णित है, कि एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति एक जीवन में कभी धन की कमी नहीं होती है, और न उसकी आकस्मित मृत्यु होती है।
एक मुखी रुद्राक्ष का वैज्ञानिक महत्व:
जो व्यक्ति पागल हो जाते हैं, वैसे व्यक्ति कों एकमुखी रुद्राक्ष घिस कर मक्खन के साथ सुबह शाम देने से उसका मानसिक संतुलन ठीक हो जाता है। जो व्यक्ति कोमा में चले जाते हैं, ऐसे व्यक्ति को एक मुखी रुद्राक्ष का एक बीज निकाल कर, पीस कर पिलाने से वह कोमा से बाहर आ जाता हैं। शास्त्रों में यह भी बताया है, कि जो व्यक्ति एक मुखी रुद्राक्ष (1 Mukhi Rudraksha Benefits) धारण करता है, उसे ह्रदय गति का रोग कभी नहीं होता।
एक मुखी रूद्राक्ष के स्वास्थ्य लाभ:
इस रुद्राक्ष को धारण करने से बुखार, हड्डियों की समस्या, आँखों की समस्या, सर्द दर्द, नजर लगना, कमजोरी, पीलिया, रक्त सम्बन्धी बिमारियाँ धीरे धीरे समाप्त हो जाती है।
एकमुखी रुद्राक्ष धारण करने से चित्त में प्रसन्नता, अनायास धन प्राप्ति, रोगमुक्ति और व्यक्तित्व में निखार आता है, शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। ऐसा व्यक्ति जीवन में मनोवांछित इच्छाएं पूर्ण करने में सफल होता है। इसके धारण करने से पुराना दमा ठीक हो जाता है, तपेदिक आदि रोगों में भी तो यह रामबाण है।
एक मुखी रूद्राक्ष को धारण करने का मंत्र:
यह साक्षात रूद्र स्वरूप है और यह विश्व में अत्यन्त दुर्लभ है। जिसके घर में यह रुद्राक्ष होता है, उसे जीवन में किसी प्रकार का कोई अभाव नहीं रहता। यह रुद्राक्ष ब्रह्महत्या के दोष को दूर करने वाला माना गया है। प्रत्येक रुद्राक्ष को सिद्ध करने का एक विशिष्ट मन्त्र होता है, जिससे रूद्राक्ष सिद्ध होकर अपना पूरा प्रभाव दिखा सके, रुद्राक्ष पर बिना मंत्र जप किये या सिद्ध किये धारण करने से, पूर्ण फल प्राप्ति नही हो होती, एक मुखी रुद्राक्ष अटूट लक्ष्मी प्राप्ति के लिए सिद्ध किया जाता है। निम्न मन्त्र का सवा लाख मंत्र जप करने से एक मुखी रुद्राक्ष सिद्ध होता है, यह मंत्र किसी योग्य ब्रहामण से जाप करवा कर धारण करे या किसी ऐसी संस्थान से खरीदें जहा से मंत्र जाप और सिद्ध किया प्राप्त हो सके।
एक मुखी रूद्राक्ष विनियोग :
ॐ अस्य श्रीं शिव मन्त्रस्य प्रसाद ऋषि: पंक्ति छन्द: शिवों देवता हंकारो बीजम् औं शक्ति: मम चतुर्वर्गसिदयर्थे रुद्राक्षधारणार्थे जपे विनियोग: ।
एक मुखी रूद्राक्ष ध्यान :
मुक्तापीनपयोदमौक्तिकजपार्णैर्मुखै: पंचभि: ।
स्त्र्यक्षै राजितमीशमिन्दुमुकुटं पूर्णेन्दुकोटिप्रभम् ॥
शूलंटंककृपाणवज्र दहनान्नागेन्द्रघंटाशुकं ।
हस्ताजेष्वभयं वरांश्चदधतं तेजोज्ज्वलं चिन्तये ॥
एक मुखी रूद्राक्ष मन्त्र :
॥ ॐ ऐं ह्रं औं ऐं ॐ ॥
॥ Om Aim Hrm Oum Aim Om ॥