10 Mukhi Rudraksha Benefits, दस मुखी रुद्राक्ष लाभ

10 Mukhi Rudraksha Benefits | दस मुखी रुद्राक्ष लाभ

10 Mukhi Rudraksha Benefits (दस मुखी रुद्राक्ष लाभ): This 10 Mukhi Rudraksha (10 Mukhi Rudraksha Benefits) is considered the image of Yamraj the god of death. This Rudraksha is not easily available. It is a rare earth. It has very high importance in tantric activities. The person who holds this Rudraksha (10 Mukhi Rudraksha Benefits) doesn’t get trapped under any evil energy related to death. This person will never face premature death or any accident case. This person is safe from all the obstacles of the life. 10 Mukhi Rudraksha is known as image of lord Vishnu. By holding this Rudraksha the person gets fame and respect from the entire world.

Spiritual Significance of 10 Mukhi Rudraksha:

10 Mukhi Rudraksha is also the image of 10 Maha-Vidyas. The person who holds this Rudraksha always has the blessing of 10Maha-Vidyas. He doesn’t face any evil effect in his life. If someone is suffering from the effect of evil spirit, should definitely wear this Rudraksha around his neck. The person who holds this Rudraksha it is said that Yamraj doesn’t take him to hell, so the one who is left follower, must wear this 10 Mukhi Rudraksha (10 Mukhi Rudraksha Benefits).

The Health Benefits of 10 Mukhi Rudraksha:

The person who is not mentally stable, should eat the paste of Rudraksha duly rubbed in a stone plate with water and with juice of Gooseberry  for the improvement in their conditions. If any person having  problem related to urinary gland, should also intake this mixture. If one licks Rudraksha paste with milk three times a day, it will help to cure whooping cough. By wearing this 10 Mukhi Rudraksha (10 Mukhi Rudraksha Benefits), all the diseases like fever, bone problems, headaches, eye problems, eye chills, weakness, jaundice, blood related diseases are removed.

Mantra for Wearing 10 Mukhi Rudraksha:

For every rudraksha it has a specific chant to wear, if the rudraksha is worn after the process of chanting mantra it shows its influence more effectively. If the Rudraksha is worn without chanting the mantra, it does not show its full effect on the person. Ten-faced rudraksha (10 Mukhi Rudraksha Benefits) is purified for getting the blessings from ten Maha-Vidyas. Chant the following mantra for one lakh and twenty five thousand times for purification of the Rudraksha. Wear this 10 Mukhi Rudraksha (10 Mukhi Rudraksha Benefits) after chanting the mantra on Rudraksha by a well qualified Brahmin or purchase from the place where it is already being purified with the mantra on it.

10 Mukhi Rudraksha Appropriation:

Om Asya shree janaarddana mantrasy naarad rshi: anushtupa chhand: janaarddano devata shreen beejam, hreen shakti: abheeshta siddhayarthe rudraaksha dhaaranaarthe jape viniyog:

Meditation:

Vishnu: shaaradachandr kotisadrshan shankhan rathaangan gada
Mmabhojan dadhatan sitaabjanilayan kaantyaan jaganmohanam
Aabaddhaangadahaarakund mahaamaulisphuratkankanan
Shreevatsaankamudaar kaustubhagharanvande muneendraisstutam

Mantra:

॥ ॐ ह्रीं क्लीं व्रीं ॥
॥ Om Hreem Kleem Vreem ॥

दस मुखी रुद्राक्ष के लाभ | 10 Mukhi Rudraksha Benefits

दस मुखी रुद्राक्ष के लाभ: यह रुद्राक्ष यम का स्वरूप माना जाता है, यह रुद्राक्ष मिलना लगभग दुर्लभ सा है। तान्त्रिक क्षेत्र में इसका बहुत अधिक महत्व है। जो व्यक्ति गले में इस दस मुखी रुद्राक्ष को धारण करता है, उस पर मारण मोहन आदि का कोई प्रभाव नहीं होता। ऐसा व्यक्ति न तो अकाल मृत्यु का सामना करता है और न ही किसी दुर्घटना का, सभी विघ्न-बाधाओं से वह व्यक्ति सुरक्षित रहता है। यह रुद्राक्ष (10 Mukhi Rudraksha Benefits) साक्षात विष्णु के स्वरूप का माना गया है। इसके धारण करने से व्यक्ति समस्त संसार में प्रसिद्धि और सम्मान प्राप्त करता है।

दस मुखी रुद्राक्ष का आध्यात्मिक महत्व:

दस मुखी रुद्राक्ष दसमहाविद्या का भी स्वरुप हैं, जो व्यक्ति दस मुखी रुद्राक्ष को धारण करता है, उसे दस महाविद्याओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है, उसके ऊपर किसी भी प्रकार का कोई तांत्रिक प्रयोग सफल नही होता, अगर किसी व्यक्ति पर कोई तांत्रिक प्रयोग हुआ हो उसे अवश्य ही दस मुखी रुद्राक्ष को गले में धारण करना चाहिए। इस रुद्राक्ष को धारण किये हुए व्यक्ति को यमराज नरक में नहीं ले जाते हैं, अत: सभी प्रकार के वाम मार्गियों को दस मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

दस मुखी रुद्राक्ष के स्वास्थ्य लाभ:

पागल लोगों को दस मुखी रुद्राक्ष घिस कर आंवले के रस में देने से काफी फायदा होता है, अगर किसी व्यक्ति को पेशाब सम्बन्धी कोई बिमारी है, तो उसे आंवले के साथ घिस कर सेवन करने से बहुत लाभ मिलता है। दूध के साथ यदि इस रुद्राक्ष को घिसकर तीन बार चटाया जाए, तो कुकुर खांसी का निवारण होता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से बुखार, हड्डियों की समस्या, सर दर्द, आँखों की समस्या, नज़र लगना, कमजोरी, पीलिया, रक्त सम्बन्धी बिमारी धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है।

दस मुखी रूद्राक्ष को धारण करने का मंत्र:

प्रत्येक रुद्राक्ष को सिद्ध करने का एक विशिष्ट मन्त्र होता है, जिससे रूद्राक्ष सिद्ध होकर अपना पूरा प्रभाव दिखा सके, रुद्राक्ष पर बिना मंत्र जप किया या सिद्ध किये धारण करने से, पूर्ण फल प्राप्ति नही होती, दस मुखी रुद्राक्ष दस महाविद्याओं की कृपा प्राप्ति के लिए सिद्ध किया जाता है। निम्न मन्त्र का सवा लाख मंत्र जाप करने से दस मुखी रुद्राक्ष सिद्ध होता है, यह मंत्र किसी योग्य ब्रहामण से जाप करवा कर धारण करे या किसी ऐसी संस्थान से खरीदें, जहा से मंत्र जाप और सिद्ध किया प्राप्त हो सके।

दस मुखी रूद्राक्ष विनियोग:

ॐ अस्य श्री जनार्द्दन मन्त्रस्य नारद ऋषि: अनुष्टुप छन्द: जनार्द्दनो देवता श्रीं बीजं, ह्रीं शक्ति: अभीष्ट सिद्धयर्थे रुद्राक्ष धारणार्थे जपे विनियोग: ।

ध्यान:

विष्णु:  शारदचन्द्र  कोतिसदृशं  शंखं  रथांगं गदा ।
म्मभोजं दधतं सिताब्जनिलयं कांत्यां जगन्मोहनम् ॥
आबद्धांगदहारकुण्ड          महामौलिस्फुरत्कंकणं ।
श्रीवत्सांकमुदार  कौस्तुभघरंवन्दे   मुनीन्द्रैस्स्तुतम् ॥

मन्त्र:

॥ ॐ ह्रीं क्लीं व्रीं ॥
॥ Om Hreem Kleem Vreem॥