11 Mukhi Rudraksha Benefits, ग्यारह मुखी रुद्राक्ष लाभ

11 Mukhi Rudraksha Benefits | ग्यारह मुखी रुद्राक्ष लाभ

11 Mukhi Rudraksha Benefits (ग्यारह मुखी रुद्राक्ष लाभ): 11 Mukhi Rudraksha is the symbol of Ekadash Rudra, by wearing this; the person doesn’t have anything shortage in his life. His house remains prosper with all desired amenities. For females, this Rudraksha is very important. They pray for the safety, longevity, prosperity, and good luck for their husband by assuming this Rudraksha. It is proved very effective for having  children. If a woman licks the paste of Rudraksha duly rubbed in a stone plate with water with honey for 40 days, for sure the female will be granted son. According to “jabalyopanishad” the women will be blessed by child if she wears this Rudraksha duly enchanted.

Spiritual Significance of 11 Mukhi Rudraksha:

11 Mukhi Rudraksha (11 Mukhi Rudraksha Benefits) is considered to have power of eleven Rudras. Worshiping this Rudraksha in the month of Sawan is equivalent to worshiping of lord Shiva. The person who holds this Rudraksha will never face premature death, increases its inner strength and also he gets success in every task.

Health Benefits of 11 Mukhi Rudraksha:

By licking the paste of this Rudraksha with honey can cure the disease like asthma, mental distress, fever, heart problems, anaemia, weakness etc. This Rudraksha gives improvements equal to taking Rudraksha from 1 faced to 10 faced. To destroy infectious disease this Rudraksh (11 Mukhi Rudraksha Benefits) is known to have specialisation in it.

Mantra for Wearing 11 Mukhi Rudraksha:

For every Rudraksha, it has a specific chant for wearing this. If the Rudraksha is worn after the process of chanting mantra it shows its influence more effectively. If the Rudraksha is worn without chanting the mantra it does not shows its full effect on the person. 11 Mukhi Rudraksha (11 Mukhi Rudraksha Benefits) is purified for achieving success and building property with wealth. Chant the following mantra for one lakh twenty five thousand times for purification of this. Wear the Rudraksha after chanting the mantra on Rudraksha (11 Mukhi Rudraksha Benefits) by well qualified Brahmin or purchase from the place where it is already being purified with the mantra on it.

11 Mukhi Rudraksha Appropriation:

Om Asya shree roodra mantrasy kashyap rishi: anushtup achhand: Rudra devata run beejam, kshoon shakti: abheesht siddhayarthe rudraakshadhaar jape viniyog:

Meditation:

Baalaarkaayutatejasan dhrtajataajutendukhandeejjvalan
Naagendrai: krtashekharan japavatee shoolan kapaalan karai:
Khatvaangan dadhatan trinetravilasatpanchaananan sundaran
Vyaaghratvakparidhaanamabjanilayan shreen neelakanthambhajet

Mantra:

॥ ॐ रुं क्षूं मूं यूं ॐ ॥

Om Rum Kshaun Mum Yum Om

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ग्यारह मुखी रुद्राक्ष के लाभ | 11 Mukhi Rudraksha Benefits

ग्यारह मुखी रुद्राक्ष के लाभ (11 Mukhi Rudraksha Benefits): एकादश मुखी रुद्राक्ष साक्षात् एकादश रूद्र का प्रतीक है। इसके धारण करने से व्यक्ति के जीवन में किसी प्रकार का कोई अभाव नहीं रहता, उसका घर सभी दृष्टियों से सम्पन्न बना रहेता है, स्त्रियों के लिए यह रुद्राक्ष बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है, स्त्रियाँ अपने पति की सुरक्षा, दीर्घायु, उन्नति और सौभाग्य प्राप्ति के लिए इस रुद्राक्ष को धारण करती है, सन्तान प्राप्ति के लिए भी यह रुद्राक्ष पूर्ण सहायक माना गया है, इस रुद्राक्ष को घिस कर शहद के साथ 40 दिन तक सेवन करने से निश्चित ही पुत्र संतान की प्राप्ति होती है, ‘जाबाल्योपनिषद्’ के अनुसार कोई भी स्त्री इस रुद्राक्ष को अभिमन्त्रित कर धारण करे, तो उसे निश्चय ही पुत्र लाभ होता है।

ग्यारह मुखी रुद्राक्ष का आध्यात्मिक महत्व:

यह रुद्राक्ष साक्षात् ग्यारह रूद्र के सामान माना गया है। सावन में ग्यारह मुखी रुद्राक्ष की पूजा करना शिव पार्थीव पूजन के बराबर है। जो व्यक्ति इसे गले में धारण करते है उनकी कभी भी अकाल मृत्यु नहीं होती है। इसके धारण करने से व्यक्ति के अंदर आत्मबल की वृद्धि होती है, और प्रत्येक कार्य में सफलता मिलती है।

ग्यारह मुखी रुद्राक्ष के स्वास्थ्य लाभ:

ग्यारह मुखी रुद्राक्ष शहद के साथ घिस के खाने से अस्थमा जैसी बिमारी में भी सबसे ज्यादा फायदा होता है, रुद्राक्ष मानसिक कष्ट, बुखार, ह्र्दय की समस्या, खून की कमी, कमजोरी, आदि रोगों को दूर करता है, एक से दस मुखी रुद्राक्ष तक का सेवन करने से लाभ प्राप्त होता है, वह सभी का एक अकेले ग्यारह मुखी रुद्राक्ष के सेवन से लाभ मिल जाता है। संक्रामक रोगों के नाश के लिए इस रुद्राक्ष का विशेष उपयोग किया जाता है।

ग्यारह मुखी रूद्राक्ष को धारण करने का मंत्र:

प्रत्येक रुद्राक्ष को सिद्ध करने का एक विशिष्ट मन्त्र होता है, जिससे रूद्राक्ष सिद्ध होकर अपना पूरा प्रभाव दिखा सके, रुद्राक्ष पर बिना मंत्र जप किया या सिद्ध किये धारण करने से, पूर्ण फल प्राप्ति नही होती, ग्यारह मुखी रुद्राक्ष  लक्ष्मी प्राप्ति के लिए सिद्ध किया जाता है। निम्न मन्त्र का सवा लाख मंत्र जाप करने से ग्यारह मुखी रुद्राक्ष सिद्ध होता है, यह मंत्र किसी योग्य ब्रहामण से जाप करवा कर धारण करे या किसी ऐसी संस्थान से खरीदें, जहां से मंत्र जाप और सिद्ध किया प्राप्त हो सके।

ग्यारह मुखी रूद्राक्ष विनियोग:

ॐ अस्य श्री रूद्र मन्त्रस्य कश्यप ऋषि: अनुष्टुप छन्द: रुद्रो देवता रुं बीजं, क्षूं शक्ति: अभीष्ट सिद्धयर्थे रुद्राक्ष धारणार्थे जपे विनियोग:।

ध्यानम्:

बालार्कायुततेजसं धृतजटाजुटेन्दुखण्डीज्ज्वलं ।
नागेन्द्रै: कृतशेखरं जपवटी शूलं कपालं करै: ।
खट्वांगं दधतं त्रिनेत्रविलसत्पंचाननं सुन्दरं ।
व्याघ्रत्वक्परिधानमब्जनिलयं श्रीं नीलकण्ठंभजेत् ।

मन्त्र:

॥ ॐ रुं क्षूं मूं यूं ॐ ॥

Om Rum Kshum Mum Yum Om