14 Mukhi Rudraksha Benefits, चौदह मुखी रुद्राक्ष लाभ

14 Mukhi Rudraksha Benefits | चौदह मुखी रुद्राक्ष लाभ

14 Mukhi Rudraksha Benefits (चौदह मुखी रुद्राक्ष लाभ): 14 Mukhi Rudraksha/Fourteen Face Rudraksha is the replica of Tripurari an assumption of Lord Shiva. It is the ultimate embodiment of Shiva. According to “jabalyopanishad” it has evolved from the eyes of Rudra the reincarnation of Shiva. By holding this Rudraksha one gets benefits of health, liberation, and development. He is under the blessing of goddess laxmi. The person who wears one-faced Rudraksha or fourteen-faced Rudraksha, that person is very near to lord Shiva.

If this person bless anyone in happiness or curse anyone, one can see immediate results of his spell. The high level monks, left followers or devotees of lord Shiva always wear this Rudraksha. Holding this Rudraksha shows the benefit in health related issues. The person always stays healthy if he wears it around his neck. This Rudraksha (14 Mukhi Rudraksha Benefits) is also called the form of Hanuman. This Rudraksha has unlimited benefits and qualities. The person who holds this Rudraksha is known to be the form of lord Shiva.

Spiritual Significance of 14 Mukhi Rudraksha:

14 Mukhi Rudraksha (14 Mukhi Rudraksha Benefits) is known as the embodiment of lord Shiva. The effect of fourteen-faced Rudraksha is similar to the effect of one-faced Rudraksha. The person who practices meditation by wearing this Rudraksha, always becomes successful.

Health Benefits of 14 Mukhi Rudraksha:

It is beneficial for all types of incurable diseases, if its paste is taken with honey and butter. The best Rudraksha for the success of the life is Navagraha, which is known to be very auspicious. 14 Mukhi Rudraksha (14 Mukhi Rudraksha Benefits) can be worn on any Monday during the fast of Pradosh (lent of dusk).

Mantra for Wearing 14 Mukhi Rudraksha:

For every Rudraksha, it has a specific chant for wearing this, If the Rudraksha is worn after the process of chanting mantra it shows its influence more effectively, if the Rudraksha is worn without chanting the mantra it does not shows its full effect on the person. 14 Mukhi Rudraksha (14 Mukhi Rudraksha Benefits) is purified for impressing lord Rudra and to cure incurable diseases. Chant the following mantra for one lakh twenty five thousand times for the purification of the Rudraksha. Wear the Rudraksha (14 Mukhi Rudraksha Benefits) after chanting the mantra on this by well qualified Brahmin or purchase from the place where it is already being purified with the mantra on it.

Appropriation of 14 Mukhi Rudraksha Benefits:

Om Asya shreen hanumanmantrasy raamachandr: rishi: jagatee chhand: shree hanumaddevat aaun beejam, hasphrai Shakti: abheesht siddhayarthe jape viniyog:


Meditation:

Ddanmaartandakoti prakataruchiyutan chaaru veeraasanasthan
Maujeenyagyopaveetaabharanaroochishikhaashobhitan kundala bhayam
Bhaktaanaamishtadaanapravan mudinan vedanaad-pramodan
Dhyaayaiddevan vidheyan plavagakulapati goshpadee bhootavauddhim

Mantra:                                                          

॥ ॐ औं हस्फ्रै खबफ्रै हस्रौ हसब्फ्रौ ॥
॥Om oun Hasfren Khabfren Hasrau Hasbfron॥

14 Mukhi Rudraksha Benefits, चौदह मुखी रुद्राक्ष लाभ

चौदह मुखी रुद्राक्ष के लाभ | 14 Mukhi Rudraksha Benefits

चौदह मुखी रुद्राक्ष के लाभ (14 Mukhi Rudraksha Benefits): यह रुद्राक्ष त्रिपुरारी का स्वरूप है, यह रुद्राक्ष साक्षात् परम ब्रहम शिव का स्वरुप माना गया है,‘ जाबाल्योनिषद्’ के अनुसार इसकी उत्पत्ति रूद्र की आंखों से हुई है। इसके धारण करने से स्वास्थ्य लाभ, रोग मुक्ति एवं उन्नति होती है, लक्ष्मी वर माला लेकर उसके पीछे-पीछे चलती है। यह रुद्राक्ष रामबाण है, प्रत्येक प्रकार है। जो व्यक्ति एक मुखी रुद्राक्ष या चौदह मुखी रुद्राक्ष धारण करता है उसे सदा शिव के समान ही मानना चाहिए। ऐसे व्यक्ति किसी को खुश होकर आशीर्वाद दे या दुखी हो कर श्राप दे तो, वह तुरंत फलित हो जाता है। उच्च्यकोटि के सन्यासियों, वाम मार्गियों एवं शिव तथा देवी भक्तों को चौदह मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए। के रोग में इसको धारण करने से निश्चय ही लाभ प्राप्त होता है। इस रुद्राक्ष के गले में होने से व्यक्ति सदा निरोग रहता है। ऐसा रुद्राक्ष हनुमान का स्वरूप भी माना जाता है। इस रुद्राक्ष के अनन्त लाभ और गुण हैं। इसको धारण करने वाला व्यक्ति साक्षात शिव स्वरूप हो जाता है।

चौदह मुखी रुद्राक्ष का आध्यात्मिक महत्व:

चौदह मुखी रुद्राक्ष साक्षात् परम ब्रहम शिव का स्वरुप माना गया है। जितना प्रभाव एक मुखी रुद्राक्ष का होता है उतना ही चौदह मुखी रुद्राक्ष होता जो साधक चौदह मुखी रुद्राक्ष धारण करके साधना करते है उनकी साधना अवश्य सिद्ध होती है।

चौदह मुखी रुद्राक्ष के स्वास्थ्य लाभ:

सभी असाध्य रोगों में इसका सेवन मधु या मक्खन के साथ लाभकारी सिद्ध होता है। जीवन में सफलता के लिए नवग्रह रुद्राक्ष माला सर्वोतम है। इसे किसी भी सोमवार प्रदोष व्रत के दिन धारण कर सकते है।

चौदह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र:

प्रत्येक रुद्राक्ष को सिद्ध करने का एक विशिष्ट मन्त्र होता है, जिससे रूद्राक्ष सिद्ध होकर अपना पूरा प्रभाव दिखा सके, रुद्राक्ष पर बिना मंत्र जप किए या सिद्ध किये धारण करने से, पूर्ण फल प्राप्ति नही होती, चौदह मुखी रुद्राक्ष रूद्र को प्रसन्न करने और असाध्य रोगों को जड़ से समाप्त करने के लिए सिद्ध किया जाता है। निम्न मन्त्र का सवा लाख मंत्र जाप करने से चौदह मुखी रुद्राक्ष सिद्ध होता है, यह मंत्र किसी योग्य ब्रहामण से जाप करवा कर धारण करे या किसी ऐसी संस्थान से खरीदें, जहां से मंत्र जाप और सिद्ध किया प्राप्त हो सके।

चौदह मुखी रुद्राक्ष लाभ विनियोग:

ॐ अस्य श्रीं हनुमन्मन्त्रस्य रामचन्द्र: ऋषि: जगती छन्द: श्री हनुम द्देवता औं बीजं, हस्फ्रै शक्ति: अभीष्ट सिद्धयर्थे जपे विनियोग: ।

ध्यान:

मौजींयज्ञोपवीताभरणरूचिशिखाशोभितं कुण्डला भ्याम् ॥
भक्तानामिष्टदानप्रवण     मुदिनं    वेदनाद-प्रमोदं ।
ध्यायैद्देवं  विधेयं  प्लवगकुलपति गोष्पदी भूतवौद्धिम ॥

मन्त्र:

॥ ॐ औं हस्फ्रै खबफ्रै हस्रौ हसब्फ्रौ ॥

Om Oun Hasfrem Khabfrem Hasbfrom