16 Mukhi Rudraksha Benefits, सोलह मुखी रुद्राक्ष लाभ

16 Mukhi Rudraksha Benefits | सोलह मुखी रुद्राक्ष के लाभ

16 Mukhi Rudraksha Benefits (सोलह मुखी रुद्राक्ष लाभ): 16 Mukhi Rudraksha/Sixteen Face Rudraksha  is known as the representative of the conquest over period. By holding this one does not suffer from the outbreak of heat and cold, the monks, who meditate in jungles, this Rudraksha is very much useful to them. The house, where this Rudraksha remains,  will not face any incidence related to fire, theft, and robbery. If any astrologer has claimed Marrakesh time of child and given this Rudraksha to the child, through the experiences we had seen amazing results each and every time. The person who wears this Rudraksha never faces premature death. Wearing this gives you blessing of goddess Maha laxmi and their property lasts long.

Spiritual Significance of 16 Mukhi Rudraksha:

Wearing this Rudraksha (16 Mukhi Rudraksha Benefits) one gets good health and wealth for life. If one holds this Rudraksha from the holy place one increases its self-knowledge. This Rudraksha is soul of goddess Chinnamasta Maha Vidyas. This Rudraksha also maintain control on cold, heat, hunger and thirst.

The Health Benefits of 16 Mukhi Rudraksha:

16 Mukhi Rudraksha (16 Mukhi Rudraksha Benefits) is similar to sixteen sacraments of life, wearing this one leads cultured life ahead; Brahman achieves success in meditation for impressing god goddess. By taking this Rudraksha with butter one cures all the diseases shortly, the person who wears this Rudraksha gets many advantages immediately, this person will never face negative effects of planets.

Mantra for Wearing 16 Mukhi Rudraksha:

For every Rudraksha it has a specific chant for wearing this. If the Rudraksha is worn after the process of chanting mantra, it shows its influence more effectively, if the Rudraksha is worn without chanting the mantra it does not shows its full effect on the person. 16 Mukhi Rudraksha (16 Mukhi Rudraksha Benefits) is purified for impressing lord Pashupati nath. Chant the following mantra for one lakh twenty five thousand times for purification of the Rudraksha. Wear the Rudraksha after chanting the mantra on Rudraksha by a well qualified Brahmin or purchase from the place where it is already being purified with the mantra on it.

Appropriation of 16 Mukhi Rudraksha Benefits:

Asya shree brahma mantrasy bhaargav rishi: anushtupa chhand: Brahma devata vaan beejam kraan Shakti: abheeshta siddhayarthe rudraaksha dhaaranaarthe jape viniyoga:

Meditation:

Pranamy shirasa shashv, danshtraavaktran chaturmukham
Gayatri sahitan devan, namaami vidhimeeshvaram

Mantra:

॥ ॐ वां क्रां तां ह्रां ऐं श्रीं ॥
॥ Om Vaam Kraam Taam Hraam Aim Shreem ॥

16 Mukhi Rudraksha Benefits, सोलह मुखी रुद्राक्ष लाभ

सोलह मुखी रुद्राक्ष के लाभ | 16 Mukhi Rudraksha Benefits   

सोलह मुखी रुद्राक्ष के लाभ (16 Mukhi Rudraksha Benefits): यह रुद्राक्ष काल विजय का प्रतिनिधि करता है। इसके धारण करने से सर्दी-गर्मी का प्रकोप नहीं रहता, जो साधु जंगलो में विचरण करते रहते हैं, उनके लिए यह विशेष उपयोग है। जिस घर में यह रुद्राक्ष होता है, उस घर में आग लगने, चोरी, डकैती का भय नहीं रहता। ज्योतिष की दृष्टि से जब-जब भी किसी बालक या व्यक्ति का मारकेश समय अनुभव हुआ है और उसे यह रूद्राक्ष पहनाया गया है, तब-तब आश्चर्यजनक परिणाम देखने को मिले हैं। जो व्यक्ति इस रूद्राक्ष को धारण करता है, उसकी मृत्यु शस्त्र से कभी नहीं होती, और न ही उसे अकाल मृत्यु का सामना करना पड़ता है। इसे पहनने से महालक्ष्मी की प्राप्ति होती है और अचल सम्पत्ति बनी रहती है।

सोलह मुखी रुद्राक्ष का आध्यात्मिक महत्व:

सोलह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से महान सम्पत्ति तथा आरोग्य प्राप्ति होती है। यदि इसे पवित्र भावना से धारण किया जाये तो आत्म ज्ञान की प्राप्ति होती है। यह रुद्राक्ष छिन्नमस्ता महाविद्या स्वरूप है, जो सर्दी, गर्मी, भूख, प्यास पर नियंत्रण बनाये रखने में सक्षम है।

सोलह मुखी रुद्राक्ष के स्वास्थ्य लाभ:

सोलह मुखी रुद्राक्ष जीवन के सोलह संस्कार स्वरूप है, इसे धारण करने से जीवन पूर्ण संस्कारी युक्त बनता है, साधक साधनाओं में पूर्ण सफलता प्राप्त करता है, इस रुद्राक्ष को मक्खन के साथ घिस कर सेवन करने से समस्त प्रकार के रोग शीघ्र ही समाप्त हो जाते है, इस रुद्राक्ष को धारण किये हुए व्यक्ति को, कई सिद्धियां स्वत: ही प्राप्त हो जाती है, ऐसे व्यक्ति पर नवग्रहों का नकारात्मक प्रभाव नही होता है।

सोलह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र:

प्रत्येक रुद्राक्ष को सिद्ध करने का एक विशिष्ट मन्त्र होता है, जिससे रूद्राक्ष सिद्ध होकर अपना पूरा प्रभाव दिखा सके, रुद्राक्ष पर बिना मंत्र जप किये या सिद्ध किये धारण करने से, पूर्ण फल प्राप्ति नही होती, सोलह मुखी रुद्राक्ष काल ज्ञान की सिद्धि के लिए सिद्ध किया जाता है। निम्न मन्त्र का सवा लाख मंत्र जाप करने से सोलह मुखी रुद्राक्ष सिद्ध होता है, यह मंत्र किसी योग्य ब्रहामण से जाप करवा कर धारण करे या किसी ऐसी संस्थान से खरीदें, जहां से मंत्र जाप और सिद्ध किया प्राप्त हो सके।

सोलह मुखी रुद्राक्ष विनियोग:

अस्य श्री ब्रह्मान्त्रस्य भार्गव ऋषि: अनुष्टुप छन्द: ब्रह्मा देवता वां बीजं क्रां शक्ति: अभीष्ट सिद्धयर्थे रुद्राक्ष धारणार्थे जपे विनियोग: ।

ध्यान:

प्रणम्य शिरसा शश्व, दंष्ट्रावक्त्रं चतुर्मुखम् ।
गायत्री  सहितं  देवं, नमामि विधिमीश्वरम् ।

मन्त्र:

॥ ॐ वां क्रां तां ह्रां ऐं श्रीं ॥

Om Vaam Kraam Taam Hraam Aim  Shreem