18 Mukhi Rudraksha Benefits, अठारह मुखी रुद्राक्ष लाभ

18 Mukhi Rudraksha Benefits | अठारह मुखी के लाभ

18 Mukhi Rudraksha Benefits (अठारह मुखी रुद्राक्ष लाभ): 18 Mukhi Rudraksha/Eighteen Face Rudraksha is considered as earth. The person who wears this one, remains healthy, happy and with sound health. For retaining pregnancy, this Rudraksha is very useful. The women, who miscarriages time and again must hold this Rudraksha to retain their pregnancy. For the eradication of the diseases from the children, this Rudraksha is very useful. This is also called the Bhairav of Earth. This Rudraksha is very much useful for those, who are concerned with mining etc. This one is beneficial for the persons involved in the business of iron ore, jewelry, builders, architecture, property dealing, contractors, and farmers etc. The evil effects of the planets do not affect to the holders of this Rudraksha.

Spiritual Importance of 18 Mukhi Rudraksha:

18 Mukhi Rudraksha is considered similar to 18 vegetations. It is a rare one which is associated with earth and represents the countenance of Bhairav of Lord Shiva. Bhairav is a angry appearance of Lord Shiva and hence the person who is retaining this Rudraksha is always under the shelter of Bhairav.

Health Benefits by 18 Mukhi Rudraksha:

18 Mukhi Rudraksha acted as a miracle for many diseases. Women delivered son after consuming the paste of this Rudraksha duly rubbed in the stone plate with honey. The baby in the mother’s womb remains safe, if this Rudraksha is retained by mother. This Rudraksha makes the muscle strong of the baby in the womb, increases physical power and all the diseases are eradicated if any.

The spell to Retain the 18 Mukhi Rudraksha:

There is a specific spell for retaining this Rudraksh. After getting purified, it should be retained so that its influence effects wholly. If it is held without purifying it, it may not work with full effect. This Rudraksh is retained for the improvement in financial condition. Chanting the following spell for one lakh twenty five thousand times will purify this Rudraksh. This spell must be chanted by an able Brahmin or can be purchased from a trusted shop wherein purified Rudraksh is available.

Appropriation of 18 Mukhi Rudraksha Benefits:

Om asya sree brahma mantrasya dakshina moorti rishih panktish chhandah kartikeya devta, aing beejam soun shaktih kleeng keelakaam abheeshth siddhyarthe rudraksha dharanerthe jape viniyoga.

Meditation:

Kranchparvatvidaranlolo, danavendravanitakritkhandah
Chutpallavshiromanichopi, bhoshadanana jagatparipahi.

Mantra:

॥ ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं सौं ऐं ह्रीं ॥
॥ Om Hreem Shreem Kleeng Soun Aim Hreem॥

18 Mukhi Rudraksha Benefits, अठारह मुखी रुद्राक्ष लाभ

अठारह मुखी रुद्राक्ष के लाभ | 18 Mukhi Rudraksha Benefits

अठारह मुखी रुद्राक्ष के लाभ (18 Mukhi Rudraksha Benefits): यह रुद्राक्ष पृथ्वी का स्वरूप माना गया है, इसके धारण करने से व्यक्ति स्वस्थ, हृष्ट-पुष्ट एवं प्रसन्न रहता है। गर्भ रक्षा के लिए यह रुद्राक्ष विशेष उपयोगी है। जिन महिलाओं का बार-बार गर्भपात होता हो, उन्हें यह रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। शिशु रोगों के निवारण में इसका प्रयोग मुख्य रूप से किया जाता है। यह रुद्राक्ष पृथ्वी का भैरव भी कहा जाता है, यह भूमि संबंधित कार्यों से जुडे़ लोगों के लिए उत्तम माना गया है,यह रुद्राक्ष लौह अयस्क, जवाहरात, बिल्डरों, आर्किटेक्ट, संपत्ति डीलरों, ठेकेदारों, आर्किटेक्ट, किसानों, आदि के लिए बहुत अच्छा और लाभदायक होता है, इस रुद्राक्ष के धारण से सभी प्रकार से लाभ और प्रसिद्धि प्राप्त होती है, ऐसे व्यक्ति पर बुरे ग्रहों का प्रभाव नही होता।

अठारह मुखी रुद्राक्ष का आध्यात्मिक महत्व:

यह रूद्राक्ष अठारह (18 Mukhi Rudraksha Benefits) वनस्पतियों का प्रतीक माना गया है, यह एक दुर्लभ रूद्राक्ष है, जो माँ पृथ्वी के साथ जुड़ा हुआ है, यह भगवान शिव के भैरव रूप का प्रतिनिधित्व भी करता है, भैरव भगवान शिव का एक भयानक और क्रोधित रुप है, अत: इस रुद्राक्ष को धारण किये हुए व्यक्ति की सभी प्रकार की रक्षा स्वयं भैरव करते हैं।

अठारह मुखी रुद्राक्ष के स्वास्थ्य लाभ:

अठारह मुखी रूद्राक्ष (18 Mukhi Rudraksha Benefits) कई बिमारियों के लिए चमत्कारी साबित हुआ है, गर्भवती महिलाओं को घिस कर मधु के साथ सेवन करने से भाग्यशाली पुत्र संतान प्राप्त होती है, इसे गले में धारण करने से गर्भ में पल रहे शिशु की रक्षा होती है, स्नायु तंत्र मंजबूत होता और उसकी शारीरिक क्षमता का विकास होता है, तथा किसी भी प्रकार की मानिसक समस्या में इसे धारण करने से शिघ्र रोग दूर हो जाता है।

अठारह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र:

प्रत्येक रुद्राक्ष को सिद्ध करने का एक विशिष्ट मन्त्र होता है, जिससे रूद्राक्ष सिद्ध होकर अपना पूरा प्रभाव दिखा सके, रुद्राक्ष पर बिना मंत्र जप किया या सिद्ध किये धारण करने से, पूर्ण फल प्राप्ति नही होती, अठारह मुखी रुद्राक्ष आर्थिक उन्नति के लिए सिद्ध किया जाता है। निम्न मन्त्र का सवा लाख मंत्र जाप करने से अठारह मुखी रुद्राक्ष (18 Mukhi Rudraksha Benefits) सिद्ध होता है, यह मंत्र किसी योग्य ब्रहामण से जाप करवा कर धारण करे या किसी ऐसी संस्थान से खरीदें, जहां से मंत्र जाप और सिद्ध किया प्राप्त हो सके।

अठारह मुखी रुद्राक्ष विनियोग:

अस्य श्री ब्रह्मा मन्त्रस्य दक्षिणा मूर्ति ऋषि: पंक्तिश्छ्न्द: कार्तिकेय देवता, ऐं बीजं सौं शक्ति: क्लीं कीलकं अभीष्ट सिद्धयर्थे रुद्राक्ष धारणार्थे जपे विनियोग: ।

ध्यानम्:

क्रौंचपर्वतविदारणलोलो, दानवेन्द्रवनिताकृतखण्ड: ।
चुतपल्लवशिरोमणिचोपी, भोषडानन जगत्परिपाहि ॥

मन्त्र:

॥ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं सौं ऐं ह्रीं ॥
॥ Om Hreem Shreem Kleem Sohm Aim Hreem ॥

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