20 Mukhi Rudraksha Benefits, बीस मुखी रुद्राक्ष लाभ

20 Mukhi Rudraksha Benefits/बीस मुखी रुद्राक्ष लाभ

20 Mukhi Rudraksha Benefits (बीस मुखी रुद्राक्ष लाभ): 20 Mukhi Rudraksha/Twenty faced Rudraksh (20 Mukhi Rudraksha Benefits) is the symbol of Brahma. Retaining this will enhance the devotion and knowledge and bring mental concentration. To improve the eye sight this Rudraksh is used. It is said that twenty faced Rudraksh is none other than Brahma. The involvement of Brahma, Vishnu and Mahesh in this Rudraksh (20 Mukhi Rudraksha Benefits) made it concerned with the god of eight cardinal and ordinal directions, eight guardians of directions and nine planets. The person holding twenty faced Rudraksh behaves and practices truth and achieves knowledge and mental peace. Lord Shiva becomes glad with him. The sin of the human being is removed and the man receives salvation.

Spiritual Importance of 20 Mukhi Rudraksha:

It gives the spiritual knowledge. 20 Mukhi Rudraksha (20 Mukhi Rudraksha Benefits) is considered as the symbol of trust and sage and the person who takes the retention with system and rule remains absorbed in devotion.

According to the ancient Vaidic text, if this Rudraksh is retained, the person will be always out of fear of ghosts, boggard and snakes and other fearful things. It also saves a person from evil spirit.

Health Benefit from 20 Mukhi Rudraksha:

By retention of twenty faced Rudraksh (20 Mukhi Rudraksha Benefits), one is barred from eye sight problems. This Rudraksh enhances mental power and provides the relief from evil effects of the planets. It saves from cracy barrier.

Appropriation of 20 Mukhi Rudraksha Benefits:

om asya shree ganesh mantrasya bhargav rishi. Anushtoop chhandah vinayako devta beejam, aang. shaktih chaturvarg siddhyarthe rudraksha dharanerthe jape viniyoga.

Meditation of 20 Mukhi Rudraksha Benefits:

Haratu kul ganesho vighnasandhansheshan
Nayatu sakalsampoornata sadhaknaam
Pibatu batuknathah shoshitan nimnakanam

Mantra of 20 Mukhi Rudraksha Benefits :

॥ ॐ ज्ञां ज्ञीं लं अं ऐं श्रीं ॥
॥ Om Gyaam Geem Lam Am Aim Shreem॥

20 Mukhi Rudraksha Benefits, बीस मुखी रुद्राक्ष लाभ

बीस मुखी रुद्राक्ष के लाभ/20 Mukhi Rudraksha Benefits

बीस मुखी रुद्रख के लाभ (20 Mukhi Rudraksha Benefits): बीस मुखी रुद्राक्ष ब्रम्हा का प्रतीक होता है, इसके धारण करने से ज्ञान एवं भक्ति में उत्तरोत्तर उन्नति होती है तथा मन एकाग्र रहता है। नेत्र ज्योति बढाने के लिए इस रुद्राक्ष का प्रयोग किया जाता है। बीस मुखी रुद्राक्ष के साक्षात् देवता भगवान ब्रह्मा है। ब्रह्मा, विष्णु और महेश की शक्तियों के रूप में इस रुद्राक्ष में आठ दिक्पालों, आठ दिशाओं के परमेश्वर और नौ ग्रह भी निहित हैं। बीस मुखी रूद्राक्ष को धारण करने वाला सत्य का आचरण करता है, तथा ज्ञान एवं मानसिक शांति को प्राप्त करता है। यह रुद्राक्ष को धारण करने से भगवान शिव प्रसन्न होते है। व्यक्ति अपने पापों का अंत करके व्यक्ति को मोक्ष (मुक्ति) प्राप्त करता हैं।

बीस मुखी रुद्राक्ष का आध्यात्मिक महत्व :

बीस मुखी रुद्राक्ष आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करता है। यह रुद्राक्ष विश्वासु मुनि साधु का प्रतीक भी माना जाता है, जो भी इसे विधि विधान सहित धारण करता है, वह भक्ति में लीन रहता है। प्राचीन वैदिक ग्रंथों के अनुसार इस रूद्राक्ष को उपयोग में लाने से व्यक्ति भूत, पिशाच, सांप एवं अन्य भयानक वस्तुओं के भय मुक्ति प्राप्त करता है। यह रुद्राक्ष बुरी शक्तियों से भी रक्षा का करता है।

बीस मुखी रुद्राक्ष के स्वास्थ्य लाभ:

बीस मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से नेत्र दृष्टि समस्याओं खत्म होने लगती है, यह रुद्राक्ष दिमागी शक्ति को बढ़ाता है, क्रूर ग्रहों के अशुभ प्रभावों से मुक्ति दिलाता है। तंत्र बाधा से यह रुद्राक्ष रक्षा करता है।

विनियोग:

अस्य श्री गणेश मन्त्रस्य भार्गव ऋषि। अनुष्टुपछंद: विनायको देवता ग्रीं बीजं, आं शक्ति: चतुर्वर्गसिद्धयर्थे रुद्राक्ष धारणार्थे जपे विनियोग:।

ध्यानम् :

हरतु कुल  गणेशो  विघ्नसंधानशेषान्।
नयतु  सकलसम्पूर्णता  साधकानाम्॥
पिबतु बटुकनाथ: शोषितं निम्नकानां।
दिशतु सकलकामान् कौलिकानां गणेश:॥

 मन्त्र:

॥ ॐ ज्ञां ज्ञीं लं अं ऐं श्रीं ॥
॥ Om Gyaam Geem Lam Am Aim Shreem॥