3 Mukhi Rudraksha Benefits | तीन मुखी रुद्राक्ष के लाभ
3 Mukhi Rudraksha Benefits (तीन मुखी रुद्राक्ष लाभ): 3 Mukhi Rudraksha/Three Faced Rudraksha is considered to be an embodiment of fire (Agni), it is the replica of trioagni. By holding this Rudraksh one will never face the problems related to fever, weakness, jaundice etc. It reduces all the effect of diseases in a short period of time.
If one drinks the paste rubbed by this Rudraksh with milk, it is believed to remove the web of the eye. After wearing this, the person keeps himself busy in one or other work. If one is worried that he is not getting job anywhere, it is believed that after wearing this one gets job very soon. This Rudraksh is the face of Agni, by wearing this one can eradicate the sin of killing women.
Spiritual Significance of 3 Mukhi Rudraksha:
3 Mukhi Rudraksha is known as indicative of trinity. The person who holds the Rudraksh and worships it, he will always have blessings from Brahma, Vishnu, Shiva. It increases the wealth and health of the family.
The Health Benefits of 3 Mukhi Rudraksha:
The person who suffers from fever in every 3 days gap, if this person wears the rudraksha it is believed to cure the fever for a long period of time. If the blood circulation increases, one should take Rudraksha paste with honey. If one cannot catch the diseases of the patient then the patient should wear three faced rudraksha and have the pastes of Rudraksha with honey for betterment of the health. By wearing this rudraksha one can cure the obesity, stomach problems, haemorrhoids, jaundice, kidney, blood-related diseases etc.
Mantra for Wearing 3 Mukhi Rudraksha:
For every Rudraksh, there is a specific chant for wearing. If the Rudraksh is worn after the process of chanting mantra, it shows its effect more effectively. If the Rudraksh is worn without chanting the mantra it does not show its full effect on the person. Three faced rudraksh is purified for the good effects on heath. Wear the Rudraksh after chanting the mantra on Rudraksh by a well qualified Brahmin or purchase from the place where it is already been purified with the mantra on it.
Appropriation of 3 Mukhi Rudraksha Benefits:
Om Asya shree agnir mantrasy vasishthaj rishi:, Gayatri chhand:, agnir devata hreen beejam hroon shakti chatur varga siddhayarthe rudraaksha dhaaranaarthe jape viniyog:
Meditation:
Ashtashakti svastikaamaatimuchchai, deergharebhirdhaarayat japaamam
hemaakalpan padmasansthan trinetran, dhyaayedbrahma baddhamauli jataabhi
Mantra:
॥ ॐ रं इं ह्रीं हूं ॐ ॥
॥ Om Ram Im Hreem Hum Om ॥
तीन मुखी रुद्राक्ष के लाभ | 3 Mukhi Rudraksha Benefits
तीन मुखी रुद्राक्ष के लाभ (3 Mukhi Rudraksha Benefits): यह रुद्राक्ष अग्निस्वरूप माना गया है, यह त्रयाग्नि का प्रतिरूप है। इसे धारण करने से किसी भी प्रकार की बिमारी, बुखार या कमज़ोरी नहीं रहती, पीलिया के रोग में तो यह रामबाण की तरह काम करता है। यदि दूध में घिसकर पिलाया जाए, तो आंखों का जाला कट जाता है। इसके धारण करने से व्यक्ति हमेशा कोई न कोई काम करता रहता है। यदि किसी की नौकरी नहीं लग रही हो, या खाली घूम रहा हो, तो इसके धारण करने से निश्चय ही उसकी नौकरी लग जाती है। यह रुद्राक्ष अग्नि स्वरूप है, इसके धारण करने से स्त्री-हत्या का पाप दूर हो जाता है।
तीन मुखी रुद्राक्ष का आध्यात्मिक महत्व:
तीन मुखी रुद्राक्ष (3 Mukhi Rudraksha Benefits) त्रिदेव का सूचक है। जो व्यक्ति इस रूद्राक्ष को धारण करते हैं या इसकी पूजा करते हैं, उन पर ब्रह्मा, विष्णु तथा महेश सदैव प्रसन्न रहते हैं। उसके जीवन में उनकी धन और आयु की वृद्धि होती रहती है।
तीन मुखी रुद्राक्ष के स्वास्थ्य लाभ:
जिस व्यक्ति को हर तीन दिन में बुखार आता हो, ऐसे व्यक्ति को तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से बुख़ार शीघ्र ही खत्म हो जाता है। इसके धारण करने से रक्त चाप भी अधिक हो, तो तीनमुखी रुद्राक्ष (3 Mukhi Rudraksha Benefits) को घिस कर मधु के साथ सेवन करना चाहिए। इसके सेवन से उच्च रक्त चाप ठीक हो जाता है। यदि रोगी की बिमारी पकड़ में ना आये तो, ऐसे रोगियों को भी तीन मुखी रुद्राक्ष घिस कर सेवन करने से आराम आता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से मोटापा, पेट की समस्या, बवासीर, पीलिया, गुर्दा, रक्त सम्बन्धी बिमारी आदि धीरे धीरे समाप्त हो जाती है।
तीन मुखी रूद्राक्ष को धारण करने का मंत्र:
प्रत्येक रुद्राक्ष को सिद्ध करने का एक विशिष्ट मन्त्र होता है, जिससे रूद्राक्ष सिद्ध होकर अपना पूरा प्रभाव दिखा सके, रुद्राक्ष पर बिना मंत्र जप किया या सिद्ध किये धारण करने से, पूर्ण फल प्राप्ति नही हो होता, तीन मुखी रुद्राक्ष रोग मुक्ति के लिए सिद्ध किया जाता है। निम्न मन्त्र का सवा लाख मंत्र जाप करने से तीन मुखी रुद्राक्ष (3 Mukhi Rudraksha Benefits) सिद्ध होता है, यह मंत्र किसी योग्य ब्रहामण से जाप करवा कर धारण करे या किसी ऐसी संस्थान से खरीदें, जहां से मंत्र जाप और सिद्ध किया प्राप्त हो सके।
तीन मुखी रुद्राक्ष विनियोग:
ॐ अस्य श्री अग्निर्मन्त्रस्य वसिष्ठज ऋषि:, गायत्री छन्द:, अग्निर्देवता ह्रीं बीजं ह्रूं शक्ति-चतुर्वर्गसिद्धयर्थे रुद्राक्षधारणार्थे जपे विनियोग:।
ध्यानम्:
अष्टशक्ति स्वस्तिकामातिमुच्चै, दीर्घरेभिर्धारयत जपामम् ।
हेमाकल्पं पद्मसंस्थं त्रिनेत्रं, ध्यायेद्ब्रह्मा बद्धमौलि जटाभि: ॥
मन्त्र:
॥ ॐ रं इं ह्रीं हूं ॐ ॥
॥ Om Ram Im Hreem Hum Om ॥