9 Mukhi Rudraksha Benefits/नौ मुखी रुद्राक्ष के लाभ
9 Mukhi Rudraksha Benefits (नौ मुखी रुद्राक्ष लाभ): 9 Mukhi Rudraksha/Nine Faced Rudraksha (9 Mukhi Rudraksha Benefits) is the perspective of goddess Nav-Durga. It is very difficult to get this Rudraksh; by wearing this rudraksh one has great blessings of goddess Durga. The people who hold it, always conquer their enemies. They always defeat others in life. In life he always gets fame, honour, respect which is never minimised. He is completely successful in every task. This Rudraksh (9 Mukhi Rudraksha Benefits) is also called as Bhairav. The person who wear this Rudraksh never faces premature death and never have fear of accidents in his life.
Spiritual Significance of 9 Mukhi Rudraksha Benefits:
9 Mukhi Rudraksha is known to have nine different powers; hence wearing this, the person gets successful in every task. And he is not affected by any evil effects such as kalsarpa yoga, Shakat yoga, Akal Mritiyu yoga (Untimely death) etc.
Health Benefits of 9 Mukhi Rudraksha Benefits:
This Rudraksh is said to be stimulant, for curing any kind of physical weakness in the body. One should lick this Rudraksh paste duly rubbed on a stone plate along with sprinkle of water and with honey. The person who is weak by heart or any diseases related to heart can be cured by giving them the paste of this Rudraksh with honey.
Mantra for Wearing 9 Mukhi Rudraksha Benefits:
For every Rudraksh, it has a specific chant for wearing this. If the Rudraksh is worn after the process of chanting mantra it shows its influence more effectively. If the Rudraksh is worn without chanting the mantra it does not shows its full effect on the person. Nine-faced rudraksh is purified for getting the blessings from Nav-Durga. Chant the following mantra for one lakh and twenty five thousand times for purification of the Rudraksh. Wear the Rudraksh after chanting the mantra on Rudraksh by well qualified Brahmin or purchase from the place where it is already being purified with the mantra on it.
Appropriation of 9 Mukhi Rudraksha Benefits:
Om Asya shree bhairava mantrasy naarad rshi: gaayatree chhand: bhairavo devata, van beejan, hreen shakti abheeshta siddhayarthe rudraaksha dhaaranaarthe jape viniyog:
Meditation of 9 Mukhi Rudraksha Benefits:
Kapaalahastan bhujagopaveetan, krshnachchhavindanadadharan trinetram
Achintyamaaddan madhupaanamattan, hridi smaredbhairavamishtadan nrnaam
Mantra of 9 Mukhi Rudraksha Benefits:
॥ॐ ह्रीं वं यं रं लं ॥
॥ Om Hreem Vam Yam Ram Lam॥
नौ मुखी रुद्राक्ष के लाभ/9 Mukhi Rudraksha Benefits
नौ मुखी रुद्राक्ष के लाभ (9 Mukhi Rudraksha Benefits): यह नव दुर्गा स्वरूप माना जाता है। यह रुद्राक्ष भी कठिनता से प्राप्त होता है, इस रूद्राक्ष के धारण से माँ दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है, ऐसा व्यक्ति शत्रुओं को परास्त कर विजय प्राप्त करता है, उसके जीवन में प्रसिद्धि, सम्मान एवं यश की कमी नही रहती, वह सभी दृष्टियों से पूर्ण सफल कहलाता है। इस रुद्राक्ष को भैरव के नाम से भी पुकारा जाता है, जो व्यक्ति ऐसा रुद्राक्ष धारण करता है, उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती और जीवन में आकस्मिक दुर्घटना का भय नहीं रहता।
नौ मुखी रुद्राक्ष का आध्यात्मिक महत्व (9 Mukhi Rudraksha Benefits):
नौ मुखी रुद्राक्ष को नौ शक्तियों का स्वरुप माना गया है, अतः इसे धारण करने से मनुष्य हर कार्य में सफल होता है, और उस पर नवग्रहों का विपरीत प्रभाव नही होता, उसकी कुंडली से अनिष्ट दोष जैसे कालसर्प योग, शकट योग, अकाल मृत्यु योग आदि शीघ्र ही समाप्त हो जाते है।
नौ मुखी रुद्राक्ष के स्वास्थ्य लाभ:
यह रुद्राक्ष शक्ति वर्धक रुद्राक्ष माना गया है, इसलिए किसी भी प्रकार के शारीरिक कमजोरी में इसका मधु के साथ सेवन करने से बहुत लाभ होता है। जो व्यक्ति हृदय से दुर्बल हैं, या हृदय से सम्बन्धित कोई बिमारी है, उनको नौ मुखी रुद्राक्ष को घिस कर शहद के साथ सेवन करना चाहिए।
नौ मुखी रूद्राक्ष को धारण करने का मंत्र:
प्रत्येक रुद्राक्ष को सिद्ध करने का एक विशिष्ट मन्त्र होता है, जिससे रूद्राक्ष सिद्ध होकर अपना पूरा प्रभाव दिखा सके, रुद्राक्ष पर बिना मंत्र जप किया या सिद्ध किये धारण करने से, पूर्ण फल प्राप्ति नही होती, नौमुखी रुद्राक्ष माँ दुर्गा की कृपा प्राप्ति के लिए सिद्ध किया जाता है। निम्न मन्त्र का सवा लाख मंत्र जाप करने से नौ मुखी रुद्राक्ष सिद्ध होता है, यह मंत्र किसी योग्य ब्रहामण से जाप करवा कर धारण करे या किसी ऐसी संस्थान से खरीदें, जहां से मंत्र जाप और सिद्ध किया प्राप्त हो सके।
विनियोग:
ॐ अस्य श्री भैरव मन्त्रस्य नारद ऋषि: गायत्री छन्द: भैरवो देवता, वं बीजं, ह्रीं शक्ति: अभीष्ट सिद्धयर्थे रुद्राक्ष धारणार्थे जपे विनियोग: ।
ध्यान:
कपालहस्तं भुजगोपवीतं, कृष्णच्छविंदणडधरं त्रिनेत्रम् ।
अचिन्त्यमाद्दं मधुपानमत्तं, हृदि स्मरेद्भैरवमिष्टदं नृणाम ॥
मन्त्र (9 Mukhi Rudraksha Benefits):
॥ॐ ह्रीं वं यं रं लं ॥
॥ Om Hreem Vam Yam Ram Lam॥