अंगारक स्तोत्रम् हिंदी पाठ
Angaraka Stotram Lyrics
श्री अंगारक स्तोत्रम् हिंदी (Angaraka Stotram) एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है इसका नित्य पाठ करने से जातक की जन्मकुंडली में मंगल दोष या मांगलिक दोष भी दूर हो जाता है। इस स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता का नाश व कर्ज से भी छुटकारा मिलता है और धन समृधि का आगमन होने लगता है। अंगारक स्तोत्रम् का पाठ करने से जातक की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
अंगारकः शक्तिधरो लोहितांगो धरासुतः ।
कुमारो मंगलो भौमो महाकायो धनप्रदः ॥१॥
ऋणहर्ता दृष्टिकर्ता रोगकृत् रोगनाशनः ।
विद्युत्प्रभो व्रणकरः कामदो धनहृत् कुजः ॥२॥
सामगानप्रियो रक्तवस्त्रो रक्तायतेक्षणः।
लोहितो रक्तवर्णश्च सर्वकर्मावबोधकः ॥३॥
रक्तमाल्यधरो हेमकुण्डली ग्रहनायकः ।
नामान्येतानि भौमस्य यः पठेत् सततं नरः ॥४॥
ऋणं तस्य च दौर्भाग्यं दारिद्र्यं च विनश्यति ।
धनं प्राप्नोति विपुलं स्त्रियं चैव मनोरमाम् ॥५॥
वंशोद्योतकरं पुत्रं लभते नात्र संशयः, योऽर्चयेदह्नि भौमस्य मङ्गलं बहुपुष्पकैः ।
सर्वं नश्यति पीडा च तस्य ग्रहकृता ध्रुवम् ॥६॥
Angaraka Stotram
अंगारक स्तोत्रम्
Angaraka Shakthidaro Lohithango Darasutha ।
Kumaro Mangalo Bhoumo Maha Kayo Dana Pradha ।। 1 ।।
Runahartha Drushti Kartha Roga Kruth Roga Nasana ।
Vidhyuth Prabho Vrunakara Kamadho Dana Hruth Kuja ।। 2 ।।
Samagana Priyo Raktha Vasthrorakthayathekshana ।
Lohitho Raktha Varnamcha Sarva Karmava Bodhaka ।। 3 ।।
Rakthamalyadaro Hemakundali Gruha Nayaka ।
Namanyethani Bhoumasya Ya Padeth Sathatham Nara ।। 4 ।।
Runam Thasya Cha Dourbhagyam Daridryam Cha Vinasyathi ।
Danam Prapnothi Vipulam Sthriyam Chaiva Manoramam ।। 5 ।।
Vamsodhyothakaram Puthram Labhathe Nathra Samsaya, Yo Archayedanhi Bhoumasya Mangalam Bahu Pushpakaihi ।
Sarva Nasyathi Peeda Cha Thasya Gruhakrutha Druvam ।। 6 ।।
अंगारक स्तोत्रम् विशेषताऐ:
श्री अंगारक स्तोत्रम् के साथ-साथ यदि नवग्रह आरती पाठ किया जाए तो, श्री अंगारक स्तोत्रम् का बहुत लाभ मिलता है। यह स्तोत्र शीघ्र ही फल देने लग जाता है। नवग्रह चलीसा का पाठ करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होती है। अगर आपका मन पढाई में नही लग पा रहा है तो आपको सरस्वती सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए। जीवन में शांति प्राप्त करने के लिए नवग्रह शांती कवच का पाठ करना चाहिए। संतान या पुत्र प्राप्ति के लिए गोपाल कवच का पाठ करना चाहिए।