Asian Pigeonwings Benefits | अपराजिता के लाभ
Different names of Asian Pigeonwings Benefits (अपराजिता):
- Sanskrit – Aparajita, Girikarnika, Vishnnukanta
- Hindi – Koyal
- Marathi – Gokarni
- Gujarati – Garni
Recognition of Asian Pigeonwings:
Every nook and corner in India, this plant is found in gardens and temples. It is a good looking creeper. The flowers are of size deep blue and white. It is also called Neela Aparajita (Asian Pigeonwings Benefits), Neelgiri Karnika, Krishnakanta or Neeli Koyal. There is a classification in this which has double flower in one. These are also called White Aparajita (Asian Pigeonwings Benefits), Swetgirikarnika or swetvishnukanta.
Astrological Importance of Asian Pigeonwings:
As the name Vishnnukanta (Asian Pigeonwings Benefits), one can understand that it is dear to Lord Vishnu. In this context it is also dear to goddess Laxmi. Hence if it is used with reference to finance, goddess Laxmi herself providers her boons.
The house decorated with this creeper from both sides of the gate, that house will never have any enemy. If sometimes evolves, that ends immediately. This also keeps pleasantry and peace in the house and goddess Laxmi remains there forever. It is because it has the name Vishnnukanta (Asian Pigeonwings Benefits).
The person who burns ghee lamp before this creeper, he is safe from all the danger. The lamp should be made of flour.
If blue Aparajita (Asian Pigeonwings Benefits) flower is offered to goddess Laxmi, it will enhance the wealth.
Every Saturday if the plants are watered, planet Saturn becomes favourable.
The above practice if done with white Aparajita (Asian Pigeonwings Benefits), planet moon becomes favourable.
The person who is suffering from the effects of Saturn when it is in the house of Aries or Cancer, on any Saturday, if he keeps a twig or pod in his pocket, he is released from the ominous effects.
The above practice if performed on Monday with swet Aparajita (Asian Pigeonwings Benefits) pods, the ill effect of moon will be eradicated. This happens when moon is in scorpion zone.
The person who put this flower on the bathing water or a twig, and takes bath thereafter for 40 days continuously, all the planetary effects will be favorable.
If the pod of this flower is kept in the chest on Thursday during Pushya constellation and kept one pod on the chest pocket for round the clock, the person will get his desired money. His progress will never be interrupted and the enemies will be defeated. If the pod bursts in the pocket then keep the seeds in the pocket and throw the covers.
Archaeological importance of Asian Pigeonwings:
This Asian Pigeonwings (Asian Pigeonwings Benefits) plant inside the courtyard of the house is too beneficial. If it is in the north side of the house, it is too auspicious. Planting such plant on the north side of the house will bring fortune and goddess Laxmi will remain there forever. The people of the house will never be a debtor. Pleasure and peace remains in the family and prosperity enhance. Watering and grooming the plant along with burning of ghee lamp made of flour will bring fortune.
Medicinal Importance of Asian Pigeonwings:
- For the cure of Leprosy, if the roots of this plant is rubbed with water and put the paste on the affected place, it cures the person from the disease.
- During the headache, if this paste is put before the nostrils, Asian Pigeonwings (Asian Pigeonwings Benefits) will reduce the headache.
- For the cure of migraine, the seeds and the roots will be most effective. Grinding these and making paste of that if applied on the head, it will comfort the person.
- The roots are burnt and the ashes of that are applied on face with butter, Asian Pigeonwings (Asian Pigeonwings Benefits) removes the wrinkles.
अपराजिता के लाभ | Asian Pigeonwings Benefits
अपराजिता के विभिन्न नाम:
- संस्कृत — अपराजिता, गिरिकर्णिका, विष्णुकान्ता
- हिन्दी — कोयल
- मराठी — गोकणीं
- गुजराती — गरणी
- अंग्रेजी — Cowear plant
अपराजिता परिचय:
समस्त भारतवर्ष में गाँवों के आस-पास तथा बाग-बगीचों में और मंदिरों की वाटिकाओं में इसकी लतायें पाई जातीहैं। अपराजिता की लतायें देखने में सुन्दर होती हैं। अपराजिता (Asian Pigeonwings Benefits) के पुष्प 1 इंच से 2 इंच बड़े, गाढ़े नीले रंग के और श्वेतवर्ण के होते हैं। नीला अपराजिता, नीलगिरि कर्णिका, कृष्णकांता या नीली कोयल कहा जाता है। नीला अपराजिता का एक और उपभेद होता है, जिसमें दोहरे फूल लगते हैं। और श्वेत अपराजिता, श्वेतगिरिकर्णिका या श्वेतविष्णुकान्ता अथवा सफेद कोयल कहा जाता है।
ज्योतिषीय महत्व:
अपराजिता (Asian Pigeonwings Benefits) का एक नाम विष्णुकान्ता होने से ही यह अनुमान लगाया जा सकता है, कि यह श्रीहरि विष्णु को अत्यन्त प्रिय है। ऐसी स्थिति में यह स्वत: ही लक्ष्मीजी की भी प्रिय हो जाती है। इस कारण से धन सम्बन्धी प्रयोग करने से माँ लक्ष्मी की कृपा स्वत: ही प्राप्त हो जाती है।
जिस घर में अपराजिता की नीली तथा सफेद दोनों जाति की लतायें मुख्यद्वार के दोनों और लगी होती हैं, उस घर पर शत्रुओं की पीड़ा कभी नहीं होती है, शत्रु उस घर पर हावी नही होते। दुर्भाग्यवश यदि शत्रु खड़े भी होते हैं तो वे शीघ्र ही समाप्त हो जाते हैं अथवा उनका शमन हो जाता है। यही नहीं, अपराजिता की लताओं के मुख्यद्वार पर होने से उस घर में सुख-शान्ति एवं समृद्धि के साथ-साथ श्रीमहालक्ष्मी का स्थिर निवास भी होता है क्योंकि अपराजिता का एक नाम विष्णुकांता भी है।
जो व्यक्ति अपराजिता (Asian Pigeonwings Benefits) की लता के पास सायंकाल के समय घी का दीपक लगाता है, उस व्यक्ति के ऊपर आने वाली विपत्ति दूर होती है। इस प्रयोग में दीपक आटे का बना होना चाहिए।
नीली अपराजिता के पुष्प लक्ष्मी को अर्पित करने से ऐश्वर्य वृद्धि होती है।
प्रत्येक शनिवार को नीली अपराजिता की जड़ों में जल अर्पित करने से तथा उसकी लता के पास अगरबत्ती लगाने से शनि की पीड़ा शांत होकर शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
उपरोक्त प्रयोग सफेद अपराजिता के साथ करने से चन्द्र की पीड़ा शांत होती है और चन्द्रदेव की कृपा प्राप्त होती है।
ऐसे व्यक्ति जिनकी कुंडली में शनि मेष राशी या कर्क राशी का हो तो उसे नील पुष्प वाली अपराजिता की फली जोकि पक चुकी हो, किसी भी शनिवार के दिन शुभ मुहूर्त में तोड़कर अपने जेब में या घर में रखें तो शनि ग्रह का पीड़ा कारक अशुभ प्रभाव दूर होता है।
उपरोक्त प्रयोग सोमवार के दिन सफेद अपराजिता (Asian Pigeonwings Benefits) की फली के द्वारा करने से किसी भी व्यक्ति की पत्रिका में नीचस्थ चन्द्रमा का प्रभाव समाप्त होता है। नीचस्थ चन्द्रमा से तात्पर्य है चन्द्रमा का वृश्चिक राशी का होना।
जो व्यक्ति स्नान के जल में अपराजिता के पुष्प अथवा मूल के एक टुकड़े को डालकर नित्य उस जल से स्नान करता है उसकी सर्वग्रह पीड़ा का निवारण होता है पर यह प्रयोग 40 दिनों तक लगातार करना पड़ता है।
अपराजिता (Asian Pigeonwings Benefits) की फलियों को जब गुरुवार हो तथा शुभ योग पड़े या गुरुवार को पुष्य नक्षत्र में घर की तिजोरी में रख लें। साथ ही 1-2 फलियों को अपने शर्ट की ऊपरी जेब में रखें। रात्रि के समय ये फलियां शर्ट में ही रहेंगी। इन फलियों के प्रभाव से धारक को वांछित धन मिलता रहता है, उसके काम नहीं रुकते है तथा उसके शत्रुओं का नाश होता है। ये फलियां कभी कभी जेब में फूट भी जाती है तो उस स्थिति में बीजों को ही जेब में रखने से उपरोक्त परिणाम प्राप्त होते है। बीजों को रखकर फलियों के खोलों को फेंक देना चाहिए।
वास्तु में महत्व:
अपराजिता (Asian Pigeonwings Benefits) के पौधे का घर की सीमा में होना अत्यन्त लाभदायक है। घर में उत्तर दिशा में इसका होना और भी अत्यधिक शुभ है। घर के उत्तर में नीली तथा सफेद दोनों ही प्रकार की अपराजिता लगाने से उस घर का सर्वार्थ कल्याण होता है, वहाँ लक्ष्मी का सदैव वास रहता है तथा कर्ज नहीं रहता है। घर में सुख-शान्ति बनी रहती है तथा निरन्तर समृद्धि में वृद्धि होती है। घर में इसका पालन-पोषण करने के साथ-साथ नित्य इसके समक्ष घी का दीपक भी लगाना चाहिये।
अपराजिता का औषधीय महत्व:
- कुष्ठ रोग के उपचार में इसकी जड़ को थोड़े से पानी में घिसकर लगाने से एक माह में रोग दूर होने लगता है।
- सिरदर्द होने पर जड़ को थोड़े से पानी में घिसकर नाक द्वारा सूंघने पर दर्द दूर हो जाता है। इस लेप को माथे पर लगाने से भी दर्द में आराम मिलता है।
- आधासीसी रोग की पीड़ा कम करने के लिए अपराजिता के बीज एवं जड़ का प्रयोग करके लाभ प्राप्त किया जा सकता है। इसके बीज व जड़ को पीसकर दर्द वाली तरफ इसका लेप लगाना चाहिए। इससे आराम प्राप्त होता है।
- अपराजिता की जड़ की राख को मक्खन के साथ चेहरे पर लगाने से मुख की झांइयां दूर होती है।