Baglamukhi Kavach | बगलामुखी कवच
Baglamukhi Kavach (बगलामुखी कवच): Maa Baglamukhi is known as the eighth Mahavidya among the ten Mahavidyas. This kavach is a powerful kavach. Reciting this Baglamukhi Kavach provides you protection from the evil intentions of your enemies. If any of your enemies is trying to harm you, wasting your money, trying to get you into bad habits like Gambling, Alcohol, Cigarettes etc. So, in such a situation, you must recite Maa Baglamukhi Kavach. This kavach solves enemy problems. If you are involved in any dispute or court case related to property, which you want to get rid of but your case is not closing.
False blames are being made against you, so in such a situation, you must recite Baglamukhi Kavach. Problems like Court cases, Police cases, Start ending gradually by reciting this kavach and you get victory. In today’s time, some people use Black magic, Sorcery on you with the intention of harming you. In such a situation, if you wear Baglamukhi Gutika along with reciting Baglamukhi Kavach. Then you are protected from all Evil powers, Sorcery, Black magic, Vashikaran etc. Every person must should recite Baglamukhi Kavach in regular worship. So that a person can get a lot of blessings of Mahavidya Baglamukhi.
बगलामुखी कवच
यह बगलामुखी कवच, मात्र कवच ही नही अपितु एक अमोघ कवच है, इस कवच का नित्य पाठ करने से साधक पूर्ण रूप से सुरक्षित रहता है, उस पर किसी भी तरह का कोई तांत्रिक प्रयोग नही हो सकता, पीले आसन पर बैठ कर इस कवच का पाठ करे।
अथ बगलामुखी कवचं प्रारभ्यते
श्रुत्वा च बगला पूजां स्तोत्रं चापि महेश्वर। इदानीं श्रोतुमिच्छामि कवचं वद मे प्रभो।।
वैरिनाशकरं दिव्यं सर्वाऽशुभविनाशकम्। शुभदं स्मरणात्पुण्यं त्राहि मां दु:ख-नाशनम्।।
श्री भैरव उवाच
कवच श्रृणु वक्ष्यामि भैरवि । प्राणवल्लभम् । पठित्वा धारयित्वा तु त्रैलोक्ये विजयी भवेत्।।
विनियोग
ॐ अस्य श्री बगलामुखीकवचस्य नारद ऋषि: अनुष्टुप्छन्द: श्रीबगलामुखी देवता। ह्रीं बीजम्। ऐं कीलकम्। पुरुषार्थचतुष्टयसिद्धये जपे विनियोग:।।
अथ कवचम्
शिरो मे बागला पातु ह्रदयैकक्षरी परा ।ॐ ह्रीं ॐ मे ललाटे च बगला वैरिनाशिनी।।
गदाहस्ता सदा पातु मुखं मे मोक्षदायिनी। वैरि जिह्राधरा पातु कण्ठं मे बगलामुखी।।
उदरं नाभिदेंश च पातु नित्यं परात्परा। परात्परतरा पातु मम गुह्रं सुरेश्वरी।।
हस्तौ चैव तथा पादौ पार्वती परिपातु मे। विवादे विषमे घोरे संग्रामे रिपुसंकटे।।
पीताम्बरधरा पातु सर्वांगं शिवंनर्तकी। श्रीविद्या समयं पातु मातंगी पूरिता शिवा।।
पातु पुत्रीं सूतञचैव कलत्रं कलिका मम। पातु नित्यं भ्रातरं मे पितरं शूलिनी सदा।।
रंध्रं हि बगलादेव्या: कवचं सन्मुखोदितम्। न वै देयममुख्याय सर्वसिद्धि प्रदायकम्।।
पठनाद्धारणादस्य पूजनादवांछितं लभेत्। इंद कवचमज्ञात्वा यो जपेद् बगलामुखीय।।
पिबन्ति शोणितं तस्य योगिन्य: प्राप्य सादरा: । वश्ये चाकर्षणे चैव मारणे मोहने तथा।।
महाभये विपतौ च पठेद्वरा पाठयेतु य:। तस्य सर्वार्थसिद्धि:। स्याद् भक्तियुक्तस्य पार्वति।।
बगलामुखी कवच के लाभ:
माँ बगलामुखी को दस महाविधाओं में आठवीं महाविधा के रूप में जाना जाता हैं। यह कवच एक शक्तिशाली कवच है, इस बगलामुखी कवच का पाठ करने से आपको अपने शत्रुओं के बुरे इरादों से सुरक्षा प्रदान होती है। यदि आपका कोई शत्रु आपको हानि पहुंचाने की कोशिश कर रहा है, आपके धन की बर्बादी कर रहा है, आपको जुआ, शराब, सिगरेट आदि जैसी बुरी आदतों में डालने की कोशिश कर रहा है, तो ऐसे में, आपको माँ बगलामुखी कवच का पाठ अवश्य ही करना चाहिए। यह कवच शत्रु समस्या का निवारण करता है। यदि आप किसी लड़ाई-झगड़े या जमीन-जायदाद से संबंधित कोर्ट केस में फँसे हुए है, जिससे आप छुटकारा पाना चाहते है परंतु आपका केस बंद नहीं हो रहा है।
आप पर झूठे आरोप लगाएँ जा रहे है, तो ऐसे में आपको बगलामुखी कवच का पाठ अवश्य करना चाहिए। इस कवच का पाठ करने से कोर्ट केस, पुलिस केस, जैसी समस्या धीरे-धीरे समाप्त होने लगती है और आपको विजय प्राप्त होती है। आज के युग में, कुछ लोग आपको नुकसान पहुँचाने के इरादे से आप पर टोना-टोटका, काला जादू का प्रयोग करते हैं, ऐसे में, यदि आप बगलामुखी कवच का पाठ करने के साथ-साथ बगलामुखी गुटिका धारण करते है, तो समस्त बुरी शक्तियां, टोना-टोटका, काला-जादू, वशीकरण आदि से आपकी रक्षा होती है। प्रत्येक व्यक्ति को चाहिये, कि वे नित्य पूजा में बगलामुखी कवच का पाठ अवश्य करें, जिससे उसे महाविधा बगलामुखी की अपार कृपा प्राप्त हो सके।