Basil Rosary Benefits, तुलसी की माला

Basil Rosary Benefits | तुलसी माला के लाभ

Basil Rosary Benefits (तुलसी की माला): The use of basil rosary (Basil Rosary Benefits) seeds is considered to beneficial. There are two types of basil are available. One is Shyama Basil and other one is Rama Basil. Shyama basil is little darker whereas Rama basil is green. Basil and sandalwood rosary are to be used for the chanting on Vishnu, Rama and Krishna. For this spell ‘Om Vishnavey Namah’ is considered the best. Non vegetarians or users f toxic things should not wear this rosary.

Shyama Basil:

Retention of this rosary (Basil Rosary Benefits) provides mental peace and enhances spirituality in a man. Positivity is increased on that person. Along with the spiritual development, materialistic and familiar developments are also happens. This rosary is to be held on Monday, Wednesday or Thursday after sanctifying by the holy water of river Ganges.

Rama Basil:

On wearing this rosary (Basil Rosary Benefits), the self confidence, purity senses are awakened in a person and it also helps to perform the duty. This rosary can be holding on Monday, Thursday and Wednesday after sanctifying with the holy water of river Ganges.

Other Benefits: The basil rosary has electric power. On retention of this rosary people get prestige, grace, fortune etc. In the Shaligram Purana it is described that if basil rosary (Basil Rosary Benefits) is held while lunch, it gives the virtue of many Yajnas. If a person takes bath after wearing basil rosary, it gives the virtue of taking bath in all holy rivers. It also protects infectious diseases and untimely death. It enhances the digestion, cures high fever and gas related problems.

Basil Rosary Benefits, तुलसी की माला

तुलसी माला के लाभ | Basil Rosary Benefits

तुलसी माला के लाभ: तुलसी के बीजों की माला बहुत ही लाभदायक मानी गयी है। तुलसी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है। श्यामा तुलसी और रामा तुलसी। श्यामा तुलसी अपने नाम के अनुसार ही श्याम वर्ण की होती है तथा रामा तुलसी हरित वर्ण की होती है। तुलसी और चंदन की माला विष्णु, राम और कृष्ण से संबंधित जपों की सिद्धि के लिए उपयोग में लाई जाती है। इसके लिए मंत्र ‘ॐ विष्णवै नम:’ का जप श्रेष्ठ माना गया है। मांसाहार व्यक्ति या तामसिक वस्तुओं का सेवन करने वाले लोगों को तुलसी की माला धारण नहीं करनी चाहिए।

श्यामा तुलसी:

श्यामा तुलसी (Basil Rosary Benefits) की माला धारण करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है, ईश्वर के प्रति श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, मन में सकारात्मक भावना का विकास होता है, अध्यात्मिक उन्नति के साथ ही पारिवारिक तथा भौतिक उन्नति होती है। इस माला को सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार को गंगाजल से शुद्ध करके धारण करना चाहिए।

रामा तुलसी माला:

इस माला को धारण करने से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास की वृद्धि तथा सात्विक भावनाएं जागृत होती हैं। तथा अपने कर्तव्य पालन के प्रति मदद मिलती है। इस माला को सोमवार, गुरुवार, बुधवार को गंगाजल से शुद्ध करके धारण करना चाहिए।

तुलसी के बीजों की माला के अन्य लाभ: तुलसी की माला में विद्युत शक्ति होती है। इस माला को पहनने से यश, कीर्ति सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है। शालिग्राम पुराण में कहा गया है कि तुलसी की माला (Basil Rosary Benefits) भोजन करते समय शरीर पर होने से अनेक यज्ञों का पुण्य मिलता है। जो भी कोई तुलसी की माला पहनकर नहाता है, उसे सारी नदियों में नहाने का पुण्य मिलता है। तुलसी की माला पहनने से बुखार, जुकाम, सिरदर्द, चमड़ी के रोगों में भी लाभ मिलता है। संक्रामक बिमारी और अकाल मौत भी नहीं होती, ऐसी धार्मिक मान्यता है। तुलसी माला पहनने से व्यक्ति की पाचन शक्ति, तेज बुखार, दिमाग की बिमारी एवं वायु संबंधित अनेक रोगों में लाभ मिलता है।