Bhuvaneshwari Kavach | भुवनेश्वरी कवच
Bhuvaneshwari Kavach (भुवनेश्वरी कवच): Bhuvaneshwari Mahavidya is situated at the fifth place among the ten Mahavidya. This Mahavidya is considered a symbol of controller. She sets the rules for punishment for those who commit mistake. By reciting Bhuvaneshwari Kavach, a person gets protection from all Enemies, Diseases and Financial problems. If a person has become a victim of bad habits like Gambling, Alcohol, Cigarette, Fighting, Hooliganism etc., and he wants to get rid of these habits, but even after trying a lot, it is not able to go away. Due to which his physical health is deteriorating day by day, in such a situation, a person must recite Bhuvaneshwari Kavach.
This helps in getting rid of all bad habits and the body also remains healthy. If a person is facing physical as well as financial problems, like his business is not running, the problem of money is increasing very much, there are continuous losses in business, there are too many delays in achieving success. So, in such a situation, along with reciting Bhuvaneshwari Kavach, if Bhuvaneshwari Yantra is placed in the house or workplace and worship is done, then all the financial problems start going away from that person’s life. Every person must recite this kavach of Mahavidya Bhuvaneshwari, the mistress of the three loka’s. So that he can remain healthy in a both ways physically and financially.
भुवनेश्वरी कवच | Bhuvaneshwari Kavach
पातकं दहनं नाम कवचं सर्व्वकामकम्।
श्रृणु पार्व्वति वक्ष्यामि तव स्नेहात्प्रकाशितम्।।
पातकं दहनस्यास्य सदाशिव ऋषिः स्मृतः।
छन्दोअनुष्टुप देवता च भुवनेश्वरी प्रकीर्त्तिता।
धर्मार्थकाममोक्षेषु विनियोगः प्रकीर्त्तितः।।
ऐं बीजं मे शिरः पातु ह्रीं बीजं वदनं मम्।
श्रीं बीजं कटिदेशन्तु सर्वांग भुवनेश्वरी।
दिक्षु चैव विदिक्ष्वीयं भुवनेश्वरी सदावतु।।
अस्यापि पठनात्सद्यः कुबेराअपि धनेश्वरः।
तस्मात्सदा प्रयत्नेन पठेयुर्म्मानवा भुवि।।
।।इति श्री भुवनेश्वरी कवचम् सम्पूर्णं।।
Bhuvaneshwari Kavach | भुवनेश्वरी कवच
Patakam Dahanam Nam Kavacham Sarvakamakam।
Shrunu Parvati Vakshyami Tav Snehatprakashitam।।
Patakam Dahanasyasya Sadashiv Rishih Smrutah।
Chhandoanushtup Devta Ch Bhuvaneshvari Prakirttita।
Dharmarthakammoksheshu Viniyogah Prakirttitah।।
Aidam Bijam Me Shirah Patu Hrim Bijam Vadanam Mam।
Shrim Bijam Katideshantu Sarvang Bhuvaneshvari।
Dikshu Chaiv Vidikshviyam Bhuvaneshvari Sadavatu।।
Asyapi Pathanatsadyah Kuberaaapi Dhaneshvarah।
Tasmatsada Prayatnen Patheyurmmanava Bhuvi।।
।।iti Shri Bhuvaneshvari Kavacham Sampurnam।।
भुवनेश्वरी कवच के लाभ:
दस महाविधाओं में पांचवें स्थान पर भुवनेश्वरी महाविधा विघमान है, इस महाविधा को अंकुश और नियंत्रक का प्रतीक माना जाता हैं, यह भूल करने वालो के लिए दंड का विधान तय करती हैं। भुवनेश्वरी कवच का पाठ करने से व्यक्ति की समस्त शत्रुओं, रोगों और आर्थिक समस्याओं से रक्षा होती है। यदि कोई व्यक्ति जुआ, शराब, सिगरेट, लड़ाई-झगड़ा, गुंडागर्दी आदि जैसी बुरी आदतों का शिकार हो गया हैं और वह इन आदतों से छुटकारा पाना चाहता हैं, परन्तु बहुत कोशिश करने के बाद भी यह दूर नही हो पा रही हैं, जिसके कारण उसका शारीरिक स्वास्थ्य दिन-ब-दिन खराब होता जा रहा हैं , तो ऐसे में उसे भुवनेश्वरी कवच का पाठ अवश्य ही करना चाहिए, इससे सभी बुरी आदतों से छुटकारा मिलता है और शरीर भी स्वस्थ रहता है।
अगर किसी व्यक्ति को शारीरिक के साथ-साथ आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं, जैसे- उसका व्यवसाय नहीं चल रहा है, धन की समस्या अत्यंत बढ़ती जा रही है, व्यापार में लगातार घाटा हो रहा है, सफलता मिलने में बहुत अधिक देरी हो रही हैं, तो ऐसे में भुवनेश्वरी कवच का पाठ करने के साथ अगर घर या कार्यस्थल में भुवनेश्वरी यंत्र को स्थापित कर, पूजा-साधना की जाए, तो उस व्यक्ति के जीवन से समस्त आर्थिक समस्याएँ दूर होने लगती हैं, व्यापार, नौकरी में शीघ्र ही सफलता मिलती है तथा आर्थिक और व्यापारिक क्षेत्र में उन्नति प्राप्त होती हैं। प्रत्येक व्यक्ति को तीनों लोको की स्वामिनी महाविधा भुवनेश्वरी के इस कवच का पाठ अवश्य करना चाहिए। जिससे वह शारीरिक और आर्थिक दोनों रूपों से स्वस्थ रह सकें।