Brahmacharini Devi Kavach, ब्रह्मचारिणी देवी कवच

Brahmacharini Devi Kavach | ब्रह्मचारिणी देवी कवच

Brahmacharini Devi Kavach (ब्रह्मचारिणी देवी कवच): The second day of Navratri is dedicate to the Brahmacharini form of Goddess Navadurga. The form of Maa Brahmacharini is very simple and gorgeous. She is known as Brahmacharini Devi due to thousand years of hard devotion. Brahmacharini Devi Kavach is a type of protective kavach. by reciting this kavach, Maa Brahmacharini protects the person from all Sorrow, Suffering, Pain, Disease, Fear etc. If a person is suffering from a serious disease from a long time and he is not able to recover even after repeated treatment. Due to which he and his family are facing a lot of problems.

So, to overcome such problems, reciting Brahmacharini Devi Kavach is consider Rambaan remedy. All serious diseases gradually start getting cured and physical health becomes healthy by reciting this kavach. The Kundalini power of the person is awakened by reciting Brahmacharini Devi Kavach. He feels himself full of physical and mental energy due to this. You seem to be able to easily cope with any obstacle that comes in front of you. If Durga Yantra Kavach is worn along with reciting this kavach, it indicates bad events happening in the future. It also protects from them. This kavach is very powerful. The person who wears this gets protected from all Sorrows, Fears, Negative powers etc.

ब्रह्मचारिणी देवी कवच

॥ कवच ॥

त्रिपुरा में हृदयेपातु ललाटेपातु शंकर भामिनी।

अर्पणा सदा पातु नेत्रो अर्धरोचक पोलो॥

पंचदशी कण्ठे पातु मध्यदेशे पातु महेश्वरी॥

षोडशी सदा पातु नाभो गृहोच पादयो।

अंग प्रत्यंग सतत पातुब्रह्मचारिणी॥

Brahmacharini Devi Kavach

॥Kavach॥

Tripura Men Hridayepatu Lalatepatu Shankar Bhamini।

Arpana Sada Patu Netro Ardharochak Polo॥

Panchadashi Kanthe Patu Madhyadeshe Patu Maheshvari॥

Shodshi Sada Patu Nabho Grihoch Padayo।

Ang Pratyang Satat Patubramacharini॥

ब्रह्मचारिणी देवी कवच के लाभ:

नवरात्री का दूसरा दिन माँ नवदुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप को समर्पित हैं। माँ ब्रह्मचारिणी का स्वरूप बहुत ही सादा और भव्य हैं। हजारों वर्षों की कठिन तपस्या के कारण इन्हें ब्रह्मचारिणी देवी के नाम से जाना जाता हैं। ब्रह्मचारिणी देवी कवच एक प्रकार का रक्षा कवच हैं, इस कवच का पाठ करने से माँ ब्रह्मचारिणी समस्त दुख, कष्ट, पीड़ा, रोग, भय आदि से व्यक्ति की रक्षा करती हैं। यदि कोई व्यक्ति काफी लम्बे समय से किसी गंभीर रोग से पीड़ित हैं, बार-बार इलाज के बाद भी ठीक नही हो पा रहा हैं, जिसके कारण उसे तथा उसके परिवार को बहुत अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं, तो ऐसी समस्यां को दूर करने के लिए ब्रह्मचारिणी देवी कवच का पाठ करना एक रामबाण उपाय माना जाता हैं

इस कवच का पाठ करने से समस्त गंभीर रोग धीरे-धीरे ठीक होने लगते हैं और शारीरिक स्वास्थ्य स्वस्थ हो जाता हैं। ब्रह्मचारिणी देवी कवच का पाठ करने से व्यक्ति की कुंडलिनी शक्ति जागृत होती हैं, जिसके कारण वह स्वयं को शारीरिक और मानसिक ऊर्जा से भरा हुआ महसूस करता हैं तथा अपने सामने आने वाली किसी भी बाधा का आसानी से सामना करने के सक्षम बनने लगता हैं। इस कवच का पाठ करने के साथ यदि दुर्गा यंत्र कवच धारण किया जाए, तो यह भविष्य में होने वाली बुरी घटनाओं का संकेत प्रदान करता है और उनसे रक्षा भी करता है, यह कवच अत्यंत शक्तिशाली हैं, जिसे धारण किये हुए व्यक्ति की समस्त दुखो, भय, नकारात्मक शक्तियों, आदि से रक्षा होने लगती हैं।