Brihaspati Aarti | ब्रहस्पति आरती
Brihaspati Aarti (ब्रहस्पति आरती): The seeker starts getting all kinds of worldly pleasure by reciting the Brihaspati Aarti. Also, there are huge profits in business and profession. By regularly reciting Brihaspati Aarti, women attain happiness and good fortune and unmarried girls have chances of getting married soon.
While reciting aarti keeping Brihaspati yantra in front helps in success in interview and chances of getting job start rising. Wearing Guru Gutika is also considered extremely beneficial. Seeker gets honor, respect, wealth prestige etc. and the seeker becomes free from all types of Tantra defects.
ब्रहस्पति आरती
जय बृहस्पति देवा, ऊँ जय बृहस्पति देवा ।
छि छिन भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा ॥
तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी ।
जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी ॥
चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता ।
सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता ॥
तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े ।
प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्घार खड़े ॥
दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी ।
पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी ॥
सकल मनोरथ दायक, सब संशय हारो ।
विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारी ॥
जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहत गावे ।
जेठानन्द आनन्दकर, सो निश्चय पावे ॥
ब्रहस्पति आरती के लाभ:
ब्रहस्पति आरती का पाठ करने से साधक को सभी प्रकार के सांसारिक सुखो की प्राप्ति होने लगती हैं। साथ ही, कारोबार और व्यवसाय में अत्यधिक लाभ होता हैं। ब्रहस्पति आरती का नियमित रूप से पाठ करने से महिलाओं को सुख और सोभाग्य की प्राप्ति होती है तथा अविवाहित लड़कियों के शीघ्र ही शादी के योग बनने लगते हैं।
ब्रहस्पति यंत्र को सामने रख कर आरती का पाठ करने से इंटरव्यू में सफलता मिलती हैं और जल्द नौकरियों के योग बनने लगते हैं। गुरु गुटिका धारण करना भी अत्यंत लाभकारी माना जाता हैं। इसे धारण करने से मान, सम्मान, संपत्ति, प्रतिष्ठा आदि की प्राप्ति हो जाती हैं तथा साधक सभी प्रकार के तंत्र दोष से मुक्त हो जाता हैं।