Chandra Kavacham | चंद्र कवचम्
Chandra Kavacham (चंद्र कवचम्) removes dosh caused by the Moon in the horoscope, Such as Vish dosh, Chandra Graha dosh, Daridra dosh, Kendroom dosh etc. Problem caused due to Moon, such as poor memory power, always remains mentally stressed, stomach diseases start getting cured. Also, Insomnia, irritability of minds starts getting cured. This Chandra Kavacham provides protection from the effects of all evil planets. It is believed that, continual recitation of Chandra Kavacham removes all kinds of mental problems of the seeker.
If the seeker wears the Chandra Graha Kavach with reciting Chandra Kavacham. Then his mind becomes calm and worry-free, Fear, anger and loneliness start going away from the life of the seeker. He starts living a happy and comfortable life. If you wear Chandra Rosary while reciting Chandra Kavacham, then you start getting success in education and work area. It is considered extremely beneficial for the students to recite Chandra Kavacham regularly. This makes feel more interested in studies. the mind remains focused. Due to which students achieve success. There are chances of getting higher education. This is a very beneficial Kavach. It is a blessing for those children who do not study even after being told repeatedly.
चंद्र कवचम्
अस्य श्री चंद्र कवच स्तॊत्र महा मंत्रस्य । गौतम ऋषि: ।
अनुष्टुप छंद: । श्री चंद्रॊ दॆवता । चंद्र: प्रीत्यर्थॆ जपॆ विनियॊग: ॥
ध्यानम्
समं चतुर्भुजं वंदॆ कॆयूर मकुटॊज्वलम् ।
वासुदॆवस्य नयनं शंकरस्य च भूषणम् ॥
ऎवं ध्यात्वा जपॆन्नित्यं शशिन: कवचं शुभम् ॥
अथ चंद्र कवचं
शशि: पातु शिरॊ दॆशं फालं पातु कलानिधि ॥
चक्षुषि: चंद्रमा: पातु श्रुती पातु निशापति: ॥
प्राणं कृपाकर: पातु मुखं कुमुदबांधव: ॥
पातु कंठं च मॆ सॊम: स्कंधॆ जैवातृकस्तथा ॥
करौ सुधाकर: पातु वक्ष: पातु निशाकर: ।
हृदयं पातु मॆ चंद्रॊ नाभिं शंकरभूषण: ॥
मध्यं पातु सुरश्रॆष्ट: कटिं पातु सुधाकर: ।
ऊरू तारापति: पातु मृगांकॊ जानुनी सदा ॥
अभ्दिज: पातु मॆ जंघॆ पातु पादौ विधु: सदा ।
सर्वाण्यन्यानि चांगानि पातु चंद्रॊखिलं वपु: ॥
फलश्रुतिः
ऎतद्धिकवचं दिव्यं भुक्ति मुक्ति प्रदायकम् ।
य: पठॆत च्छृणुयाद्वापि सर्वत्र विजयी भवॆत ।
॥ इति चंद्र कवचम् संपूर्णम् ॥
Chandra Kavacham
Asya Śrī Chandra Kavachasya । Gautama Ṛṣiḥ । Anuṣṭup Chandaḥ ।
Śrī Chandrō Dēvatā । Chandra Prītyarthē Japē Viniyōgaḥ ॥
Dhyānaṃ
Samaṃ Chaturbhujaṃ Vandē Kēyūra Makuṭōjvalam ।
Vāsudēvasya Nayanaṃ Śaṅkarasya Cha Bhūṣaṇam ॥
Ēvaṃ Dhyātvā Japēnnityaṃ Śaśinaḥ Kavachaṃ Śubham ॥
Atha Chandra Kavacham
Śaśī Pātu Śirōdēśaṃ Bhālaṃ Pātu Kalānidhiḥ ।
Chakṣuṣī Chandramāḥ Pātu Śrutī Pātu Niśāpatiḥ ॥
Prāṇaṃ Kṣapakaraḥ Pātu Mukhaṃ Kumudabāndhavaḥ ।
Pātu Kaṇṭhaṃ Cha Mē Sōmaḥ Skandhē Jaivātṛkastathā ॥
Karau Sudhākaraḥ Pātu Vakṣaḥ Pātu Niśākaraḥ ।
Hṛdayaṃ Pātu Mē Chandrō Nābhiṃ Śaṅkarabhūṣaṇaḥ ॥
Madhyaṃ Pātu Suraśrēṣṭhaḥ Kaṭiṃ Pātu Sudhākaraḥ ।
Ūrū Tārāpatiḥ Pātu Mṛgāṅkō Jānunī Sadā ॥
Abdhijaḥ Pātu Mē Jaṅghē Pātu Pādau Vidhuḥ Sadā ।
Sarvāṇyanyāni Chāṅgāni Pātu Chandrōkhilaṃ Vapuḥ ॥
Phalaśrutiḥ
Ētaddhi Kavachaṃ Divyaṃ Bhukti Mukti Pradāyakam ।
Yaḥ Paṭhēchchṛṇuyādvāpi Sarvatra Vijayī Bhavēt ॥
॥ Iti Chandra Kavacham Sampūrṇam ॥
चंद्र कवचम् के लाभ:
चंद्र कवचम् जन्मकुंडली में चंद्रमा ग्रह के बने दोष, जैसे विष दोष, चन्द्र ग्रह दोष, दरिद्र दोष, केंद्रुम दोष दूर करता है। चंद्रमा के कारण बनने वाली समस्या, जैसे स्मरण शक्ति का कम होना, हमेशा मानसिक तनाव बना रहना, पेट के रोग, नींद न आना, मन का चिड़ाचिड़ापन आदि ठीक होने लगता है। यह चंद्र कवचम् सभी बुरे ग्रहों के प्रभाव से रक्षा प्रदान करता हैं। ऐसा माना जाता हैं, कि चंद्र कवचम् का नित्य पाठ करने से साधक की सभी प्रकार की मानसिक परेशानियाँ दूर होंने लगती हैं। चंद्र कवचम् का पाठ करने के साथ यदि साधक चन्द्र ग्रह कवच धारण करता हैं, तो उसका मन शांत और चिंता मुक्त हो जाता हैं।
साधक के जीवन से भय, क्रोध, अकेलापन दूर होने लगता हैं। वह सुखी और आरामदायक जीवन जीने लगता हैं। चंद्र कवचम् का पाठ करते समय यदि चंद्र माला धारण करके रखें, तो शिक्षा और कार्य क्षेत्र में सफलता प्राप्त होने लगती हैं। विघार्थियों के लिए चंद्र कवचम् का नित्य पाठ करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है, इससे पढ़ाई में मन लगने लगता हैं, मन एकाग्र रहता हैं, जिससे विघार्थियों को सफलता प्राप्त होती हैं। उच्च शिक्षा प्राप्ति के योग बनते हैं। यह बहुत ही लाभदायक कवच है, जो बच्चे बार-बार कहने के बाद भी पढ़ते नही है, उनके लिए यह वरदान स्वरूप है।