Chest Yoga Benefits, छाती योग

Chest Yoga Benefits | छाती योग के लाभ

Exercise part 1 of Chest Yoga Benefits (छाती योग): Join your feet and keep the body straight up to waist. Bind the fingers of the hand and turn the palms outer side and circulating above the shoulder and by breathing through nostrils arch backwards and remain in that position for a little time and come back to the initial position and repeat the same 5 times.

Chest Yoga Benefits:

  • Chest Yoga enhances the chest
  • Chest becomes powerful.
  • Doing Chest Yoga (Chest Yoga Benefits) heart becomes stronger.
  • Many chest diseases eradicated.
  • Lungs ailments like cough, T.B are cured because fresh air enters the lungs through 7.5 crore pores.

Exercise part 2 of Chest Yoga:

Join your feet and keep the body straight up to head. Keep both the arms downwards and the palms inside. Breathe in by nose and bend backward and remain in such position for few minutes and repeat this 5 times.

Chest Yoga Benefits:

  • This Chest Yoga exercise keeps the backbone straight.
  • Chest from both the side becomes stronger.
  • Doing Chest Yoga Arms become powerful.
  • Lean fellow becomes healthy.

Chest Yoga Benefits, छाती योग

छाती योग के लाभ | Chest Yoga Benefits

छाती योग भाग – 1  विधि: अपने पैरो को आपस में मिलाकर पैरों से कमर तक का भाग सीधा रख दोनों बाजू नीचे की ओर सीधी कर हाथों की मुट्ठियों को खोलो और अंगुलियाँ आपस में जोड़कर करपृष्ठ सामने की ओर रखकर खड़े हो जाओ और हाथों को आवृत्ताकार आगे से उठाओ तथा पीछे अर्द्धव्यास मुद्रा में ले जाकर नाक द्वारा सांस लेते हुए वक्ष स्थल को पूरी तरह पीछे झुकाओ और इसी अवस्था में कुछ समय तक ठहर कर अन्दर खींचते हुए सांस को धीरे धीरे बाहर निकालो। पहले वाली स्थिति में आ जाओ। ऐसा आरम्भ में 5 बार करो।

छाती योग के लाभ:

  • इस व्यायाम से छाती चौड़ी हो जाती है।
  • वक्ष स्थल शक्तिशाली हो जाता है।
  • ह्रदय बलवान हो जाता है। ह्रदय सम्बन्धी कष्ट दूर होते है।
  • छाती की अनेक बीमारियों के लिए लाभदायक है।
  • फेफड़े के हर प्रकार के दोष जैसे टीबी, दमा, खांसी, कफ आदि दूर होते है क्योंकि दोनों फेफड़ों में प्राण वायु के संचार के लिए विद्यमान 7.5 करोड़ छिद्रों का शोध और विकास इस क्रिया द्वारा होता है।

छाती योग भाग – 2

विधि: अपने पैर आपस में मिलाकर पैरों से सिर तक का भाग सीधा रख दोनों बाजू नीचे की ओर सीधी रखें और हथेलियां अन्दर की ओर रख समावस्था में खड़े होकर नाक द्वारा सांस खींचो तथा कमर के ऊपर के भाग को जहां तक हो सके पीछे की ओर झुकाओ, साथ ही हाथों को जहां तक हो सके, पीछे ले जाकर कुछ देर इसी स्थिति में ठहरो फिर नाक के दोनों छिद्रों से अन्दर की वायु को बाहर निकालो तथा समावस्था में आ जाओ। यह क्रिया आरम्भ में 5 बार दोहराओ।

छाती योग के लाभ:

  • इस छाती व्यायाम से रीढ़ की हड्डी कभी टेढ़ी नहीं होती।
  • वक्ष: स्थल का अगला तथा पिछला भाग बलवान तथा दृढ हो जाता है।
  • भुजाएं बलवान हो जाती है।
  • छाती योग (Chest Yoga Benefits) करने से दुबले पतले व्यक्ति मांसल हो जाते है और उनकी छाती या पीठ की हड्डियां पुष्ट हो जाती है।