Chinnamasta Kavach | छिन्नमस्ता कवच
Chinnamasta Kavach (छिन्नमस्ता कवच): Chinnamasta Devi is known as Sixth Mahavidya. Goddess Chinnamasta is a symbol of love and kindness. She even sacrifice her life to satisfy the hunger of her two companions. It symbolizes a goddess in the form of selfless and giver. Chinnamasta Kavach is considered to be the kavach of Mahavidya Chinnamasta Mata Devi. All the sins of the seeker were done from many births start getting destroyed by recites this kavach. It is believed that, if Chinnamasta Kavach is recited 108 times in 11 days, then greater accomplishment begins to be achieve. By recites this Chinnamasta Kavach daily, one starts getting happiness like Wealth, Sharp intelligence, Having children, Good life partner etc.
Goddess Chinnamasta protects from all aspects in every field by reciting Chinnamasta Kavach with true heart. The person starts getting protection from the bad effects of Enemies, Evil eye, Graha dosh etc., by recites Chinnamasta Kavach. It has been observe, that if Chinnamasta Kavach is recited in front of Chinnamasta Mahavidya Yantra. There is no shortage of anything in the seeker’s house or family. His family start getting support by the grace of Goddess Chinnamasta. Success and wealth start being achieve in every field.
छिन्नमस्ता कवच | Chinnamasta Kavach
हुं बीजात्मका देवी मुण्डकर्तृधरापरा।
हृदय पातु सा देवी वर्णिनी डाकिनीयुता।।
श्रीं ह्रीं हुं ऐं चैव देवी पुर्व्वास्यां पातु सर्वदा।
सर्व्वांगं मे सदा पातु छिन्नमस्ता महाबला।।
वज्रवैरोचनीये हुं फट् बीजसमन्विता।
उत्तरस्यां तथाग्नौ च वारुणे नैऋर्तेऽवतु।।
इन्द्राक्षी भैरवी चैवासितांगी च संहारिणी।
सर्व्वदा पातु मां देवी चान्यान्यासु हि दिक्षु वै।।
इदं कवचमज्ञात्वा यो जपेच्छिन्नमस्तकाम्।
न तस्य फलसिद्धिः स्यात्कल्पकोटिशतैरपि।।
।। इति छिन्नमस्ता कवच सम्पूर्णं ।।
Chinnamasta Kavach | छिन्नमस्ता कवच
Hum Bijatmaka Devi Mundakartrudharapara।
Hridaya Patu Saa Devi Varnini Dakiniyuta।।
Shrim Hrim Hum Aidam Chaiv Devi Purvasyam Patu Sarvada।
Sarloingn Me Sada Patu Chhinnamasta Mahabala।।
Vajravairochaniye Hum Fat Bijasamanvita।
Uttarasyam Tathagnau Ch Varune Naiarurteऽvatu।।
Indrakshi Bhairavi Chaivasitangi Ch Sanharini।
Sarvada Patu Maam Devi Chanyanyasu Hi Dikshu Vai।।
Idam Kavachamagnyatva Yo Japecchhinnamastakam।
Na Tasya Falasiddhih Syatkalpakotishatairapi।।
।। Iti Chhinnamasta Kavach Sampurnam ।।
छिन्नमस्ता कवच के लाभ:
छिन्नमस्ता देवी को छठी महाविधा के रूप में जाना जाता हैं। देवी छिन्नमस्ता ममता और दया की प्रतीक हैं, उन्होंने अपनी दो सहचरियो की भूख शांत करने के लिए अपना सिर तक त्याग दिया था, यह आत्म-त्यागी और दाता के रूप में एक देवी का प्रतीक हैं। छिन्नमस्ता कवच महाविधा छिन्नमस्ता माता देवी का कवच माना जाता हैं। इस कवच का पाठ करने से साधक के जन्मो-जन्मो से किये गए, सभी पापो का नाश होने लगता हैं। ऐसा माना जाता हैं, यदि छिन्नमस्ता कवच का 108 बार पाठ 11 दिन में किया जाए, तो बड़ी से बड़ी सिद्धि प्राप्ति होने लगती हैं।
इस कवच का नित्य पाठ करने से धन, कुषाग्र बुद्धि, संतान प्रप्ति,अच्छा जीवन साथी आदि का सुख प्राप्त होने लगता हैं। सच्चे मन से छिन्नमस्ता कवच का पाठ करने से देवी छिन्नमस्ता सभी दृष्टियों से प्रत्येक क्षेत्र में रक्षा करती हैं। इस कवच का पाठ करने से शत्रुओ, बुरी नज़र, ग्रह दोष आदि के बुरे प्रभाव से सुरक्षा प्राप्त होने लगती हैं। ऐसा देखा गया हैं, कि छिन्नमस्ता महाविद्या यंत्र के सामने यदि, छिन्नमस्ता कवच का पाठ किया जाए, साधक के घर, परिवार में किसी वस्तु की कोई कमी नही रहती, देवी छिन्नमस्ता की कृपा से उसके परिवार का भरन-पोषण होने लगता है तथा प्रत्येक क्षेत्र में सफलता और समृद्धि प्राप्त होने लगती हैं।