Coral Gemstone Benefits, मूंगा रत्न के लाभ

Coral Gemstone Benefits | मूंगा रत्न के लाभ

Coral Gemstone Benefits (मूंगा रत्न के लाभ): Coral gemstone is the gem of mars, it is known as Vidrum in Sanskrit, Mirjan in Persian and Coral Gemstone in English. It is found near the Himalayan Mountain and  near Mansarovar.

Identification of Coral Gemstone:

  • If it is put in milk, milk will appear red in color.
  • Coral looks shiny, sleek, angular and light in weight.
  • If placed the gem on cotton or paper and place the paper or cotton under the sun, it will catch fire.
  • If the gem is place in the blood, the blood start clotting around the gem.

Coral Gemstone Benefits:

Coral Gemstone is known as the commander of the gems because it is the gem of Mars. After wearing this ruby gemstone, one creates inner confidence itself, he becomes courageous, he thinks always positive thoughts, his every action succeeds, the diseases always stay away from him, he is always blessed by goddess laxmi, and becomes  popular in the society.

If anyone wears this stone and suffering from the planet defects, he will soon overcome from it. Even if he may be suffering from the kalsarpa yoga. The bad effects of the planet do not come closer to the person. He flourish in business, get succeeded in the work related to the land, or other property. Profits, respects in the society, vehicle, prestige, reputation also seems to be increased.

The person who holds the gem also get cured from the fever, bone-problems, headaches, eye problems, eye loss, weakness, joint pain, blood- related disease also reduce generally.

Defects in Coral Gemstone:

Coral Gemstone gives good result. This gem is beautiful; shinny and smooth in nature if any of the following defect is found, not to wear it; as it will harm instead of benefits.

  • White: The Coral having white spots will destroy the crops and wealth.
  • Broken: The broken Coral Gemstone is always harmful.
  • Two coloured: The Coral Gemstone of two colors is meant to destroy peace and wealth.
  • Dented: The dented Coral Gemstone (Coral Gemstone Benefits) will cause problem to wife. If held by wife husband will be in problems.
  • Black: The Coral with black spots causes health problems. The person holding it may face fatal accidents.
  • Lac colored: The coral appears like Lac colored increases the chances of accident.
  • With holes: The Coral Gemstone with holes will destroy the health.

Coral Gemstone Method of Retention:

Pure Coral, triangular in shape, which has been purified by the spell of Mars, composed of 7 whit, to be fixed in a copper ring, duly energized with life, to be kept  for at least 9 hours in saffron and vermilion dissolved water. Thereafter on Tuesday between 10 am to 12 Noon after worshipping Lord Hanuman, it has to be held on the ring finger of right hand.

Substitute of Coral Gemstone:  The person who cannot afford a Coral can have a substitute like Sangmungi or Vithum Mani for retention. By appearance it is red and smooth with holes and of very light weight.

Coral Gemstone Benefits, मूंगा रत्न के लाभ

मूंगा रत्न के लाभ | Coral Gemstone Benefits

मूंगा रत्न के लाभ: मूंगे रत्न को मंगल का रत्न कहते है, इसे संस्कृत में विद्रुम, फारसी में मिरजान और अंग्रेजी में कोरल Coral कहते हैं, यह हिमालय पहाड़ और मान सरोवर के पास यह पाया जाता है।

मूंगे की पहचान:

  • यह देखने में चमकदार, चिकना, कोणदार और वजन में हल्का होता है।
  • दूध में मूँगा डालने से दूध में से लाल रंग की किरणें दिखाई देती है।
  • सूर्य की धूप में यदि कागज या रुई पर रख दिया जाए, तो रुई या कागज में आग लग जाती है।
  • खून में मूँगा रख दिया जाय तो मूँगे के चारों ओर गाढ़ा खून जम जाता है।

मूंगे के लाभ:

मूंगे को रत्नों का सेनापति कहा जता है, क्योंकि यह मंगल का रत्न है, इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति के अंदर आत्मबल की वृद्धि होती है, वह साहसी होता है, उसके सकारात्मक विचार होते है, उसे प्रत्येक कार्य में सफलता मिलती है, रोग उससे दूर रहता है, लक्ष्मी सदा उसके पास रहती है, वह समाज में लोकप्रिय होता है।

जो व्यक्ति इस मूंगे रत्न (Coral Gemstone Benefits) को धारण करता है, उसके ऊपर किसी भी ग्रह का दोष हो, शीघ्र ही खत्म हो जाता है, चाहे उसकी कुंडली में कालसर्प योग ही क्यों न हो, उस व्यक्ति को ग्रह तंग नही करते, वह व्यक्ति तरक्की करता है, ऐसे व्यक्ति को भूमि के कार्यो में लाभ प्राप्त होता है, उसे सुख-सम्पत्ति, धन लाभ, उच्चपद, वाहन, व्यापार, मान सम्मान, प्रतिष्ठा प्राप्त होने लगते है।

इस मूंगे रत्न को धारण करने से बुखार, हड्डियों की समस्या, सर दर्द, आँखों की समस्या, नज़र लगना, कमजोरी, जोड़ो का दर्द, रक्त सम्बन्धी बिमारी धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है।

मूंगे के दोष:

मूंगा उत्तम फल देने वाला रत्न है, यह सुन्दर चमकदार, और चिकना होता है, निम्न में से कोई एक दोष अगर मूंगे में पाया जाता है, तो वह लाभ की जगह हानि देने वाला होता है।

  • श्वेत: जिस मूँगे में सफेद छींटे पाए जायँ, वह मूँगा धन-धान्य का नाश करने वाला होता है।
  • अंगभंग: यदि मूँगा कटा छँटा हो, या कहीं से टूट गया हो, तो ऐसा मूँगा हानिकारक होता है।
  • दुरंगा: जिस मूँगे में दो रंग होते है उसे दुरंगा मूंगा कहते है, ऐसा मूँगा सुख-सम्पत्ति नष्ट करने वाला होता है।
  • गड्ढेदार: जिस मूँगे में गड्ढा हो, वह पत्नी के लिए कष्टकारी होता है, स्त्री यदि पहने तो पति के लिए कष्टकारी समझना चाहिए।
  • स्याह: काले धब्बे से युक्त मूँगा पहनने से स्वास्थ्य नष्ट हो जाता है, अधिकतर एक्सीडेंट होने की सम्भावना होती है।
  • लाखी: लाख के रंग का मूँगा पहनने से दुर्घटना की संभावना बनती है।
  • छेदित: छेदयुक्त मूँगा शरीर के स्वास्थ्य को चौपट करने वाला होता है।

रत्न धारण: शुद्ध प्राण प्रतिष्ठित त्रिकोण मूंगा रत्न, जिस पर मंगल ग्रह का तंत्रोक्त मन्त्र जाप किया हुआ हो, वह 7 रत्ती का लेकर ताम्बे या सोने में अंगूठी बनवाकर, धारण करने से पहले 9 घंटे केसर और सिंदूर के पानी में डुबोकर रखे, फिर प्रात: मंगलवार को सूर्योदय या दिन के 10 से 12बजे के बीच हनुमानजी को प्रणाम करके, सीधे हाथ की अनामिका(छोटी ऊँगली के साथ वाली) ऊँगली में धारण करे।

मूँगे की मणि:

जो व्यक्ति मूँगा नहीं खरीद सकते, उन्हें मूँगे की मणि धारण करनी चाहिए, इसे विद्रुम मणि या संगमूँगी कहते हैं। देखने में यह चिकनी लाल रंग की छेदयुक्त और वजन में यह हल्की होती है।