Coral Rosary Benefits | मूंगा माला के लाभ
Coral Rosary Benefits (मूंगा माला के लाभ): Coral is a vegetation found in the sea, known as coral, people who have Mars defect in their horoscope, or Mars is giving inauspicious results, should wear a coral gem or a rosary of coral, by which Mars should be completely calm and you can get the benefit of Raja Yoga made of Mars.
According to Indian astrology,(Coral Rosary Benefits) the people of Aries and Scorpio zodiacs or those who make peace of Mangalik Dosh must wear the garland of Coral.
Artificial and real Coral Rosary:
There are many types of coral beads in the market, most of the coral garland (Coral Rosary Benefits) are fake, which are made of glass and camel bone, the glass garland is known from the sight, but to recognize the garland made of camel bone is a big and difficult task.
Wearing a fake coral rosary (Coral Rosary Benefits) leads to Mangal Dosh and the debt starts climbing, financial problems start to occur and things start deteriorating.
Siddha Coral Rosary Benefits:
Coral Rosary (Coral Rosary Benefits) is not easily found everywhere, in many places this coral garland is sold as fake, then in many places coral garland is not of good quality, Italian Mines Coral garland is considered the best.
Some people believe that by washing this coral rosary (Coral Rosary Benefits) in raw milk, the garland becomes energized, but this is not the case, there are different scriptures to energize. All the Coral garlands are energized by Astro Mantra are by chanting the Beej Mantra and Vedic process, so that everyone can get the benefits of this garland easily.
If such a coral rosary (Coral Rosary Benefits) is available, it has so many benefits, this cannot be expressed through words.
Coral Rosary Benefits:
- Wearing coral rosary (Coral Rosary Benefits) brings complete peace to Mangalik Dosh.
- If there is tension in your married life, then you must wear a coral rosary.
- A person wearing munga mala can never effected by the Tantra, he is completely safe.
- Wearing Munga Mala (Coral Rosary Benefits) makes a person unaffected by evil eyes.
- If the works are getting bad as they occur, then they must wear a coral garland.
- If there is tension in the house, there is no bond between them, then the coral garland (Coral Rosary Benefits) should be worn to Lord Shiva in the temple of the house.
- Munga Mala (Coral Rosary Benefits) is very beneficial for the progress, the person who holds the coral rosary improves in his business and job.
- If a person is suffering from epilepsy or jaundice, he must wear a garland of coral.
- Wearing Coral Garland (Coral Rosary Benefits) causes blood related disorders to disappear, coral keeps blood pressure balanced.
Precautions for the Coral Rosary:
- Non vegetarian should not be eaten on Tuesday and Saturday after wearing a munga mala (Coral Rosary Benefits) or coral gem.
- Smoking should not be consumed on Mondays, Tuesdays and Wednesdays.
How to hold the Coral Rosary:
After receiving the Siddha coral rosary, on the Tuesday of any Tuesday or on the day of Chitra and Mrigashira Nakshatra, place the coral rosary on top of the red rose in the temple of the house, burn and lit ghee lamp in front, then chant the Mangal Mantra. After chanting “Kram Kreem Kraum Sah Bhaumaye Namah” 108 times in a red posture, then holding this garland, this garland becomes active and starts giving its full results.
मूंगा माला के लाभ | Coral Rosary
मूंगा समुद्र में पायी जानी वाली एक वनस्पति होती है, जिसे मूंगा के नाम से जाना जाता है, जिन व्यक्तियों की कुण्डली में मंगल दोषहोता है, या उनकों मंगल ग्रहअशुभ फल दे रहा होता है, मूंगा रत्न या मुंगे की माला को धारण करना चाहियें, जिससें मंगल ग्रह पूर्ण शांत हो और मंगल ग्रह से बना हुआ राजयोग का लाभ मिल सकें है।
भारतीय ज्योतिष अनुसार मेष और वृश्चिक राशि के जातकों या मांगलिक दोष शांति करने वाले व्यक्तियों को मुंगे की माला को अवश्य ही धारण करनी चाहिए।
असली और नकली मूंगा माला:
मार्किट में कई प्रकार की मूंगा माला आती है, इसमें ज्यदातर मूंगा माला नकली होती है, जो कांच और ऊंट की हड्डी से बनी होती है, कांच की माला तो देखने से ही मालूम चल जाती है, पर ऊंट की हड्डी की बनी माला को पहचानना बड़ा ही मुश्किल काम है।
नकली मूंगा माला को धारण करने से मंगल दोष लगता है और कर्ज चढ़ने लगता है, आर्थिक समस्या बनने लगती है और कार्य बनते-बनते बिगड़ने लगते है।
सिद्ध मूंगा माला के लाभ:
मूंगा माला हर जगह आसानी से नही मिलती है, कई जगह पर यह मूंगा माला नकली ही बेचीं जाती है, तो कई जगह मूंगा माला अच्छी माईस के नही होती, इटेलियन माईस मूंगा माला सबसे अच्छी मानी गयी है।
कुछ लोगो मानते है, की इस मूंगा माला (Coral Rosary Benefits) को कच्चे दूध में धोने से माला प्राण-प्रतिष्ठित हो जाती है, पर ऐसा नही है, सभी मालाओं को प्राण-प्रतिष्ठित सिद्ध करने का शास्त्रोत अलग-अलग विधान है, मूंगा माला को अस्त्रों मंत्रा के सिद्ध साधक ने मंगल ग्रह के बीज मंत्रो से प्राण-प्रतिष्ठित कर, मन्त्र जाप पुश्चरण करके सिद्ध किया है, जिससे इस माला का लाभ सबको आसानी से मिल सके।
यदि ऐसा मूंगा माला उपलब्ध हो जाए तो, इसके इतने लाभ है जिसको यहाँ व्यक्त नही किया जा सकता।
मूंगा माला के लाभ:
- मूंगा माला को धारण करने से मांगलिक दोष की पूर्ण शांति होती है।
- यदि आपके वैवाहिक जीवन में तनाव रहता है, तो आपको मूंगा माला अवश्य ही धारण करनी चाहियें।
- मूंगा माला धारण किये व्यक्ति को कभी तन्त्र प्रयोग नही हो सकता, वह पूर्ण रूप से सुरक्षित रहता है।
- मूंगा माला को धारण करने से व्यक्ति को नजर नही लगती है।
- यदि कार्य बनते-बनते खराब हो रहे हो, तो उसे अवश्य ही मूंगा माला धारण करनी चाहियें।
- घर में तनाव हो, आपस में बनती न हो रिश्ते खराब हो रहे हो तो, मूंगा माला को घर के मंदिर में शिवजी को पहना देनी चाहियें।
- उन्नति के लिए मूंगा माला बहुत ही लाभकारी है, मूंगा माला को जो मनुष्य धारण करता उसकी व्यापार व नौकरी में उन्नति होती है।
- यदि कोई व्यक्ति मिर्गी या पीलिया जेसेरोग से पीड़ित है, उसे मुंगे की माला को अवश्य ही धारण करना चाहियें।
- मूंगा माला को धारण करने से रक्त सम्बंधित विकार दूर होने लगते है, मूंगा रक्तचाप संतुलित बनाये रखता है।
सावधानीयां मूंगा माला के लिए:
- मूंगा माला या मूंगा रत्न को धारण करने के बाद मंगलवार व शनिवार को नानवेज नहीं खाना चाहिए।
- सोमवार, मंगलवार व बुधवार के दिन धूम्रपान का सेवन नहीं करना चाहिए।
मूंगे की माला को कब और कैसे धारण करे?
सिद्ध मूंगा माला की प्राप्ति के बाद मूंगा माला किसी भी मंगलवार के दिन या चित्रा व मृगशिरा नक्षत्र के दिन प्रातःकाल स्नान करके मूंगा माला को, घर के मंदिर में लाल गुलाब के ऊपर रखें दे, सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं, फिर मंगल मन्त्र “ॐ क्राम क्रीम क्रौम सा भौमाय नमः” का 108 बार लाल आसन पर बैठ कर जाप कर, इसके बाद इस माला को धारण कर ले, इस तरह यह माला एक्टिव हो जाती है और अपना पूरा फल देने लग जाती है।