Dhumavati Kavach | धूमावती कवच
Dhumavati Kavach (धूमावती कवच) is considered to be the most important Maha kavach among the 10 Mahavidyas. This Maa Dhumavati kavach provides protection from all types of enemies. If your enemies are trying to bring you down in society, taking advantage of your goodness, obstructing your success, trying to harm you by using Tantra-Mantra, Black magic, Sorcery. Then in such a situation, you must recite Dhumavati Kavach. By doing this recitation, one gets victory over all enemies and is protected from the conspiracies hatched by them. To avoid court cases, false cases, false accusations, to win court cases, this Dhumavati Kavach is considered very fruitful.
By reciting this kavach, enemies are soon defeated, they accept their mistakes, and start supporting you as friends. If Dhumavati Rosary is worn while reciting Dhumavati Kavach, then new energy flows in the body, negative thoughts are removed from the mind, ghosts, evil spirits etc. do not wander near you. This kavach is the kavach of Dhumavati, the most angry, fierce, sharp and powerful Mahavidya of Tantra, enemies start trembling at the name of this goddess.
धूमावती कवच | Dhumavati Kavach
श्रीपार्वत्युवाच
धूमावत्यर्चनं शम्भो श्रुतं विस्तरतोमया ।
कवचं श्रोतुमिच्छामि तस्या देव वदस्व मे ॥
श्रीभैरव उवाच:
शृणुदेवि परं गुह्यं न प्रकाश्यं कलौयुगे ।
कवचं श्रीधूमावत्याश्शत्रुनिग्रहकारकम् ॥
ब्रह्माद्यादेवि सततं यद्वशादरिघातिनः ।
योगिनोभवछत्रुघ्ना यस्याध्यान प्रभावतः ॥
विनियोग:
ॐ अस्य श्रीधूमावतीकवचस्य पिप्पलाद ऋषिः अनुष्टुप्छन्दः श्रीधूमावती देवता धूं बीजम् स्वाहाशक्तिः धूमावती कीलकम् शत्रुहनने पाठे विनियोगः ।
कवचम्
ॐ धूं बीजं मे शिरः पातु धूं ललाटं सदावतु ।
धूमा नेत्रयुगं पातु वती कर्णौ सदावतु ॥
दीर्घा तूदरमध्ये तु नाभिं मे मलिनाम्बरा ।
शूर्पहस्ता पातु गुह्यं रूक्षारक्षतु जानुनी ॥
मुखं मे पातु भीमाख्या स्वाहा रक्षतु नासिकाम् ।
सर्वं विद्यावतु कण्ठं विवर्णा बाहुयुग्मकम् ॥
चञ्चला हृदयं पातु दुष्टा पार्श्वं सदावतु ।
धूमहस्ता सदा पातु पादौ पातु भयावहा ॥
प्रवृद्धरोमा तु भृशंकुटिला कुटिलेक्षणा ।
क्षृत्पिपासार्दिता देवी भयदा कलहप्रिया ॥
सर्वाङ्गं पातु मे देवी सर्वशत्रु विनाशिनी ।
इति ते कवचं पुण्यं कथितं भुवि दुर्लभम् ॥
न प्रकाश्यं न प्रकाश्यं न प्रकाश्यं कलौ युगे ।
पठनीयं महादेवि त्रिसन्ध्यं ध्यानतत्परैः ।
दुष्टाभिचारो देवेशि तद्गात्रं नैव संस्पृशेत् ॥
। इति भैरवी भैरव संवादे धूमावती तत्त्वे धूमावती कवचं सम्पूर्णम् ।
Dhumavati Kavach | धूमावती कवच
Shriparvatyuvach
Dhumavatyarchanam Shambho Shrutam Vistaratomaya।
Kavacham Shrotumichami Tasya Dev Vadasva Me॥
Shribhairav Uvach:
Shrunudevi Param Guhyam Na Prakashyam Kalauyuge।
Kavacham Shridhumavatyashshatrunigrahakarakam॥
Bramadyadevi Satatam Yadvashaadarighatinah।
Yoginobhavachhatrughna Yasyadhyan Prabhavatah॥
Viniyoga:
Om Asya Shridhumavatikavachasya Pippalad Rishih Anushtuphhandah Shridhumavati Devta Dhum Bijam Svahashaktih Dhumavati Kilakam Shatruhanane Pathe Viniyogah।
Kavach
Om Dhum Bijam Me Shirah Patu Dhum Lalatam Sadavatu।
Dhumaa Netrayugam Patu Vati Karnau Sadavatu॥
Dirgha Toodaramadhye Tu Nabhim Me Malinambara।
Shurpahasta Patu Guhyam Ruksharakshatu Januni॥
Mukham Me Patu Bhimakhya Svahaa Rakshatu Nasikam।
Sarvam Vidyavatu Kantham Vivarna Bahuyugmakam॥
Chanchala Hridayam Patu Dushta Parshvam Sadavatu।
Dhumahasta Sada Patu Padau Patu Bhayavaha॥
Pravruddharomaa Tu Bhrushankutila Kutilekshana।
Kshrutpipasardita Devi Bhayada Kalahapriya॥
Sarvangam Patu Me Devi Sarvashatru Vinashini।
Iti Te Kavacham Punyam Kathitam Bhuvi Durlabham॥
Na Prakashyam Na Prakashyam Na Prakashyam Kalau Yuge।
Pathaniyam Mahadevi Trisandhyam Dhyanatatparaih।
Dushtaabhicharo Deveshi Tadgatram Naiv Sansprushet॥
। Iti Bhairavi Bhairav Samvade Dhumavati Tatve Dhumavati Kavacham Sampurnam।
धूमावती कवच के लाभ:
धूमावती कवच को 10 महाविधाओं में सबसे उच्चकोटि का महाकवच माना जाता हैं। माँ धूमावती का यह कवच समस्त प्रकार के शत्रुओं से रक्षा प्रदान करता है। यदि आपके शत्रु आपको समाज में नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, आपकी अच्छाई का फायदा उठा रहे हैं, आपकी सफलता में बाधा डाल रहे है, आपके ऊपर तंत्र-मंत्र, काले जादू, टोने-टोटके का प्रयोग करके, आपको नुकसान पहुँचाने की कोशिश करते हैं, तो ऐसी स्थिति में, आपको धूमावती कवच का अवश्य पाठ करना चाहिए। इस पाठ को करने से समस्त शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और उनके बनाये गये षड्यंत्र से रक्षा होती है।
कोर्ट केस, झूठे मुकदमे, झूठे आरोप से बचने के लिए, कोर्ट केस में विजय प्राप्त करने के लिए, यह धूमावती कवच बहुत ही फलदाई माना गया है। इस कवच का पाठ करने से, शत्रु शीघ्र ही परास्त होते है, वह अपनी गल्ती, स्वीकार करते है, मित्र बनकर साथ देने लग जाते है। धूमावती कवच का पाठ करते समय धूमावती माला को धारण किया जाए, तो शरीर में नवीन ऊर्जा का संचार होता है, मन से नकारात्मक विचार दूर होते है, भूत-प्रेत बाधा, बुरी आत्माएं आदि आपके आस-पास भी नही भटकती। यह कवच तंत्र की सबसे क्रोधी, उग्र, तीक्ष्ण और शक्तिशाली महाविधा धूमावती का कवच है, इस देवी के नाम से ही शत्रु काँपने लगते है।