Durga Kavacham | दुर्गा कवच
Durga Kavacham (दुर्गा कवच) is the most powerful kavach in the world. There is no other protective kavach like this kavach. Maa Durga protects the seeker from all Fear, Sorrow, Suffering and Tantra-Mantra-Yantras by reciting this Kavach. If any kind of evil forces reside or enter a person’s house, due to which diseases remain in the house. Money is spent on diseases, there is constant quarreling among the family members. Not getting success in work, enemies are increasing, tantra obstacles are remain due to enemies, then the person should definitely recite this, Durga Kavacham. Maa Durga is considered the goddess who eliminates negative energy. By reciting Durga Kavacham, a person remains safe from Evil eye, Tantra-mantra, Ghost-spirit obstruction, Sorcery etc.
Due to which a person is not affected by any Tantra-mantra. In today’s era, enemies try to dominate the individual, as soon as there is a little progress, enemies from all sides try to humiliate us. In such a situation, a person should recite Durga Kavacham. The person who wants progress and advancement in his life without any obstacles, must recite this Kavach. If Durga Yantra Kavach is worn along with reciting Durga Kavacham, then this kavach provides indication of bad events happening in future, and also protects from them. A person wearing kavach gets victory in all three worlds. Even the biggest enemy cannot do any harm to him.
दुर्गा कवच | Durga Kavacham
ईश्वर उवाच
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कवचं सर्वसिद्धिदम् ।
पठित्वा पाठयित्वा च नरो मुच्येत सङ्कटात् ॥ १ ॥
उमा देवी शिरः पातु ललाटं शूलधारिणी ।
चक्षुषी खेचरी पातु वदनं सर्वधारिणी ॥ २ ॥
जिह्वां च चण्डिका देवी ग्रीवां सौभद्रिका तथा ।
अशोकवासिनी चेतो द्वौ बाहू वज्रधारिणी ॥ ३ ॥
हृदयं ललिता देवी उदरं सिंहवाहिनी ।
कटिं भगवती देवी द्वावूरू विन्ध्यवासिनी ॥ ४ ॥
महाबाला च जङ्घे द्वे पादौ भूतलवासिनी
एवं स्थिताऽसि देवि त्वं त्रैलोक्यरक्षणात्मिके ।
रक्ष मां सर्वगात्रेषु दुर्गे दॆवि नमोऽस्तु ते ॥ ५ ॥
Durga Kavacham | दुर्गा कवच
Ishvar Uvach
Shrunu Devi Pravakshyami Kavacham Sarvasiddhidam ।
Pathitva Pathayitva Ch Naro Muchyet Sankatat ॥ 1 ॥
Uma Devi Shirah Patu Lalatam Shuladharini ।
Chakshushi Khechari Patu Vadanam Sarvadharini ॥ 2 ॥
Jihvaam Ch Chandika Devi Grivaam Saubhadrika Tatha ।
Ashokvasini Cheto Dvau Bahu Vajradharini ॥ 3 ॥
Hridayam Lalita Devi Udaram Sinhavahini ।
Katim Bhagavati Devi Dvaawooru Vindhyavasini ॥ 4 ॥
Mahabala Ch Janghe Dve Padau Bhutalvasini Evam SthitaऽSi Devi Tvam Trailokyarakshanatmike ।
Raksh Maam Sarvagatreshu Durge Daivi NamoऽStu Te ॥ 5 ॥
दुर्गा कवच के लाभ:
दुर्गा कवच विश्व का सबसे शक्तिशाली कवच हैं, इस कवच के समान कोई अन्य रक्षा कवच नही है। इस कवच का पाठ करने से माँ दुर्गा समस्त, भय, दुःख, कष्ट और तंत्र-मंत्र-यंत्र से साधक की रक्षा करती हैं। यदि किसी व्यक्ति के घर में किसी प्रकार की बुरी शक्तिओं का वास हो या आगमन है, जिसके कारण घर में बीमारियाँ बनी रहती हो, पैसा बीमारीयों पर खर्च होता जाता हो, घर के लोगों में आपसी झगड़ा बना रहता हो, कार्यो में सफलता नही मिल रही हो, शत्रु बढ़ रहे हो, शत्रुओं के द्वारा तंत्र बाधा बनी रहती हो, तो उसे इस दुर्गा कवच का अवश्य ही पाठ करना चाहियें। माँ दुर्गा नकारात्मक ऊर्जा को जड़ से समाप्त करने वाली देवी मानी जाती हैं।
दुर्गा कवच का पाठ करने से बुरी नजर, तंत्र-मन्त्र बाधा, भूत-प्रेत बाधा, टोने-टोटके आदि से रक्षा होने लगती हैं, जिससे किसी भी तंत्र-मन्त्र का प्रभाव व्यक्ति पर नही पड़ता। आज के युग में शत्रु व्यक्ति पर हावी होने की चेष्टा करते हैं, थोड़ी सी उन्नति होते ही चारों तरफ़ शत्रु नीचा दिखाने का प्रयत्न करते हैं, ऐसे में, व्यक्ति को दुर्गा कवच का पाठ करना चाहिए। जो व्यक्ति अपने जीवन में बिना किसी बाधाओं के प्रगति चाहता है, उन्नति चाहता है, उसें अवश्य ही इस कवच का पाठ करना चाहियें। यदि दुर्गा कवच का पाठ करने के साथ दुर्गा यंत्र कवच धारण किया जाए, तो यह कवच भविष्य में होने वाली बुरी घटनाओं का संकेत प्रदान करता है, और उनसे रक्षा भी करता है। इस कवच को धारण किए हुए व्यक्ति, को तीनों लोकों में विजय प्राप्त होती है, बड़े से बड़ा शत्रु भी उसका कुछ नही बिगाड़ सकता।