Ganesh Kavach | गणेश कवच
Ganesh Kavach (गणेश कवच): Shri Ganesh is entitled for first worship. It is considered very auspicious to recite Ganesh Kavach before starting any work. Such as buying a new thing, starting a business, going for an interview etc. By reciting Ganesh Kavach, even the biggest problems start to go away, loss of money stops, debts are removes, there is protection from evil eyes and tantric obstacles. If Ganesh Kavach is recited 108 times in 11 days, then all the obstacles in business and family work gradually start going away.
The seeker attains Wealth, Happiness and Prosperity etc. It is believed that if Ganesh Kavach is recited along with Ganesh Yantra at home, shop or office, negative energy gets removed, wealth and prosperity come, new ways of earning money start opening. This is a very powerful kavach, all the obstacles coming in the house start going away with this kavach, an atmosphere of love and peace remains in the family. Every seeker should recite Ganesh Kavach in continual worship, so that all kinds of obstacles can be removed from his life.
गणेश कवच | Ganesh Kavach
गौर्युवाच
एषोऽतिचपलो दैत्यान्बाल्येऽपि नाशयत्यहो ।
अग्रे किं कर्म कर्तेति न जाने मुनिसत्तम ।।1।।
दैत्या नानाविधा दुष्टा: साधुदेवद्रुह: खला: ।
अतोऽस्य कण्ठे किंचित्त्वं रक्षार्थं बद्धुमर्हसि ।।2।।
मुनिरुवाच
ध्यायेत्सिंहगतं विनायकममुं दिग्बाहुमाद्यं युगे त्रेतायां तु मयूरवाहनममुं षड्बाहुकं सिद्धिदम् ।
द्वापरे तु गजाननं युगभुजं रक्तांगरागं विभुं तुर्ये तु द्विभुजं सितांगरूचिरं सर्वार्थदं सर्वदा ।।3।।
विनायक: शिखां पातु परमात्मा परात्पर: ।
अतिसुंदरकायस्तु मस्तकं सुमहोत्कट: ।।4।।
ललाटं कश्यप: पातु भ्रूयुगं तु महोदर: ।
नयने भालचन्द्रस्तु गजास्यस्तवोष्ठपल्लवौ ।।5।।
जिह्वां पातु गणाक्रीडश्रिचबुकं गिरिजासुत: ।
पादं विनायक: पातु दन्तान् रक्षतु दुर्मुख: ।।6।।
श्रवणौ पाशपाणिस्तु नासिकां चिंतितार्थद: ।
गणेशस्तु मुखं कंठं पातु देवो गणञज्य: ।।7।।
स्कंधौ पातु गजस्कन्ध: स्तनौ विघ्नविनाशन: ।
ह्रदयं गणनाथस्तु हेरंबो जठरं महान् ।।8।।
धराधर: पातु पाश्र्वौ पृष्ठं विघ्नहर: शुभ: ।
लिंगं गुज्झं सदा पातु वक्रतुन्ड़ो महाबल: ।।9।।
गणाक्रीडो जानुजंघे ऊरू मंगलमूर्तिमान् ।
एकदंतो महाबुद्धि: पादौ गुल्फौ सदाऽवतु ।।10।।
क्षिप्रप्रसादनो बाहू पाणी आशाप्रपूरक: ।
अंगुलीश्च नखान्पातु पद्महस्तोऽरिनाशन ।।11।।
सर्वांगनि मयूरेशो विश्र्वव्यापी सदाऽवतु ।
अनुक्तमपि यत्स्थानं धूम्रकेतु: सदाऽवतु ।।12।।
आमोदस्त्वग्रत: पातु प्रमोद: पृष्ठतोऽवतु ।
प्राच्यां रक्षतु बुद्धीश आग्नेय्यां सिद्धिदायक: ।।13।।
दक्षिणस्यामुमापुत्रो नैर्ऋत्यां तु गणेश्वर: ।
प्रतीच्यां विघ्नहर्ताऽव्याद्वायव्यां गजगर्णक: ।।14।।
कौबेर्यां निधिप: पायादीशान्यामीशनन्दन: ।
दिवोऽव्यादेलनन्दस्तु रात्रौ संध्यासु विघ्नह्रत् ।।15।।
राक्षसासुरवेतालग्रहभूतपिशाचत: पाशांकुशधर: पातु रज:सत्त्वतम:स्मृति: ।।16।।
ज्ञानं धर्मं च लक्ष्मीं च लज्जां कीर्तिं तथा कुलम् ।
वपुर्धनं च धान्यश्र्च ग्रहदारान्सुतान्सखीन् ।।17।।
सर्वायुधधर: पौत्रान्मयूरेशोऽवतात्सदा ।
कपिलोऽजाबिकं पातु गजाश्रवान्विकटोऽवतु ।।18।।
भूर्जपत्रे लिखित्वेदं य: कण्ठेधारयेत्सुधी: ।
न भयं जायते तस्य यक्षरक्ष:पिशाचत: ।।19।।
त्रिसंध्यं जपते यस्तु वज्रसारतनुर्भवेत् ।
यात्राकाले पठेद्यस्तु निर्विघ्नेन फलं लभेत् ।।20।।
युद्धकाले पठेद्यस्तु विजयं चाप्नुयाद्ध्रुवम् ।
मारणोच्चटनाकर्षस्तंभमोहनकर्मणि ।।21।।
सप्तवारं जपेदेतद्दिननामेकविशतिम ।
तत्तत्फलमवाप्नोति साधको नात्र संशय: ।।22।।
एकविंशतिवारं च पठेत्तावद्दिनानि य: ।
काराग्रहगतं सद्यो राज्ञा वध्यं च मोचयेत् ।।23।।
राजदर्शनवेलायां पठेदेतत्तत्त्रिवारत: ।
स राजानं वशं नीत्वा प्रक्रतीश्र्च सभां जयेत् ।।24।।
इदं गणेशकवचं कश्यपेन समीरितम् ।
मुद्गलाय च तेनाथ मांडव्याय महर्षये ।।25।।
मज्झं स प्राह कृपया कवचं सर्वसिद्धिदम् ।
न देयं भक्तिहीनाय देयं श्रद्धावते शुभम् ।।26।।
अनेनास्य कृता रक्षा न बाधाऽस्य भवेत्कचित् ।
राक्षसासुरवेतालदैत्यदानवसंभवा ।।27।।
गणेश कवच के लाभ:
श्री गणेश अग्रपूजा के अधिकारी हैं। किसी भी कार्य की शरूआत करने जैसे कोई वस्तु नयी खरीदनी, किसी व्यापार की शुरुआत करना, इंटरव्यू के लिए जाना आदि से पहले गणेश कवच का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता हैं। गणेश कवच का पाठ करने से बड़े से बड़े संकट दूर होने लगते हैं, धन का नुकसान होना बंद हो जाता है, कर्जा दूर होता है, बुरी नज़र और तंत्र बाधा से रक्षा होती है। यदि गणेश कवच का 11 दिन में 108 बार गणेश कवच का पाठ किया जाए, तो व्यवसाय और परिवारिक कार्यो में आने वाली सभी रूकावटे धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं। साधक को धन, सुख-समृद्धि आदि की प्राप्ति होती हैं।
ऐसा माना जाता हैं, कि गणेश यंत्र के साथ यदि गणेश कवच का घर, दुकान या ऑफिस में पाठ किया जाये तो, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, धन समृद्धि आती है, पैसे आने के नए-नए रस्ते खुलने लगते है। यह बहुत ही शक्तिशाली कवच है इस कवच से घर में आने वाली सभी विघ्न, बाधाएँ दूर होने लगती हैं, परिवार में आपस में प्रेम, शांति का वातावरण बना रहता हैं। प्रत्येक साधक को चाहिए कि वे नित्य पूजा में गणेश कवच का पाठ अवश्य करे, जिससे उसके जीवन से सभी प्रकार के विघ्न-बाधा दूर हो सकें।