Ganga Aarti, गंगा आरती

Ganga Aarti | गंगा आरती

Ganga Aarti (गंगा आरती): Maa Ganga is pure, vast and charming who loves her devotees very much. Maa Ganga’s nature has always been to give to the people. Reciting the Aarti of Maa Ganga brings a feeling of patience, purity and love in the seeker. Anger of the seeker starts going away by recitation of Maa Ganga aarti. Recitation of Aarti regularly, the seeker starts feeling love.

Recitation of this Aarti, the seekers can attain wealth and prosperity. A feeling of purity towards others starts coming in the mind of the seeker. The life of the seeker becomes pure. The recitation of Ganga Aarti the seeker starts getting extreme happiness and peace. The life of the seeker becomes filled with happiness and increases good fortune. Love starts increasing between husband and wife and every work of the seeker starts becoming successful.

गंगा आरती | Ganga Aarti

ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता ।

जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥

ॐ जय गंगे माता ।

चंद्र सी ज्योति तुम्हारी, जल निर्मल आता ।

शरण पड़े जो तेरी , सो नर तर जाता ॥

ॐ जय गंगे माता ।

पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता ।

कृपा दृष्टि हो तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता ॥

ॐ जय गंगे माता ।

एक ही बार जो तेरी, शरण गति आता ।

यम की त्रास मिटाकर, परमगति पाता ॥

ॐ जय गंगे माता ।

आरति मातु तुम्हारी, जो नर नित गाता ।

दास वही सहज में, मुक्ति को पाता ॥

ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता ।

गंगा आरती के लाभ:

माँ गंगा निर्मल, विशाल और मोहक हैं, जो अपने भक्तो को बहुत प्यार करती हैं। माँ गंगा का स्वभाव हमेशा लोगो को देने का रहा हैं। माँ गंगा की आरती का पाठ करने से साधक में धैर्य, निर्मलता और प्रेम की भावना आती हैं। माँ गंगा आरती का पाठ करने से साधक का क्रोध दूर होने लगता हैं। नियमित रूप से आरती का पाठ करने से साधक में प्रेम की भावना आने लगती हैं

इस आरती के पाठ से साधक को धन, समृद्धि की प्राप्ति हो सकती हैं। साधक के मन में दूसरो के प्रति निर्मलता की भावना आने लगती हैं। साधक का जीवन पवित्र हो जाता हैं। माँ गंगा आरती का पाठ करने से साधक को अत्यंत सुख और शांति प्राप्त होने लगती हैं। साधक का जीवन सुख से भर जाता हैं तथा सोभाग्य की वृद्धि होती हैं। पति-पत्नी में प्रेम बढ़ने लग जाता है तथा साधक का प्रत्येक कार्य सफल होने लगता हैं।