श्रीघटिकाचलहनुमत्स्तोत्रम्/Ghatikachala Hanuman Stotram
(श्रीघटिकाचलहनुमत्स्तोत्रम्/Ghatikachala Hanuman Stotram)
शङ्खचक्रधरं देवं घटिकाचलवासिनम् ।
योगारूढं ह्याञ्जनेयं वायुपुत्रं नमाम्यहम् ॥ १॥
भक्ताभीष्टप्रदातारं चतुर्बाहुविराजितम् ।
दिवाकरद्युतिनिभं वन्देऽहं पवनात्मजम् ॥ २॥
कौपीनमेखलासूत्रं स्वर्णकुण्डलमण्डितम् ।
लङ्घिताब्धिं रामदूतं नमामि सततं हरिम् ॥ ३॥
दैत्यानां नाशनार्थाय महाकायधरं विभुम् ।
गदाधरकरो यस्तं वन्देऽहं मारुतात्मजम् ॥ ४॥
नृसिंहाभिमुखो भूत्वा पर्वताग्रे च संस्थितम् ।
वाञ्छन्तं ब्रह्मपदवीं नमामि कपिनायकम् ॥ ५॥
बालादित्यवपुष्कं च सागरोत्तारकारकम् ।
समीरवेगं देवेशं वन्दे ह्यमितविक्रमम् ॥ ६॥
पद्मरागारुणमणिशोभितं कामरूपिणम् ।
पारिजाततरुस्थं च वन्देऽहं वनचारिणम् ॥ ७॥
रामदूत नमस्तुभ्यं पादपद्मार्चनं सदा ।
देहि मे वाञ्छितफलं पुत्रपौत्रप्रवर्धनम् ॥ ८॥
इदं स्तोत्रं पठेन्नित्यं प्रातःकाले द्विजोत्तमः ।
तस्याभीष्टं ददात्याशु रामभक्तो महाबलः ॥ ९॥
Ghatikachala Hanuman Stotram/श्रीघटिकाचलहनुमत्स्तोत्रम्
||Shri Ghatikachalahanumatstotram||
Shankhachakradharam devam ghatikachalvasinam.
Yogarudham hyanjaneyam vayuputram namamayam 1॥
Bhaktabhishtapradataram Chaturbahuvirajitam.
Divakardyutinibham vandeऽham pawanatmajam 2
Kaupinmekhlasutra Swarnakundalamanditam.
Langhitabdhim Ramdoot Namami Satam Harim 3
Daityanam nashanarthaye mahakayadharam vibhum.
Gadadharkaro yastam vandeham marutatmajam 4
Nrisimhabhimukho bhutva parvatagre cha sansthitham.
Vanchhantam brahmapadavin namami kapinayakam 5
Baladityavapushkam cha Sagarottarakaram.
Sameervegan devesham vande hymitavikramam. 6
Padmaragarunamanishobhitam kamarupinam.
Parijatatrusthan cha vandeham vincharinam 7
Ramdoot namastubhyam padapadmarchanam always.
Desired fruit in the body, son grandson Pravardhanam. 8
Idam stotram pathennityam morning kale dvijottamah.
Tasyabhistam dadatyashu rambhakto mahabalah 9॥
Ghatikachala Hanuman Stotram/श्रीघटिकाचलहनुमत्स्तोत्रम् विशेष:
श्रीघटिकाचलहनुमत्स्तोत्रम् के साथ-साथ यदि हनुमान कवच और हनुमान चलीसा का पाठ किया जाए तो, श्रीघटिकाचलहनुमत्स्तोत्रम् का बहुत लाभ मिलता है यह स्तोत्र शीघ्र ही फल देने लग जाता है| हनुमत् मंगलाष्टक का पाठ करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होती है| अगर आपका मन पढाई में नही लग पा रहा है तो आपको हनुमान सहस्रहनाम का पाठ करना चाहिए| जीवन में शांति प्राप्त करने के लिए इस स्तोत्र का पाठ नियमित रुप से करना चाहिए|