Hanuman Kavach, हनुमान कवच

Hanuman Kavach | हनुमान कवच

Hanuman Kavach (हनुमान कवच): Lord Hanuman is called Sankat Mochan, he protects the person from negative powers. This kavach is a very powerful kavach. By reciting this kavach, gets protection from all Fears, Sorrows, Suffering, Pains, Enemies, Planetary defects, Tantra-mantra obstacles etc. If a person’s enemies are trying to bring him down in society, creating obstacles in his every work, due to which there are repeated obstacles in achieving the goal, then in such a situation, that person must recite Hanuman Kavach. By reciting this, one gets protection from the conspiracies of enemies. If a person is under the influence of Black magic or Evil eye, he gets nightmares, there is a lot of fear in his mind, his mental balance is getting disturbed due to which he is very worried, then to get rid of such a problem.

If he wears Hanuman Locket along with reciting Hanuman Kavach, then he gets protected from all ghost and spirit obstacles and the inner fear goes away. Hanuman Kavach removes the defects caused by the planet Saturn in a person’s horoscope, due to Shani obstacle in the horoscope, the whole life of the person is full of struggle, false allegations are made, court cases are filed, a situation of debate always remains, such big cases are filed, from which it becomes difficult to get rid of throughout life, in such a situation, if Hanuman Yantra Kavach is worn along with reciting Hanuman Kavach, then the inauspicious effect of Saturn starts getting removed from the person’s horoscope, and gets relief from big problems, court cases etc. Every person should recite Hanuman Kavach in his regular worship, so that he can be protected from all troubles.

हनुमान कवच | Hanuman Kavach

गायत्री छंद्:

पंचमुख विराट हनुमान देवता। ह्रीं बीजम्।

श्रीं शक्ति:। क्रौ कीलकम्। क्रूं कवचम्।

क्रै अस्त्राय फ़ट्। इति दिग्बंध्:।

श्री गरूड उवाच्

अथ ध्यानं प्रवक्ष्यामि।श्रुणु सर्वांगसुंदर।

यत्कृतं देवदेवेन ध्यानं हनुमत्: प्रियम्।।1।।

पंचकक्त्रं महाभीमं त्रिपंचनयनैर्युतम्।

बाहुभिर्दशभिर्युक्तं सर्वकामार्थसिध्दिदम्।।2।।

पूर्वतु वानरं वक्त्रं कोटिसूर्यसमप्रभम्।

दंष्ट्राकरालवदनं भ्रुकुटीकुटिलेक्षणम्।।3।।

अस्यैव दक्षिणं वक्त्रं नारसिंहं महाद्भुतम्।

अत्युग्रतेजोवपुष्पंभीषणम भयनाशनम्।।4।।

पश्चिमं गारुडं वक्त्रं वक्रतुण्डं महाबलम्।

सर्वनागप्रशमनं विषभूतादिकृन्तनम्।।5।।

उत्तरं सौकरं वक्त्रं कृष्णं दिप्तं नभोपमम्।

पातालसिंहवेतालज्वररोगादिकृन्तनम्।।6।।

ऊर्ध्वं हयाननं घोरं दानवान्तकरं परम्।

येन वक्त्रेण विप्रेन्द्र तारकाख्यमं महासुरम्।।7।।

जघानशरणं तस्यात्सर्वशत्रुहरं परम्।

ध्यात्वा पंचमुखं रुद्रं हनुमन्तं दयानिधिम्।।8।।

खड्गं त्रिशुलं खट्वांगं पाशमंकुशपर्वतम्।

मुष्टिं कौमोदकीं वृक्षं धारयन्तं कमण्डलुं।।9।।

भिन्दिपालं ज्ञानमुद्रा दशभिर्मुनिपुंगवम्।

एतान्यायुधजालानि धारयन्तं भजाम्यहम्।।10।।

प्रेतासनोपविष्टं तं सर्वाभरण्भुषितम्।

दिव्यमाल्याम्बरधरं दिव्यगन्धानु लेपनम सर्वाश्चर्यमयं देवं हनुमद्विश्वतोमुखम्।।11।।

पंचास्यमच्युतमनेकविचित्रवर्णवक्त्रं शशांकशिखरं कपिराजवर्यम्।

पीताम्बरादिमुकुटै रूप शोभितांगं पिंगाक्षमाद्यमनिशं मनसा स्मरामि।।12।।

मर्कतेशं महोत्राहं सर्वशत्रुहरं परम्।

शत्रुं संहर मां रक्ष श्री मन्नपदमुध्दर।।13।।

ओम हरिमर्कट मर्केत मंत्रमिदं परिलिख्यति लिख्यति वामतले।

यदि नश्यति नश्यति शत्रुकुलं यदि मुंच्यति मुंच्यति वामलता।।14।।

ॐ हरिमर्कटाय स्वाहा ओम नमो भगवते पंचवदनाय पूर्वकपिमुखाय सकलशत्रुसंहारकाय स्वाहा।

ॐ नमो भगवते पंचवदनाय दक्षिणमुखाय करालवदनाय नरसिंहाय सकलभूतप्रमथनाय स्वाया।

ॐ नमो भगवते पंचवदनाय पश्चिममुखाय गरूडाननाय सकलविषहराय स्वाहा।

ॐ नमो भगवते पंचवदनाय उत्तरमुखाय आदिवराहाय सकलसंपत्कराय स्वाहा।

ॐ नमो भगवते पंचवदनाय उर्ध्वमुखाय हयग्रीवाय सकलजनवशकराय स्वाहा।

हनुमान कवच के लाभ:

भगवान हनुमान को संकट मोचन कहा जाता हैं, यह व्यक्ति की नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करते हैं। हनुमान कवच एक अत्यंत शक्तिशाली कवच हैं, इस कवच का पाठ करने से समस्त भय, दुःख, कष्ट, पीड़ा, शत्रु, ग्रह दोष, तंत्र-मंत्र बाधा आदि से रक्षा होने लगती हैं। यदि किसी व्यक्ति के शत्रु उसे समाज में उसे नीचा दिखने की कोशिश कर रहे हैं, उसके प्रत्येक कार्य में बाधा डाल रहे हैं, जिससे लक्ष्य प्राप्ति में बार-बार रुकावट बन रही हैं, तो ऐसे में, उस व्यक्ति को हनुमान कवच का पाठ अवश्य ही करना चाहिए। इस पाठ को करने से, शत्रुओं के षड्यंत्र से रक्षा होने लगती हैं। अगर किसी व्यक्ति पर कोई काला जादू या बुरी नज़र का प्रभाव हैं, उसे नींद में बुरे सपने आते हैं, मन में बहुत अधिक भय बना रहता हैं, मानसिक संतुलन बिगड़ रहा हैं, जिसके कारण वह अत्यंत परेशान रहता हैं, तो ऐसी समस्या से छुटकारा पाने के लिए

यदि वह हनुमान कवच का पाठ करने के साथ हनुमान लॉकेट धारण करता हैं, तो समस्त भूत प्रेत बाधाओं से रक्षा होने लगती हैं और आंतरिक भय दूर होता हैं। हनुमान कवच किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में शनि ग्रह से बने दोष को दूर करता हैं, जन्मकुंडली में शनि दोष होने से व्यक्ति का पूरा जीवन संघर्ष से भरा रहता हैं, उस पर झूठे आरोप लगते हैं, कोर्ट केस के मामले बनते हैं, हमेशा वाद-विवाद की स्थिति बनी रहती हैं, ऐसे बड़े-बड़े केस बनते हैं, जिनसे जीवन भर छुटकारा पाना मुश्किल हो जाता हैं, ऐसे में, हनुमान कवच का पाठ करने के साथ यदि हनुमान यंत्र कवच धारण किया जाए, तो व्यक्ति की जन्मकुंडली से शनि का अशुभ प्रभाव दूर होने लगता हैं, और बड़े-बड़े संकटों, कोर्ट केस आदि से छुटकारा प्राप्त होता हैं। प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए, कि वे नित्य पूजा में हनुमान कवच का पाठ अवश्य करे, जिससे समस्त संकटों से उसकी रक्षा हो सके।