Harshringar Benefits/हरश्रृंगार के लाभ
Other Names of Harshringar (Harshringar Benefits/हरश्रृंगार):
- Sanskrit — Parijata,Shefalika
- Latin — Nyctanthes arbortristisLinn.
- Hindi — Harshringar
- Bengali — Shefali
- Marathi — Parijata
- Gujarati — Harshangar
Brief Description of Harshringar (Harshringar Benefits):
Harshringar (Harshringar Benefits): Parijata is native to India. It is distributed widely in sub-Himalayan regions and southward to Godavari. It is also found in Bangladesh, Indo-Pak subcontinent and South-East Asia, tropical and sub-tropical South East Asia. Night jasmine flowers during August to November and the tree bears fruits in cold season. Parts used for medicinal purpose: Leaves, flowers, seeds and bark.
Religious Importance of Harshringar (Harshringar Benefits):
This Harshringar (Harshringar Benefits) herb has a significant position in religious arena. This flower is loved by the gods. The parts of this plant are used in several astrological remedies.
The person who waters this plant mixed with milk on Tuesdays and put a punctum of vermillion on it, Lord Hanuman bless him. The enemies of that person will be dominated by him. This practice enhances a better characteristic of that person.
During Guru Pushya period collect some roots of this plant in a systematic way. Keep this root in a small box of vermillion and keep it in the house and business establishment. No evil sight can ever harm you. There will be a regular flow of wealth in the place where roots are kept.
The roots taken out during the auspicious time, if hanged on the main gate of the house, no malefic effect could happen on the house and its members. No sorcery could be done on the house. The roots should be hanged wrapped in a black cloth and time to time thread and clothes are to be changed.
During the life time you will find many people will worry you unnecessarily. And the amazing thing is that you cannot fight with them due to reason or other. To overcome these traumas use the following mascot. You yourself will feel the difference. Make this mascot on any Tuesday in an auspicious moment. Make red ink. Sit on a red or blue woollen facing south.
After writing these keep it on a wooden stool. Now chant 1 to 5 rosaries the spell of your deity. After the completion of the spell, the name of that person to be pronounced who disturbs you. Show the smoke of benzyl and hang the mascot in a Harshringar (Harshringar Benefits) plant with a thread. This will save you from that person.
It is a miraculous attempt. Many people adopted this and benefitted.
The people have many such wishes those never materialise due to obstacles. For such desire fulfillment this is a miraculous remedy. It is a very simple attempt but effect is too big. To achieve the result you have to show the trust and must have patience. What you have to do is after taking bath and wearing clean clothes stand under the tree and catch the flowers which are falling down and before touching the ground the flowers to be caught in the air and make garlands and garland the idols of Lord Ram and Sita. If making garland is not possible, offer the flowers on the feet of Ram and Sita. But before doing this you have to resolute your desire.
The person who is doing this should ask the possible things. Overnight house, bank balance and cars etc. are not possible. Similarly one lower middle class man should not think to marry a princess. Make the desire according to your capabilities. Who desires according to his status, his wills always be fulfilled. The person who crush the flower with cow urine and put punctum of that paste, he/she will have an mesmerising attraction.
Astrological Importance of Harshringar (Harshringar Benefits):
On the full moon day if 5 flowers are given in flowing water, all the malefic effects due to moon will be reduced.
On Tuesdays if anyone recites the Hanuman Chalisa sitting under this tree after burning joss sticks, malefic effects due to Mars and Saturn will be removed.
The person who drops 5 flowers daily on the bathing water and takes bath, he/she will be relieved from all the malefic effects due to planets. Sorceress never affects him.
Importance of Harshringar in Vaastu (Harshringar Benefits):
The Harshringar (Harshringar Benefits) tree in the boundary of the house is too auspicious. While planting this tree, if planted on West direction or South direction is too good for the family. If there is existing plant over there, residents must worship this daily. No lady under period is supposed to touch this tree.
Medicinal Importance of this plant (Harshringar Benefits):
If the seeds of Harshringar (Harshringar Benefits) is converted to powder and applied on the head with coconut oil, the dandruff will go away and it will cool the head.
The juice of the leaves if taken with ginger juice and honey, fever will go off immediately. If this juice is given to the kids, it will be very good for good health. The person who chews daily 8 buds of this flower, his knee pain will go off.
If the decoction of this flower is taken, it will give relief to joint pains. Take about 50 gm of Harshringar (Harshringar Benefits) leaves. Clean it and make powder of it. Boil it with one glass of water till water remains one fourth. Drink this decoction before going to bed. Do not take water after that. This will enable you to overcome joint pains and knee pains. The juice of the leaves if given with sugar to kids, roundworms, and tapeworms will be finished.
हरश्रृंगार के लाभ/Harshringar Benefits
हरश्रृंगार के विभिन्न नाम (Harshringar Benefits):
- संस्कृत में — पारिजात, शेफालिका,
- हिन्दी में — हरश्रृंगार, हरसिंगार, प्रजाता
- मराठी में — पारिजात
- गुजराती में — हारशणगार
- बंगाली में — सिंटिक, शेफालिका
- अंग्रेजी में — Weeping Nyctanthes (वीपिंग निक्टेंथीस)
- लेटिन में — निक्टांथेस आर्बोस्ट्रीस्टिस (Nyctanthes arbortristis Linn.)
- वानस्पतिक कुल— यूथिका— कुल (ओलिएसी) (Oleaceae)
हरश्रृंगार का संक्षिप्त परिचय (Harshringar Benefits):
समस्त भारतवर्ष में इसके वृक्ष मिलते हैं। हरश्रृंगार (Harshringar Benefits) के वृक्ष छोटे-छोटे होते हैं, जिसकी पतली शखायें होती है। पत्तियां ढाई इंच से तीन इंच चौड़ी होती हैं, जिनके आगे का भाग नुकीला होता हैं। पत्तियों पर श्वेत रोम पाये जातें हैं, जिससे स्पर्श में यह कर्कश होता हैं। पुष्प सुगन्धित होते हैं, जो गुच्छों में निकलते हैं। पुष्प प्राय: रात में खिलते हैं तथा प्रात: झड़ जाते हैं। फल आधा इंच तक चौड़ा, लम्बगोल, चपटा, पकने पर भूरे रंग का होता है।
हरश्रृंगार का धार्मिक महत्व (Harshringar Benefits):
हरश्रृंगार (Harshringar Benefits) का धार्मिक रूप से अत्यधिक महत्व है। इसके पुष्प देवताओं को अत्यधिक प्रिय हैं। इसके वृक्ष के विभिन्न अंगों को उपायों के काम में भी लाया जाता है, जिससे व्यक्ति की समस्याओं का समाधान हो।
जो व्यक्ति मंगलवार के दिन हरश्रृंगार (Harshringar Benefits) के वृक्ष को दूध मिश्रित जल चढ़ाता है तथा सिंदूर का टीका लगाता है, उस पर श्री हनुमान की विशेष कृपा होती है। उसके शत्रु हमेशा दबे रहते हैं। ऐसे जातक में चारित्रिक विकास होता है।
गुरुपुष्य योग में विधि-विधान से हरश्रृंगार (Harshringar Benefits) की मूल प्राप्त कर लें। इस मूल के टुकड़े को सिन्दूर में किसी डिब्बी में रखकर उसे घर में अथवा प्रतिष्ठान में अथवा दोनों जगह रखें। यह मूल जहाँ होगी, वहाँ किसी भी व्यक्ति की नज़र नहीं लगेगी। वहाँ की सुख-समृद्धि में निरन्तर वृद्धि होगी।
शुभ मुहूर्त में पूर्व निमंत्रण देकर निकाली गई हरश्रृंगार (Harshringar Benefits) की जड़ को घर के मुख्यद्वार पर लटकाने से उस घर पर कोई भी तांत्रिक प्रयोग प्रभावहीन रहता है। उस घर पर टोने-टोटकों का असर नहीं होता है। इस जड़ को आप काले कपड़े में रखकर काले धागे से बांध कर लटकायें और समय-समय पर वस्त्र एवं धागा बदलते रहें।
जीवन में कई बार कुछ लोग आपको बिना किसी कारण के परेशान करने लगते है। आप उनसे लड़ भी नहीं सकते हैं। ऐसी स्थिति में ऐसे व्यक्तियों से मुक्ति पाने के लिये आप अग्रांकित यंत्र प्रयोग करें। यंत्र के चमत्कारिक प्रभाव को आप स्वयं अनुभव करेंगे। इस यंत्र को किसी भी कोरे कागज पर मंगलवार के दिन शुभ मुहूर्त में बनायें।
यंत्र लेखन के लिये लाल स्याही बना लें। दक्षिण दिशा की तरह मुँह करके ऊनी लाल अथवा नीला वस्त्र बिछा लें। यंत्र का लेखन किसी भी कलम के द्वारा कर सकते है। लेखन के पश्चात् इसे बाजोट पर रख दें। अब मानसिक रूप से अपने इष्ट के किसी भी मंत्र का 1, 3 अथवा 5 माला जाप करें। इसके पश्चात् इस यंत्र के समक्ष उस व्यक्ति का नाम लें जो आपको परेशान करता हो। इसके बाद इस यंत्र पर गूगल की धूनी देकर इसे हरश्रृंगार (Harshringar Benefits) के वृक्ष की किसी डाली से धागे की सहायता से लटका दें। ऐसा करने से वह व्यक्ति परेशान करना बंद कर देता है। यह एक अत्यन्त उपयोगी एवं चमत्कारिक यंत्र प्रयोग है जिसके द्वारा अनेक पीड़ित व्यक्तियों ने लाभ प्राप्त किया है। यंत्र इस प्रकार है –
व्यक्ति की अनेक ऐसी कामनायें होती हैं जो अनायास रूप से उत्पन्न बाधाओं के कारण पूरी नहीं हो पाती हैं। अपनी ऐसी कुछ विशिष्ट कामनाओं की पूर्ति के लिये आपको यहाँ एक अत्यन्त चमत्कारिक प्रयोग बताया जा रहा है। यह प्रयोग बहुत ही साधारण है, किन्तु प्रभाव उतना ही अधिक है। इसका लाभ प्राप्त करने के लिये आपको पर्याप्त धैर्य एवं विश्वास का परिचय देना होगा। इस उपाय के अन्तगर्त आपको भगवान श्रीराम-सीता जी को हरश्रृंगार (Harshringar Benefits) के ऐसे फूलों से माला बनाकर अर्पित करनी है जिन फूलों को न तोड़ा जाये और न वे जमीन पर पड़े हुये हों अर्थात् पुष्पों को जमीन पर गिरने के पूर्व ही प्राप्त करना है।
इसके लिये वृक्ष के नीचे किसी स्वच्छ वस्त्र पर इन्हें एकत्रित किया जा सकता है। चूंकि इसके फूल रात में खिलते हैं और दिन में झड़ जाते हैं, इसलिए इन्हें प्राप्त करने में किसी प्रकार की कठनाई नहीं आयेगी। इन पुष्पों की एक माला स्वयं अपने हाथों से बनाकर श्रीराम-सीता की मूर्ति को अथवा फोटो को पहनायें। ऐसा करने से व्यक्ति की अनेक कामनायें शीघ्र ही पूरी होने लग जाती हैं। अगर आप माला न बना सकें। तो केवल उक्त प्रकार से पुष्पों को एकत्रित कर श्रीराम-सीता के चरणों में अर्पित करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
इसमें आप जो भी कामना करें, उसके पहले विचार अवश्य कर लें कि आप उसके योग्य हैं। अथवा नहीं। साइकिल चलाने वाले को कार की कामना के लिये ऐसा उपाय नहीं करना चाहिये। इसी प्रकार झोपड़ी में रहने वाले को महलों की राजकुमारी से विवाह के लिये कामना करते हुये प्रयोग नहीं करें। अगर आप अपने सामर्थ्य को ध्यान में रखते हुये तथा श्रद्धा, भावना एवं विश्वास से प्रयोग करते हैं तो अवश्य एवं शीघ्र आपकी कामना भगवान श्रीराम-सीताजी की कृपा से पूरी हो जायेगी।
जो व्यक्ति हरश्रृंगार (Harshringar Benefits) के पुष्पों को केसर एवं गोरोचन के साथ पीसकर तिलक करता है, उसमें विशिष्ट आकर्षण आ जाता है। उसमें सम्मोहन करने की शक्ति आसानी से आ जाती है।
हरश्रृंगार का ज्योतिषीय महत्व (Harshringar Benefits):
पूर्णिमा के दिन हरश्रृंगार (Harshringar Benefits) के 5 पुष्पों को जल में प्रवाहित करने से अथवा किसी कुएं में डालने से चन्द्र की पीड़ा समाप्त होती है। मंगलवार को हरश्रृंगार (Harshringar Benefits) के वृक्ष के नीचे बैठकर, पास में अगरबत्ती लगाकर हनुमान चालीसा का पाठ करने वाला मंगल एवं शनि-ग्रहों की पीड़ा से मुक्त होता है। स्नान के जल में हरश्रृंगार (Harshringar Benefits) के 5 पुष्पों को डालकर उस जल से नित्य स्नान करने वाला व्यक्ति सर्वग्रह पीड़ा से मुक्त होता है तथा ग्रहों के शुभत्व को प्राप्त करता है। उस पर ऊपरी हवा का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
हरश्रृंगार का वास्तु में महत्व (Harshringar Benefits):
घर की सीमा में हरश्रृंगार (Harshringar Benefits) के वृक्ष का होना अत्यन्त शुभ होता है। इसे घर के पश्चिम अथवा दक्षिण दिशा में लगाना चाहिये। घर में इसके होने पर वहां निवास करने वालों को इसका पूजन नियमित रूप से अवश्य करना चाहिये। राजस्वला स्त्री को इस वृक्ष का भी स्पर्श कदापि नहीं करना चाहिये।
हरश्रृंगार का औषधीय महत्व (Harshringar Benefits):
इसके बीजों के चूर्ण को नारियल के तेल में मिलाकर सिर में लगाने से रुसी समाप्त होती है तथा सिर में ठंडक पहुँचती है। इसके पत्तों का स्वरस, अदरक का रस एवं शहद एक एक चम्मच की मात्रा मिलाकर देने से जीर्ण ज्वर में शीघ्र ही लाभ प्राप्त होता है।
इसके पत्तों के स्वरस की आधा चम्मच की मात्रा छोटे बच्चों के लिए उत्तम रेचक है। जो व्यक्ति इसकी आठ कलियों को नित्य सीधे ही चबाकर खाता है वह घुटनों एवं जोड़ों की पीड़ा से मुक्त रहता है। इसके काढ़े का सेवन करने से घुटनों एवं जोड़ों की पीड़ा में आराम मिलता है। लगभग 50 ग्राम हरश्रृंगार (Harshringar Benefits) के पत्ते लेकर स्वच्छ करके कूट पीस लें।
इसे एक गिलास जल में इतना उबालें कि जल का चौथा भाग रह जाए, फिर इस काढ़े को छान लें। इसका सेवन रात्रि के समय करें। इसके बाद जल न पियें। इसके सेवन से घुटनों एवं जोड़ों के दर्द में अत्यधिक लाभ होता है। इसके पत्तों के रस में शक्कर मिलाकर देने से बच्चों के पेट के कीड़े बाहर आ जाते है।