Indrajaal Benefits, इंद्रजाल के लाभ

Indrajaal Benefits | इंद्रजाल के लाभ

Indrajaal Benefits (इंद्रजाल के लाभ): On hearing the name of Indrajaal (Indrajaal Benefits), it seems that perhaps it is an elusive thing, some people associate it with witchcraft, and many people associate it with captivating and hypnosis. Indrajaal is called “Tilism” in Persian, in India the word Tilism is used for magic.

Indrajaal (Indrajaal Benefits) is a sea tree which does not have leaves, which is not easily found, it is said that in the house where indrajaal is used, there is no effect of ghosts, witchcraft etc., tantric use Indrajaal more.

Indrajaal Benefits:

  • Use of Indrajaal is beneficial to get children, avoid enemy obstruction, eyesight.
  • According to texts, the house where Indrajaal (Indrajaal Benefits) is there does not have the effect of ghosts, sorcery.
  • Keeping Indrajaal (Indrajaal Benefits) in the temple of the house does not have evil sight.
  • Whoever wears or keeps the Indrajaal in his workplace gets benefited by chanting Indrajaal spells on auspicious occasions like Navratri, Holi and Deepawali.
  • By putting Indrajaal at the main entrance of the house, negative powers, ghosts, etc. do not enter the house and destroy the Vastu defects.
  • The development of the shop, trade site south direction Indrajaal leads to business growth
  • If witchcraft is added to Indrajaal, it also serves as a lifeline in the field of medicine, it is also a very useful medicine for serious liver diseases and prostate problem of men and cancer, combined with other flora.

Worship of Indrajaal:

The real Indrajaal (Indrajaal Benefits) is worshiped according to the Tantric texts, use Gangajal, Akshat, Kumkum, Kalava, red cloth, Ghee, clay lamps, ashtgandha, black turmeric paste, incense sticks, fresh flowers etc. for the worship of Indrajaal.

Rules of Puja of Indrajaal:

Tuesday and Saturday are considered to be the most auspicious days for the worship of Indrajaal, for this, first of all, spread red asana in front of the temple in the house, sprinkle Ganga water 7 times for the purification of Indrajaal, then light 5-7 ghee lamps, burn Loban and Put it in front of Indrajaal, then mix the Ganges water in Ashtagandha, Kali Turmeric and Kumkum and prepare the mixture by chanting the following Mantra and applying Tilak 11 or 21 times around and  in the middle of the Indrajaal.

“Om Namo Naaraayanaay Vishvambharaay Indrajaal Kautuk Nirdeshaay Darshanan Kuru Swaha.”

।। ॐ नमो नारायणाय विश्वम्भराय इंद्र जाल कौतुक निर्देशाय दर्शनं कुरु स्वाहा।।

After chanting the mantra, tie Indrajaal (Indrajaal Benefits) in a red cloth, place it in the temple of the house or place it in a place where no one can touch it.

Indrajaal Benefits, इंद्रजाल के लाभ

इंद्रजाल के लाभ | Indrajaal Benefits

इन्द्रजाल का नाम सुनते ही लगता है, कि शायद यह कोई मायावी वस्तु है, कुछ लोग इसे जादू-टोना से जोड़ते है, तो कई लोग तो इसे वशीकरण तथा सम्मोहन से जोड़कर देखते हैं। फारसी में इंद्रजाल को “तिलिस्म” कहा गया है, भारत में तिलिस्म शब्द का प्रयोग जादू के लिए किया जाता है।

इंद्रजाल एक समुद्री पेड़ होता है, जिसमे पत्तियाँ नही होती, जोकि आसानी से नही मिलता, कहा जाता है, कीजिस घर में इंद्रजाल का उपयोग किया जाता है, वहाँ भूत-प्रेत, जादू-टोने आदि का कोई असर नहीं पड़ता, इंद्रजाल को तांत्रिक ज्यदा उपयोग करते है।

इन्द्रजाल के लाभ:

  • संतान प्राप्ति, शत्रु बाधा, नजर दोष से बचने के लिए इन्द्रजाल का प्रयोग लाभकारी होता है।
  • शस्त्रों के अनुसार, जिस घर में इन्द्रजाल (Indrajaal Benefits) होता है वहां भूत-प्रेत, जादू-टोने का प्रभाव नहीं पड़ता।
  • इन्द्रजाल को घर के मंदिर में रखने से बुरी नजर नहीं लगती।
  • नवरात्री, होली तथा दीपावली जैसे शुभ अवसर में इंद्रजाल को मंत्रों से प्राण-कर जो भी मनुष्य धारण करता है या अपने कार्यस्थल में रखता है उस मनुष्य को लाभ प्राप्त होता है।
  • इंद्रजाल को घर के मुख्य द्वार पर लगाने से घर में नकारात्मक शक्तियों, भूत प्रेत आदि का प्रवेश नहीं होता तथा वास्तु दोषों का नाश होता है।
  • दुकान, व्यापार स्थल दक्षिण दिशा में इंद्रजाल (Indrajaal Benefits) को लगाने से व्यापार में उन्नति आती है
  • इंद्रजाल को अगर जादू टोने जो जोड़ा जाता है तो, वही ये चिकित्सा के क्षेत्र में ये जीवन दायिनी का काम भी करता है अन्य वनस्पति के साथ मिलाकर ये लीवर के गम्भीर रोगों और पुरुषों के प्रोस्टेट समस्या तथा कैंसर के लिये अति उपयोगी औषधि भी है

इंद्रजाल की पूजा:

असली इंद्रजाल (Indrajaal Benefits) की तांत्रिक ग्रंथो ने अनुसार पूजा की जाती है, इंद्रजाल की पूजा के लिए गंगाजल, अक्षत, कुमकुम, कलावा, लाल वस्त्र, घी, मिटटी के दिए, अष्टगंध, काली हल्दी का पेस्ट, अगरबत्ती, ताजे फूल आदि का उपयोग करे।

इंद्रजाल पूजा विधि:

इंद्रजाल की पूजा के लिए मंगलवार और शनिवार का दिन सबसे शुभ माना गया है, इसके लिए सबसे पहले घर में मंदिर के आगे लाल आसन बिछा कर इंद्रजाल की शुद्धि के लिए 7 बार गंगा जल छिड़के, फिर 5-7 घी के दीपक, धुप जला कर इंद्रजाल के सम्मुख रख दीजिये फिर अष्टगंध, काली हल्दी और कुमकुम में गंगा जल मिला कर मिश्रण तैयार करके इंद्रजाल (Indrajaal Benefits) के चारो तरफ और बीच में 11 या 21 बार तिलक लगा कर निम्नलिखित मंत्र जप करे:-

।। ॐ नमो नारायणाय विश्वम्भराय इंद्र जाल कौतुक निर्देशाय दर्शनं कुरु स्वाहा।।

मंत्र जाप के पश्चात् इंद्रजाल (Indrajaal Benefits) को लाल कपडे में बांधकर, घर के मंदिर में रख दीजिये या फिर ऐसी जगह रख दीजिये जहाँ कोई भी इसे हाथ ना लगा सके।