Kamla Mahavidya | कमला महाविद्या
Kamla Mahavidya (कमला महाविद्या): Since ancient period people are based on economy. And in the life economy has a significant role. Lack of money cannot be recovered by a day and night hard work.
Shatkone Vasupatram ch Kamalam Bhapuranvitam ।
Sampriktam Kamalayantram shreebeejen samanwitam ।।
षट्कोणे वसुपत्रं च कमलं भूपुरान्वितम्।
सम्प्रीक्तं कमलायन्त्रं श्रीबीजेन समन्वितम्॥
Goddess Ma Kamala maintains the tenth significant position among all the ten Dus Mahavidya’s. She is seated on a lotus which symbolizes purity. Mata Kamala is a pleasing young woman with a lustrous complexion, delighting the senses, exciting intellectual and emotional admiration. Goddess Kamala has four hands with lotus flowers in her two hands, and her two remaining hands are in the posture of giving boons and blessings. She has a crown on her head and wears silken apparel. Four elephants as white as the snow of Himalayas encircle her, carrying vessels containing gold in their trunks.
Due to the ominous effects when time goes wrong, it destroys the richest man even. During this period the people become despondent. Frustration affects his family life and sometimes they are declared as unsuccessful. This adverse condition makes a person hopeless and they take drastic actions. This condition can only be improved by accomplishment.
Kamala Maa is the goddess of prosperity, purity, chastity and generosity. Goddess Kamala is Lord Vishnu’s energy existing in bodily form and accompanies him in all his divine activities. Her sadhana in reality is the worship of Shakti (Power) the root cause of the existence of this world. Her worship gives triumph, magnificent quality, wealth etc. Ma Kamala like Mata Lakshmi is a goddess of fame, fortune, riches, material well being, fertility and conception of children.
Kamla as lotus goddess also represents development of the person by maintaining the dharma of keeping the seven chakras open. She upholds sadhana. Lotus=chakra. Lotus Goddess is advancement Goddess. This is why she, as Shree or Lakshmi, is called Shakti of Shiva.
In beauty the Goddesses who most represent her are Shree, Lakshmi, Bala, and Lalita. She is very sattvic like Venus or Aphrodite, and of the Mahavidyas most like the Christian Mary.
Kamla is the first and most primal female energy. More developed, she takes on the other qualities of the other Mahavidyas. In fact, there is really no difference here because we are discussing deities that can change forms like lycanthropes.
When God manifests She does so to suit the moment like how we humans dress for success. We don’t always try to look uptight and professional, sometimes we like to dress down in bikinis and relax. Kamala is very much dressed down and relaxed.
To worship her in any form is acceptable because she is in all forms as all forms are from Prakriti or Mother Nature. We still maintain decorum even in bikinis. So also her worship entails restraint. She is the Light Goddess and likes fine and sattvic things and actions like charity.
As bride of Vishnu she loves a person who preserves other lives. Ask her to help and she will give you her blessings. But remain generous and faithful or she will be fickle. You should worship her during hard times for relief. She gives peace, prosperity and pleasure, and Moksha.
For economic improvement to accomplish Kamla Mahavidya is the best way. One can achieve wealth, pride and money by doing so. This Kamla Mahavidya Sadhana provides mental peace and wealth. In Kamala Tantra, the 12 names of Kamala if recited, they can fulfil their desire. The 12 names are:
- Mahalaxmi
- Hrinmukta
- Hiranmoyee
- Rajlaya
- Daridra Harini
- Kanchana
- Jada
- Rajarajeswari
- Varada
- Kanakvarna
- Dadmasana
- Sarvmangalya Tula
Kamala Tantra is too significant and secret accomplishment. But the person observes this with full trust, achieves the goal and with sudden money.
Rules of Accomplishment:
- We are mentioning the secret Mystry of Kamla Mahavidya Sadhana hereunder:
- On a wooden stool put a red cloth and by facing east he should keep a copper plate on the cloth and a Lotus on it. On the centre of the lotus put a energized and sanctified Kamala Mascot. On the right side put the photograph of Lord Shiva or your preceptor. Burn a ghee lamp, joss stick and benzyl.
- It can be started on Navratri or on any Friday after 9 pm after taking bath and wearing red dress.
Then do the appropriation mentioned hereunder:
Om Asya Sri Mahalaxmi Mantrasya Bhrigu Hrishi Nichchand Sri Mahalaxmi Devta shree Beejam Hring Shakti aing keelakam Shree Mahalaxmi Preetyatarthe jape Viniyog.
ॐ अस्य श्रीमहालक्ष्मी मन्त्रस्य भृगु ऋषि: निच्रच्छन्द: श्रीमहालक्ष्मी र्देवता श्रीं बीजं ह्रीं शक्ति: ऐं कीलकं श्रीमहालक्ष्मी प्रीत्यर्थे जपे विनियोग:
कमला महाविद्या | Kamla Mahavidya
कमला महाविद्या: प्राचीन काल से मनुष्य अर्थ व्यवस्था पर निर्भर रहता आया है। भले ही समय, देश, काल एवं उसके अनुसार उसका स्वरूप कुछ भी रहा हो, उसे जीवनयापन के लिए इसकी आवश्यकता होती है। आज का युग तो अर्थ प्रधान हो ही गया है और इसकी परिपाटी के अनुसार किसी भी कार्य को मूर्तरूप देने के लिए आर्थिक संसाधन नितान्त आवश्यक हैं किन्तु आर्थिक अभाव ऊँचे से ऊँचा व्यवसाय लगाकर भी दूर नहीं किया जा सकता है, दिन रात परिश्रम करने से भी आर्थिक सम्पन्नता प्राप्त नहीं की जा सकती है।
षट्कोणे वसुपत्रं च कमलं भूपुरान्वितम्।
सम्प्रीक्तं कमलायन्त्रं श्रीबीजेन समन्वितम्॥
जीवन में नवीन चेतना व उमंग के लिए लक्ष्मी की कृपा नितान्त आवश्यक है। लक्ष्मी की कृपा से व्यक्ति जीवन में उन्नति कर अपने तथा अपने परिवार के स्वास्थ्य की रक्षा करने में पूर्ण रूप से समर्थ हो पाता है। भगवती लक्ष्मी की कृपा से ही पूर्ण भौतिक समृद्धि प्राप्त की जा सकती है। योग्य तथा आज्ञाकारी सन्तान प्राप्त होना भी भगवती लक्ष्मी की ही कृपा पर निर्भर होता है। घर में लक्ष्मी का स्थाई निवास होने से राजकीय उन्नति एवं अनुकूलता मिलती है। लक्ष्मी कृपा से ही वीरता, उत्साह एवं आत्म विश्वास की प्राप्ति होती है, तभी व्यक्ति के लिए ब्रह्मत्व प्राप्ति एवं ईश्वर दर्शन सम्भव हो पाता है।
इस तरह लक्ष्मी स्वरूप भगवती कमला के मूल स्वरूप की साधना करना, प्रत्येक व्यक्ति के लिए अत्यन्त आवश्यकता है। जहां आज प्रत्येक व्यक्ति की सम्पूर्ण भाग-दौड़ का केन्द्र बिंदु लक्ष्मी प्राप्ति ही है, वहां इस तरह की साधना सम्पन्न करना आवश्यक हो जाता है। मनुष्य के अतिरिक्त देवताओं को भी देवकार्यों के सम्पादन हेतु लक्ष्मी की आवश्यकता पड़ती है, इसलिए देवता भी भगवती लक्ष्मी की आराधना करते हैं। इन्द्र भी भगवती लक्ष्मी की कृपा पर आश्रित हैं। जगत के पालन कर्त्ता भगवान विष्णु भी लक्ष्मी के सहयोग से ही कार्य करते हैं।
काल चक्र के प्रभाव में जब भी व्यक्ति का समय खराब आता है, तो ऐसी स्थिति में चाहे कोई करोड़पति हो अथवा ऊंचा उद्दोगपति फुटपाथ पर आने के लिए बाध्य हो जाता है। इस तरह की स्थिति जब मनुष्य के जीवन में आती है, तो वह चारों ओर से निराश, दु:खी व संतप्त हो जाता है। पारिवारिक सदस्यों से मन-मुटाव हो जाता है और हर तरफ उसे ताने ही सुनने को मिलते हैं, यहां तक कि उसे अयोग्य ही घोषित कर दिया जाता है।
विषम परिस्थितियों में हताश व निराश होकर व्यक्ति कहां जाए? क्या करे? तब उसके मन में हीन भावना आने लगती है और वह कण्ठित होकर आत्महत्या के बारे में विचारने लगता है। परन्तु क्या यह सही कदम है? कदापि नहीं। क्योंकि यदि मानव को ईश्वर ने जन्म दिया है, तो उसकी समस्या निवारण के लिए उपाय भी बनाया है। वह उपाय क्या है? वह उपाय है साधनात्मक बल जिसके माध्यम से गरीबी को करोड़ों मील दूर उखाड़ फेंका जा सकता है।
साधना के विषय में दस महाविद्या में कमला महाविद्या/Kamla Mahavidya अपने आप में ही उच्चकोटि की साधना है, जो व्यक्ति अपने जीवन में दरिद्रता को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहते हो, तो उनको लक्ष्मी के मूल स्वरूप महाविद्या कमला की साधना को अवश्य ही करना चाहिए। इस साधना को जो पूर्ण विधि-विधान से करता है, उसके जीवन में गरीबी नाम की कोई चीज़ नहीं होती, दरिद्रता स्वत: ही समाप्त हो जाती है, उसका दुर्भाग्य शीघ्र ही सौभाग्य में परिवर्तित हो जाता है।
आर्थिक अनुकूलता के लिए वास्तव में लक्ष्मी की कमला महाविद्या साधना करना अत्यंत ही श्रेष्ठ है, जो जीवन में अतुलनीय धन, वैभव, यश, सम्मान, आरोग्यता प्राप्त करने के लिए श्रेष्ठम उपाय है।
कमला महाविद्या साधना की मूल विशेषता यह है कि एक तरफ जहां यह साधना मानसिक शान्ति प्रदान करती है, वहीं दूसरी ओर इसके माध्यम से अतुलनीय वैभव एवं आकस्मिक धन की भी प्राप्ति होती रहती है। कमला तंत्र में देवी के द्वादश नाम भी स्पष्ट किए गए हैं और बताया गया है कि यदि साधक मात्र इन द्वादश नामों का ही नित्य उच्चारण करें, तो उसे पूर्ण सिद्धि प्राप्त होती है। भगवती कमला के द्वादश नाम इस प्रकार हैं—
- महालक्ष्मी
- ऋणमुक्ता
- हिरण्यमयी
- राजलया
- दारिद्रच्य हारिणी
- कांचना
- जदा
- राजराजेश्वरी
- वरदा
- कनक वर्णा
- ददमांसना
- सर्व मांगल्य दुला
कमला तंत्र अत्यन्त महत्वपूर्ण रहा है और प्राय: यह गोपनीय ही रहा है, किन्तु जो भी साधक निष्ठा से यह साधना सम्पन्न करता है, उसे जीवन में समस्त सुख, वैभव और सौभाग्य प्राप्त होता है। साथ ही आकस्मिक धन प्राप्ति के योग भी बनने लगते हैं।
कमला महाविद्या साधना विधान:
कमला महाविद्या साधना/Kamla Mahavidya को करने के लिए हम गोपनीय रहस्य यहाँ स्पष्ट कर रहे है —
- इस साधना को करने के लिए साधक पूर्व दिशा मुख करके अपने सामने लकड़ी के बाजोट पर लाल कपडा बिछाकर एक स्वच्छ ताम्र पत्र की प्लेट में एक कमल का पुष्प रखें, उस पुष्प के बीच ‘कमला यंत्र’ जो चैतन्य, मंत्रसिद्ध प्राणप्रतिष्ठित हो उसे स्थापित करें। और दाहिनी ओर शिव या गुरु का चित्र स्थापित करें, शुद्ध घी का दीपक जलाये यह दीपक मन्त्र जाप तक जलता रहे, धुप अगरबत्ती आदि भी जला दें।
- यह साधना नवरात्रि या किसी भी शुक्रवार की रात्रि में 9 बजे के बाद स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ लाल वस्त्र धारण कर प्रारम्भ करनी चाहिए।
इसके पश्चात मन्त्र विधान अनुसार पूजन व संकल्प कर सीधे हाथ में जल लेकर विनियोग करें—
ॐ अस्य श्रीमहालक्ष्मी मन्त्रस्य भृगु ऋषि: निच्रच्छन्द: श्रीमहालक्ष्मी र्देवता श्रीं बीजं ह्रीं शक्ति: ऐं कीलकं श्रीमहालक्ष्मी प्रीत्यर्थे जपे विनियोग: