Kamla Mahavidya Sadhna | कमला महाविद्या साधना
Pledge of the Sages (Kamla Mahavidya Sadhna/कमला महाविद्या साधना): Take water in left hand and by right hand touch different parts of the body while chanting the following spell so that all the parts of your body becomes scrumptious and sanctified. Performing these parts of your body becomes strong and becomes sensitive.
भृगुऋषये नम: शिरसि (सर को स्पर्श करें)
निच्रच्छ्न्दसे नम: मुखे (मुख को स्पर्श करें)
श्रीमहालक्ष्मीदेवतायै नम: ह्रदये (ह्रदय को स्पर्श करें)
श्रीं बीजाय नम: गुहे (गुप्तांग को स्पर्श करें)
ह्रीं शक्तये नम: पादयो: (दोनों पैरों को स्पर्श करें)
ऐं कीलकाय नम: नाभौ (नाभि को स्पर्श करें)
विनियोगाय नम: सर्वांगे (पुरे शरीर को स्पर्श करें)
Pledge of Hands: By the thumbs of your both the hands touch all the fingers by chanting the following spell. Doing so sensitivity increases.
श्रां अंगुष्ठाभ्यां नम:।
श्रीं तर्जनीभ्यां नम: ।
श्रूं मध्यमाभ्यां नम: ।
श्रैं अनामिकाभ्यां नम: ।
श्रौं कनिष्ठिकाभ्यां नम: ।
श्र: करतलकरपृष्ठाभ्यां नम: ।
Pledge of Heart: Take water on the palm of the left hand and with the fingers of right hand dip into the water of left hand and chant the following spell with a feeling that total body of yours is sanctified. This Kamla Mahavidya Sadhna makes your part of the body parts scrumptious, powerful and increases sensitivity.
श्रां ह्रदयाय नम: (ह्रदय को स्पर्श करें)
श्रीं शिरसे स्वाहा (सर को स्पर्श करें)
श्रूं शिखायै वषट् (शिखा को स्पर्श करें)
श्रैं कवचाय हुम् (दोनों कंधों को स्पर्श करें)
श्रौं नेत्रत्रयाय वौषट् (दोनों नेत्रों को स्पर्श करें)
श्र: अस्त्राय फट् (अपने सर पर सीधा घुमाकर चारों दिशाओं में चुटकी बजाएं)
Meditation: After this meditate and worship goddess Kamala by folding hands. Burn benzyl, earthen lamp of ghee, take flowers in palm and a little rice and chant the following spell.
कान्त्या कांचन सन्निभां हिमगिरी प्रख्यैश्चतुर्भिर्ग्गजै: ।
हस्तोत्क्षिप्त हिरण्मयामृतघटै रासिच्यमानां श्रियम् ॥
बिभ्राणां वरमब्ज युग्ममभयं हस्ते किरीटोज्ज्वम् ।
क्षौमाबद्धनितम्बबिम्बलसितां वन्देरविन्द स्थिताम ॥
After the completion of Puja, with energized rosary of coral chant the following spell for 23 rosaries for 11 days. Thereafter recite the Kamala (Kamla Mahavidya Sadhna) Kavach.
॥ ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं ह्सौ: जगत्प्रसूत्यै नम: ॥
॥ Om Aing Hreeng Shreeng Kleeng Hassou Jagatprasutye Namah॥
कमला महाविद्या कवच
ऐन्कारो मस्तके पातु वाग्भवी सर्वसिद्धिदा ।
ह्रीं पातु चक्षुषोर्मध्ये चक्षुयुग्मे च शांकरी ॥
जिह्वायां मुखव्रत्ते च कर्णयोर्दन्तयोर्नसि ।
ओष्ठाधरे दंतपन्क्तौ तालुमूले हनौ पुन: ॥
पातु मां विष्णुवनिता लक्ष्मी: श्रीविष्णुरूपिणी ।
कणयुग्मे भुजद्वन्द्वे स्तनद्वन्द्वे च पार्वती ॥
ह्रदये मणिबंधे च ग्रीवायां पाशर्वयो: पुन: ।
पृष्ठदेशे तथा गुहे वामे च दक्षिणे तथा ॥
उपस्थे च नितम्बे च नाभौ जंघाद्वये पुन: ।
जानुचक्रे पदद्वन्द्वे घुटिकेऽड़ूगुलिमूलके ॥
स्वधातु-प्राणशक्त्यात्मसीमन्ते मस्तके पुन: ।
विजया पातु भवने जया पातु सदा मम ॥
सर्वांगे पातु कामेशी महादेवी सरस्वती ।
तुष्टि: पातु महामाया उत्कृष्टि: सर्वदाऽवतु ॥
ऋद्धि: पातु महादेवी सर्वत्र शम्भुवल्लभा ।
वाग्भवी सर्वदा पातु पातु मां हरगेहिनी ॥
रमा पातु सदा देवी पातु माया स्वराट् स्वयम् ।
सर्वांगे पातु मां लक्ष्मीर्विष्णुमाया सुरेश्वरी ॥
शिवदूती सदा पातु सुन्दरी पातु सर्वदा ।
भैरवी पातु सर्वत्र भेरुंडा सर्व्वदाऽवतु ।
त्वरिता पातु मां नित्यमुग्रतारा सदाऽवतु ।
पातु मां कालिका नित्यं कालरात्रि: सदावतु ॥
नवदुर्गा सदा पातु कामाक्षी सर्वदाऽवतु ।
योगिन्य: सर्वदा पान्तु मुद्रा: पान्तु सदा मम ॥
मात्रा: पान्तु सदा देव्यश्चक्रस्था योगिनीगणा: ।
सर्वत्र सर्वकामेषु सर्वकर्मसु सर्वदा ।
पातु मां देवदेवी च लक्ष्मी: सर्वसम्रद्धिदा ॥
This Kamla Mahavidya Sadhna is an accomplishment of 11 days. During performance follow the rules strictly. Fearlessly with full trust chant the Kamala spell for 11 days. Do a brief worship before starting the chanting. Keep the matter secret. 10% of the chanted number has to be chanted during the Yajna with pure ghee and Kamal gatta. Keep the mascot there itself and rest of the things throw into the flowing river. This Kamla Mahavidya Sadhna will be treated as complete accomplishment. One can get the result very soon after performing it. All the problems will be eradicated.
कमला महाविद्या साधना | Kamla Mahavidya Sadhna
ऋष्यादि न्यास: बाएँ(Left Hand) हाथ में जल लेकर दाहिने हाथ(Right Hand) की समूहबद्ध, पांचों उंगलियों से निम्न मंत्रों के साथ शरीर के विभिन्न अंगों को स्पर्श करें और ऐसी भावना मन में रखें कि वे सभी अंग तेजस्वी और पवित्र बन रहे है। ऐसा करने से अंग शक्तिशाली बनते है और चेतना प्राप्त होती है।
भृगुऋषये नम: शिरसि (सर को स्पर्श करें)
निच्रच्छ्न्दसे नम: मुखे (मुख को स्पर्श करें)
श्रीमहालक्ष्मीदेवतायै नम: ह्रदये (ह्रदय को स्पर्श करें)
श्रीं बीजाय नम: गुहे (गुप्तांग को स्पर्श करें)
ह्रीं शक्तये नम: पादयो: (दोनों पैरों को स्पर्श करें)
ऐं कीलकाय नम: नाभौ (नाभि को स्पर्श करें)
विनियोगाय नम: सर्वांगे (पूरे शरीर को स्पर्श करें)
कर न्यास (कमला महाविद्या साधना): अपने दोनों हाथों के अंगूठे से अपने हाथ की विभिन्न उंगलियों को स्पर्श करें, ऐसा करने से उंगलियों में चेतना प्राप्त होती है।
श्रां अंगुष्ठाभ्यां नम:।
श्रीं तर्जनीभ्यां नम: ।
श्रूं मध्यमाभ्यां नम: ।
श्रैं अनामिकाभ्यां नम: ।
श्रौं कनिष्ठिकाभ्यां नम: ।
श्र: करतलकरपृष्ठाभ्यां नम: ।
ह्र्दयादि न्यास: पुन: बाएँ(Left Hand) हाथ में जल लेकर दाहिने हाथ(Right Hand) की समूहबद्ध, पांचों उंगलियों से निम्न मंत्रों के साथ शरीर के विभिन्न अंगों को स्पर्श करें और ऐसी भावना मन में रखें कि वे सभी अंग तेजस्वी और पवित्र बन रहे है। ऐसा करने से अंग शक्तिशाली बनते है और चेतना प्राप्त होती है।
श्रां ह्रदयाय नम: (ह्रदय को स्पर्श करें)
श्रीं शिरसे स्वाहा (सर को स्पर्श करें)
श्रूं शिखायै वषट् (शिखा को स्पर्श करें)
श्रैं कवचाय हुम् (दोनों कंधों को स्पर्श करें)
श्रौं नेत्रत्रयाय वौषट् (दोनों नेत्रों को स्पर्श करें)
श्र: अस्त्राय फट् (अपने सर पर सीधा घुमाकर चारों दिशाओं में चुटकी बजाएं)
कमला ध्यान: इसके बाद दोनों हाथ जोड़कर माँ भगवती कमला का ध्यान करके पूजन करें। धुप, दीप, चावल, पुष्प से तदनन्तर कमला महाविद्या मन्त्र का जाप करें।
कान्त्या कांचन सन्निभां हिमगिरी प्रख्यैश्चतुर्भिर्ग्गजै: ।
हस्तोत्क्षिप्त हिरण्मयामृतघटै रासिच्यमानां श्रियम् ॥
बिभ्राणां वरमब्ज युग्ममभयं हस्ते किरीटोज्ज्वम् ।
क्षौमाबद्धनितम्बबिम्बलसितां वन्देरविन्द स्थिताम ॥
पूजन सम्पन्न कर सिद्ध प्राण प्रतिष्ठित ‘मूंगा’ माला से निम्न मंत्र की 23 माला 11 दिन तक मंत्र जप करें, मन्त्र जाप के पश्चात् कमला कवच का पाठ करें—
॥ ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं ह्सौ: जगत्प्रसूत्यै नम: ॥
कमला महाविद्या कवच
ऐन्कारो मस्तके पातु वाग्भवी सर्वसिद्धिदा ।
ह्रीं पातु चक्षुषोर्मध्ये चक्षुयुग्मे च शांकरी ॥
जिह्वायां मुखव्रत्ते च कर्णयोर्दन्तयोर्नसि ।
ओष्ठाधरे दंतपन्क्तौ तालुमूले हनौ पुन: ॥
पातु मां विष्णुवनिता लक्ष्मी: श्रीविष्णुरूपिणी ।
कणयुग्मे भुजद्वन्द्वे स्तनद्वन्द्वे च पार्वती ॥
ह्रदये मणिबंधे च ग्रीवायां पाशर्वयो: पुन: ।
पृष्ठदेशे तथा गुहे वामे च दक्षिणे तथा ॥
उपस्थे च नितम्बे च नाभौ जंघाद्वये पुन: ।
जानुचक्रे पदद्वन्द्वे घुटिकेऽड़ूगुलिमूलके ॥
स्वधातु-प्राणशक्त्यात्मसीमन्ते मस्तके पुन: ।
विजया पातु भवने जया पातु सदा मम ॥
सर्वांगे पातु कामेशी महादेवी सरस्वती ।
तुष्टि: पातु महामाया उत्कृष्टि: सर्वदाऽवतु ॥
ऋद्धि: पातु महादेवी सर्वत्र शम्भुवल्लभा ।
वाग्भवी सर्वदा पातु पातु मां हरगेहिनी ॥
रमा पातु सदा देवी पातु माया स्वराट् स्वयम् ।
सर्वांगे पातु मां लक्ष्मीर्विष्णुमाया सुरेश्वरी ॥
शिवदूती सदा पातु सुन्दरी पातु सर्वदा ।
भैरवी पातु सर्वत्र भेरुंडा सर्व्वदाऽवतु ।
त्वरिता पातु मां नित्यमुग्रतारा सदाऽवतु ।
पातु मां कालिका नित्यं कालरात्रि: सदावतु ॥
नवदुर्गा सदा पातु कामाक्षी सर्वदाऽवतु ।
योगिन्य: सर्वदा पान्तु मुद्रा: पान्तु सदा मम ॥
मात्रा: पान्तु सदा देव्यश्चक्रस्था योगिनीगणा: ।
सर्वत्र सर्वकामेषु सर्वकर्मसु सर्वदा ।
पातु मां देवदेवी च लक्ष्मी: सर्वसम्रद्धिदा ॥
यह ग्यारह दिन की कमला महाविद्या साधना है। साधना के बीच साधना के नियमों का अच्छे से पालन करें। भय रहित होकर पूर्ण आस्था के साथ ग्यारह दिन तक कमला मंत्र जप करें। नित्य जाप करने से पहले संक्षिप्त पूजन अवश्य करें। कमला महाविद्या साधना के बारे में जानकारी गुप्त रखें। ग्यारह दिन तक मन्त्र का जाप करने के बाद जिस मन्त्र का आपने जाप किया है उसका दशांश (10%) या संक्षिप्त हवन कमल गट्टे, शुद्ध घी, हवन समग्री में मिलाकर करें।
हवन के पश्चात् यंत्र को अपने घर के मंदिर या तिजोरी में लाल वस्त्र में बांधकर रख दें। यह यंत्र एक वर्ष तक वहीं रखें और बाकि बची पूजा सामग्री को नदी या किसी पीपल के नीचे विसर्जित कर दें। इस तरह करने से यह साधना पूर्ण मानी जाती है। साधना के संकल्प सहित कार्य भविष्य में शीघ्र ही पुरे होते है, साधक को धन, धान्य, भूमि, वाहन, लक्ष्मी आदि प्राप्त होने लगती है, धन से जुडी समस्या उसकी दूर हो जाती है और उसके जीवन की दरिद्रता पूर्णत: समाप्त हो जाती है।