Leo Zodiac Sign 2024
According to the Leo Horoscope/सिंह राशि in 2024, Shani Maharaj indicates an increase in business by sitting in the seventh house. There will also be prosperity in your family life, but will make your spouse an order. In the next year, it can be carried forward with discipline and Shani Maharaj will give you benefits. This year will also give you an opportunity for long trips. There will also be opportunities to go abroad. Jupiter Maharaj will give the ability to take the right decision by sitting in the ninth house till the first date of May. Read..
Leo | सिंह राशि (Ma, Mo, Moo, May, Me, Ta, Tee, Too, Tey)
In the celestial body, Leo looks like Lion. Hence the astrologers christened this zodiac as Leo. This zodiac sign remains in 120˚ to 150̊˚ in the waist part. This Leo zodiac is for 5 Ghatis and 15 moments. It is an odd zodiac sign. This one is Sun’s triangular zodiac sign. On this Sun remains for 31 days, 2 Ghatis and 52 moments. Its ruler is Sun. It is a masculine zodiac and has fire element, yellow in colour, hot tempered, Kshatriyas and lord of the Eastern side. This zodiac sign helps to study about heart.
Qualities of Leo:
Leo natives would be able to live the life they have long dreamt of in this year 2018. Your long term plans and projects would now be able to see the light of day. However you would be confronted by hindrances and troubles occasionally through the course of the year. Be armed to face challenges head-on. Make sure that your efforts and hard work pay off tangible results in the near term findyourfate.com Get rid of misunderstandings in relationships and bring about a sense of positivity around you. Now that you are in the limelight it is time to pay heed to some introspection too. There would be ample time for rest and relaxation all through the year for Leo individuals.
2018 would be a rather low year for most Leo guys in the sense that there would be lots of tensions in your life. Be prepared for some major changes through the course of the year, a cautious approach would save you time and energy. Let your pride take the backseat for now, if you need to be successful in life. The year 2018 would start for you not an a flamboyant note. Around April you would feel the intensity and pressure on you to be much higher than anticipated. Around November, 2018 things shall sweeten up for the Leos. Then life is all yours for the asking.
In February, 2018 a lunar eclipse is due in your house when your emotional side would be taken for a ride. Be prepared to have a vent for it. The eclipse also marks the end of something important in your life, it might be a relationship, a career, a health issue and what not..Your hard work in yester years would now be rewarded .By August, there would be a solar eclipse due in your home front and things shall then pick up strength and momentum. You can start important things in life during this time.
Mars hops into your house in late July and stays there till start of September giving you the much-needed energy and stamina. Mercury goes retrograde in the first week of September giving a chaotic sense to your life for quite some time, mostly on the communications and academic side. This would also be a good time to renew, refresh or rejuvenate you. Leos might find a new road for their life around the end of the year 2018.
They usually get admitted in Police or Army and they are successful there, they get higher ranks in the above posts earlier than any other. They reach up to Superintendent of Police and Colonel Rank, they are also successful in spying profession. In the text Maan Saagari it is told that-
“Singha Lagnodaye, Jato Bhogi Shatru Vimardakah
Swalpodaroalpo Putrashchya Sotsaho ran Vikrami”
It means it is controlled by elements It crushes the enemy, they are voluptuous. They are brave, enthusiastic and show courage in battles. Leo loves the new and extraordinary, they despise dull, regular routines and if this is what they are faced with, they will simply create their own drama and excitement. This makes Leo prone to stir up a situation out of nowhere just for something to keep their vivacious temperament satisfied. Leo has an amazing ability to bounce back from any feelings of despair or unfortunate events. They do not like to be unhappy, it hurts their pride so they will take matters into their own hands and make things right again.
Leos could come into conflict with other powerhouse type of people who will not take orders and not give an inch, Leos will not budge their opinion, they will understand and accept opinions of others but they do not take well to people to try to impose their beliefs on them. Leo most often have the temperament of a demanding, spoiled child but this is only shown if someone steps on the boundaries of their kingdom. They react this way because of their territoriality.
Suitable Business for Leo:
Land related work, Administration, politics, Share Market etc. are suitable for these people.
Diseases of Leo:
Cough and cold, fever, Hysteria Heart disease and eye diseases are general ailments of them.
Providential Years of Leo:
10, 19, 21, 27, 35, 36, 45, 56th years are auspicious.
Ominous Years:
5, 13, 28, 46, 48, 62 years are ominous.
Providential Dates:
1, 10, 19 and 28th of the month.
Auspicious Days:
Tuesday, Sunday and Thursday
Auspicious Directions:
North, East, and South.
Friendly Zodiac signs:
Gemini, Virgo, Scorpio and Aries
Enemy Zodiac signs:
Cancer, Aquarius, Capricorn and Libra
Element of Leo:
Fire
Horoscope Circle::
Fire circle.
Lent of Leo:
When being worried and facing obstacles, he should make adoration of Sun and offer water daily to Sun.
Spell of Leo:
If possible 17,000 of the following spell get chanted by the worthy Brahmins.
Spell:
॥ ॐ हृीं हृीं सूर्याय नम: ॥
॥ Om Hreem Hreem Suryaye Namah ॥
Bounty of Leo:
Gold, Copper, Wheat, Ghee, Red clothes, Sandalwood and Jiggery.
सिंह राशिफल 2024
वर्ष 2024 में सिंह राशिफल के अनुसार, शनि महाराज सप्तम भाव में बैठकर व्यापार में वृद्धि का संकेत देते हैं। आपके पारिवारिक जीवन में भी समृद्धि होगी, लेकिन आपके जीवनसाथी को आदेशक बनाएंगे। अगले वर्ष में अनुशासन के साथ आगे बढ़ाई की जा सकेगी और शनि महाराज आपको लाभ देंगे। यह वर्ष आपको लंबी यात्राओं का अवसर भी प्रदान करेगा। विदेश जाने के मौके भी मिलेंगे। बृहस्पति महाराज मई की प्रथम तिथि तक नवम भाव में बैठकर सही निर्णय लेने की क्षमता देंगे। संतान संबंधित सुखों की ख़बरें भी मिलेंगी। आपका मन अच्छे कामों में लगेगा। आपकी रुचि दान, धर्म और पुण्य करने में भी जागेगी। पूरे वर्ष आपका स्वास्थ्य आठवें भाव में रहने वाले राहु की वजह से आपको ध्यान देना आवश्यक होगा। Read..
सिंह राशि | Leo (मा मो मू मे मी टा टी टू टे)
नक्षत्र खंड में निहारिका पुंज का रूप ‘शेर’ जैसा होता है। आकाश मण्डल में सिंह का जो क्षेत्र है, उस पर यदि हम ध्यानपूर्वक दृष्टि डालें, तो हमें निहारिका पुंज का स्वरुप ‘शेर’ जैसा दिखाई देगा इसीलिए भारतीय महर्षियों ने उस खण्ड का नाम ही सिंह रख दिया। यह राशि डिग्री 120° से 150° तक कटि प्रदेश में रहती है और उतनी ही डिग्री तक उस पर प्रभाव डालती है। अंग्रेजी में इसे “Leo” कहते है।
यह राशि 5 घड़ी और 15 पल की होती है। वह विषम राशि कहलाती है और इसका स्वामी “सूर्य” है। सूर्य की यह अपनी मूल त्रिकोण राशि है। इस पर सूर्य 31 दिन, 2 घड़ी और 52 पल रहता है। यह पुरुष जाति, स्थित संज्ञक, दिनबली, अग्नि तत्व प्रधान, पीत वर्ण, उष्ण स्वभाव, क्षत्रिय वर्ण, पुष्ट अंग व पूर्व दिशा की स्वामिनी है। इसका स्वभाव भ्रमणप्रियता, साहस व उदारता है। ह्रदय का अध्ययन इसी राशि से होता है।
सिंह राशि के गुण:
ठीक शेर सी ही प्रव्रत्ति इस प्रकार के जातको में पायी जाती है। जिनकी सिंह राशि होती है अर्थात जिनमें सिंह राशि तत्व प्रधान होता है। ऐसे व्यक्ति अत्यंत गर्म स्वभाव के होते है ‘क्षणे रुष्टा क्षणे तुष्टा’ वाक्य इनके जीवन पर लागू किया जा सकता है। गहरी से गहरी मित्रता भी क्षणिक क्रोध में आकर ये छोड़ बैठते है, फलत: इनके जीवन में अंतर्गत मित्रों का सर्वथा अभाव सा रहता है।
सिंह राशि के व्यक्ति स्वस्थ शरीर एवं सुदृढ़ व्यक्तित्व को लिए हुए होते है। इनमें चुम्कीय आकर्षण होता है तथा इस सम्मोहक व्यक्तित्व के फलस्वरूप दूसरे से मित्रता तुरंत ही कर लेते है। उन्नत सीना, विशाल भुजाएं एवं सुदृढ़ स्कन्ध इनके शरीर पर देखे जा सकते है। मध्यम कद के ऊँचे, गहरी नीली या काली आँखें तथा भौहों पर घने बाल, घुंघराली केश राशि और गोल चेहरा इनका व्यक्तित्व होता है। शरीर के नीचे के हिस्से की अपेक्षा ऊपर का भाग ज्यादा सुंदर और आकर्षक होता है।
सिंह तत्व के प्रधान जातक जीवन की प्रत्येक प्रकार की परिस्थिति में अपने आपको ढालने का सफल प्रयास कर लेते है या दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि जीवन में प्रत्येक प्रकार की परिस्थितियों को अपने अनुकूल बना लेते है, परन्तु आगे बढ़कर क्रांतिकारी परिवर्तन कर देना या असंभव कार्य करके दिखा देना इनके वश का नहीं होता।
ऐसे व्यक्ति कलाकारों से गहरी मित्रता रखने में रूचि लेते है, स्वयं भी संगीत नृत्य आदि कलाओं में आस्था रखते है और यदि कोई ऐसा अवसर मिलता है तो देखने में नहीं चूकते। सर्वदा प्रसन्न रहते है और इनके ह्रदय की बात साधारणत: कोई भी नहीं जान सकता।
स्वयं में ऐसे जातक आलसी या सुस्त होते है और कुछ इस प्रकार की पृवृत्ति होती है कि जब तक सिर पर कोई काम आकर न पड़ जाए, ये उस काम के लिए सोचते ही नहीं। ये दूसरों पर अत्याधिक विश्वास करते है, परन्तु संश्यालु भी बहुत अधिक होते है, अत: सभी के प्रति चौकन्ना होने का भी भाव रखते है, यहाँ तक कि अपनी पत्नी (या पति) या पुत्रों पर भी एकाएक विश्वास नहीं करते। ‘संशय’ इनके जीवन का एक अंग बन जाता है।
जिसे जीवन में ये अपना लेते है, उसके प्रति पूरे ईमानदार बने रहते है तथा मित्रता के नाम पर अपना सब कुछ अर्पण करने को तैयार हो जाते है, फिर भी सहज ही इनके वचनों पर विश्वास नहीं किया जा सकता। धार्मिक रुढियों को ये दृढ़ता से मानते है और उन पर गहरी आस्था रखते है।
सिंह राशि के जातक अधिकतर पुलिस या सेना में भर्ती होते है तथा इस क्षेत्र में ये सफलता भी प्राप्त करते है, अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा इस क्षेत्र में ये सहज ही निपुणता प्राप्त करने के साथ-साथ शीघ्र ही उच्च पद प्राप्त कर लेते है। जिन व्यक्तियों में इस राशि तत्व की प्रधानता होती है या उच्च अंशों में होती है, तो वे सफल थानेदार, सुपरिंटेंडेंट ऑफ़ पुलिस, मेजर या कर्नल होते है तथा युद्ध सदृश कार्यो में निपुणता दिखाकर प्रसिद्धि भी प्राप्त करते है। संश्यालु प्रवृत्ति होने के कारण गुप्तचर विभाग में भी ये जातक सफल होते है। ‘मान सागरी’ में इनके बारे में कहा गया है –
सिंह लग्नोद्ये जातो भोगी शत्रु विमर्द्क:।
स्वल्पोदरोऽल्प पुत्रश्च सोत्साहो रण विक्रमी॥
अर्थात जिस जातक में सिंह तत्व प्रधान होता है। वह शत्रुओं का मर्दन करने वाला होता है। प्रबल भोगी होता है, उसका उदर छोटा, अल्प संतति और उत्साह के साथ रण में पराक्रम दिखाने वाला होता है।
इनका जहां प्रारम्भ सफलता से होता है वहां जीवन के मध्यकाल में भी ये चमकते है या प्रसिद्धि प्राप्त कर लेते है, परन्तु जीवन के उत्तरार्द्ध में या बुढापे में ये दुखी और हीन भावना के शिकार हो जाते है। इन्हें अपने आप पर झुंझलाहट सी होने लगती है और संसार को त्याज्य समझने लग जाते है। इनका सम्पूर्ण जीवन संघर्षों में ही बीतता है और क्षण भर के लिए भी शान्ति नहीं मिलती। इनकी जीवन इच्छाएं अपूर्ण सी ही रहती दिखाई देती है।
ये जो भी योजनायें बनाते है, उनमें प्रारम्भ से लगाकर अंत तक कठिनाइयां ही कठिनाइयां पाई जाती है, फिर भी ये इन विपरीत परिस्थितियों से संघर्ष कर वर्तमान को अपने अनुकूल बनाने का प्रयत्न करते है। फिर भी इनका जीवन सुखमय कहा जा सकता है।
सिंह राशि के उपयुक्त व्यवसाय:
भूमि संबंधित कार्य, प्रशासन, शेयर मार्केट, आभूषण, चिकित्सक, फिल्म्स प्रोडक्शन, राजनीति, मंत्री, मंदिर-मठ अध्यक्ष या पीठाधीश्वर आदि
सिंह राशि के रोग:
बुखार, लू लगना, मिर्गी, तानिका शोथ(मैंनिंगाइटिस), हृदय रोग, नेत्र रोग, आदि।
सिंह राशि के सौभाग्यशाली वर्ष:
10,19, 21, 27, 35, 36, 45, 56 वर्ष का समय सौभाग्यशाली होता है।
सिंह राशि के कष्टप्रद वर्ष:
5, 13, 28, 46, 48, 62 वर्ष का समय कष्टकारी होता है।
सिंह राशि की शुभ तारीखें:
1, 10, 19 और 28
सिंह राशि के शुभ दिन:
मंगलवार, रविवार, और गुरुवार
सिंह राशि की शुभ दिशा:
पूर्व, दक्षिण और उत्तर दिशा
सिंह राशि की मित्र राशि:
मिथुन, कन्या, वृश्चिक और मेष राशि
सिंह राशि की शत्रु राशि:
कर्क, कुम्भ, मकर और तुला राशि
सिंह राशि का तत्व:
अग्नि तत्व
सिंह राशि का कुंडली चक्र:
अग्नि चक्र
सिंह राशि का व्रत:
इनके जीवन में इष्ट का सर्वोपरि महत्त्व है क्योंकि ‘इष्ट बिना भ्रष्ट’ कहावत के अनुसार यदि ये सूर्य की उपासना रखे अथवा नित्य प्रात: उठकर सूर्य को अर्घ्य देकर बाद में नित्य नैमित्तिक कार्य प्रारम्भ करें तो इनके जीवन में विशेष सफलता प्राप्त हो सकती है।
सिंह राशि का मंत्र:
गगन मण्डल में सूर्य की स्थिति क्षीण होगी अथवा सूर्य नीच राशि पर गोचर करेगा तब आपके जीवन में भी परेशानियाँ, चिन्ताएँ एवं समस्याएँ बढ़ जायेंगी। ऐसी स्थिति में इन्हें निम्न तंत्रोक्त मंत्र का जप करना चाहिए। यदि संभव हो तो निम्न तंत्रोक्त मंत्र का 7,000 जप भी करे या योग्य ब्राह्मण से कराये —
तंत्रोक्त मंत्र —
॥ ॐ हृीं हृीं सूर्याय नम: ॥
सिंह राशि का दान:
सूर्य के दान में स्वर्ण, ताम्र, गेहूँ, घी, गुड़, लाल वस्त्र, लाल चन्दन, गुड़ आदि।