माँ भुवनेश्वरी स्तोत्र | Maa Bhuvaneshwari Stotram
माँ भुवनेश्वरी स्तोत्र/Maa Bhuvaneshwari Stotram
अष्टसिद्धिरालक्ष्मी अरुणाबहुरुपिणि, त्रिशूल भुक्कुरादेवी पाशाकुशविदारिणी ॥१
खड्गखेटधरादेवी घण्टनि चक्रधारिणी, षोडशी त्रिपुरादेवी त्रिरेखा परमेश्वरी ॥२
कौमारी पिंगलाचैव वारीनी जगामोहिनी, दुर्गदेवी त्रिगंधाच नमस्ते शिवनायक ॥३
एवंचाष्टशतनामंच श्लाके त्रिनयभावितं, भक्तये पठेन्नित्यं दारिद्रयं नास्ति निश्चितं ॥४
एकः काले पठेन्नित्यं धनधान्य समाकुलं, द्विकालेयः पठेन्नित्यं सर्व शत्रुविनाशानं ॥५
त्रिकालेयः पठेन्नित्यं सर्व रोग हरम परं, चतुःकाले पठेन्नित्यं प्रसन्नं भुवनेश्वरी ॥६
इति श्री रुद्रयावले ईश्वरपार्वति संवादे
॥ श्री भुवनेश्वरी स्तोत्र संपूर्णं ॥
Maa Bhuvaneshwari Stotram | माँ भुवनेश्वरी स्तोत्र
Ashtasiddhiralakshmi Arunabhurupini
Trishul Bhukkuradevi Pashakushavidarini 1
Khadgkhetdharadevi Ghantani Chakradharini
Shodashi Tripuradevi Trirekha Parameshwari 2
Kaumari Pinglachaiva Warini Jagamohini
Durgadevi Trigandhacha Namaste Shivnayak 3
and Chastashtnamanch Shlake Trinaybhavitam
Bhaktaye Pathennityam Daridrayam Nasti Nistakam 4
A: Kale Pathennityam Dhandhanya Samakulam
Dwikalayah Pathennityam Sarva Shatruvinashanam. 5
Trikalayah Pathennityam Sarva Rog Haram Param
Chatuhkale Pathennityam Prasannam Bhuvaneshwari 6
Iti shri rudrayavale ishwarparvati dialogues
, Shri Bhuvaneshwari Stotra Sampoornam .
माँ भुवनेश्वरी स्तोत्र विशेषताएँ:
माँ भुवनेश्वरी स्तोत्र के साथ-साथ यदि भुवनेश्वरी माला से जाप किया जाए तो, इस स्तोत्र का बहुत लाभ मिलता है यह स्तोत्र शीघ्र ही फल देने लग जाता है| भुवनेश्वरी यंत्र का पाठ करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होती है| अगर आपका मन पढाई में नही लग पा रहा है तो आपको भुवनेश्वरी गुटिका का पाठ करना चाहिए| जीवन में शांति प्राप्त करने के लिए इस कवच का पाठ नियमित रुप से करना चाहिए|