Mahalakshmi Kavach | महालक्ष्मी कवच
Mahalakshmi Kavach (महालक्ष्मी कवच): Mahalakshmi is considered a symbol of Wealth, Property and Glory. By reciting Mahalakshmi Kavach, a person starts getting happiness, wealth, and prosperity. If a person is struggling with sorrow poverty for a long time, his family has huge debt, no money to repay the debt, huge shortage of money, there is no possibility of getting financial help from anywhere. Then in such a situation, that person must recite Mahalakshmi Kavach. By recite this kavach, the problem of debt gradually starts going away and gets relief from all financial problems. If a person is worried about not getting a job, not able to get a good job even after giving continuous interviews.
Due to this facing disappointment every day, in such a situation, to get rid of this problem, a person must wear Lakshmi Gutika along with reciting Mahalakshmi Kavach. By wearing this Gutika, he starts passing the interview and gets a good job. If the atmosphere of the family and home is impure, there are some obstacles in every work. So, in such a situation, if Mahalakshmi Yantra is placed in the house along with reciting Lakshmi Kavach, then Goddess Lakshmi resides in the house. Due to which the environment around him starts becoming pure and holy, negative energy ends and positive energy flows, all the obstacles in every work start to go away, all the work gets completed without any hindrance.
महालक्ष्मी कवच | Mahalakshmi Kavach
सर्व सम्पत्प्रदस्यास्य कवचस्य प्रजापतिः। ऋषिश्छन्दश्च बृहती देवी पद्मालया स्वयम्॥1॥
धर्मार्थकाममोक्षेषु विनियोगः प्रकीर्तितः। पुण्यबीजं च महतां कवचं परमाद्भुतम्॥2॥
ॐ ह्रीं कमलवासिन्यै स्वाहा मे पातु मस्तकम्। श्रीं मे पातु कपालं च लोचने श्रीं श्रियै नमः॥3॥
ॐ श्रीं श्रियै स्वाहेति च कर्णयुग्मं सदावतु। ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै स्वाहा मे पातु नासिकाम्॥4॥
ॐ श्रीं पद्मालयायै च स्वाहा दन्तं सदावतु। ॐ श्रीं कृष्णप्रियायै च दन्तरन्ध्रं सदावतु॥5॥
ॐ श्रीं नारायणेशायै मम कण्ठं सदावतु। ॐ श्रीं केशवकान्तायै मम स्कन्धं सदावतु॥6॥
ॐ श्रीं पद्मनिवासिन्यै स्वाहा नाभिं सदावतु। ॐ ह्रीं श्रीं संसारमात्रे मम वक्षः सदावतु॥7॥
ॐ श्रीं श्रीं कृष्णकान्तायै स्वाहा पृष्ठं सदावतु। ॐ ह्रीं श्रीं श्रियै स्वाहा मम हस्तौ सदावतु॥8॥
ॐ श्रीं निवासकान्तायै मम पादौ सदावतु। ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं श्रियै स्वाहा सर्वांगं मे सदावतु॥9॥
प्राच्यां पातु महालक्ष्मीराग्नेय्यां कमलालया। पद्मा मां दक्षिणे पातु नैर्ऋत्यां श्रीहरिप्रिया॥10॥
पद्मालया पश्चिमे मां वायव्यां पातु श्रीः स्वयम्। उत्तरे कमला पातु ऐशान्यां सिन्धुकन्यका॥11॥
नारायणेशी पातूर्ध्वमधो विष्णुप्रियावतु। संततं सर्वतः पातु विष्णुप्राणाधिका मम॥12॥
इति ते कथितं वत्स सर्वमन्त्रौघविग्रहम्। सर्वैश्वर्यप्रदं नाम कवचं परमाद्भुतम्॥13॥
सुवर्णपर्वतं दत्त्वा मेरुतुल्यं द्विजातये। यत् फलं लभते धर्मी कवचेन ततोऽधिकम्॥14॥
गुरुमभ्यर्च्य विधिवत् कवचं धारयेत् तु यः। कण्ठे वा दक्षिणे वाहौ स श्रीमान् प्रतिजन्मनि॥15॥
अस्ति लक्ष्मीर्गृहे तस्य निश्चला शतपूरुषम्। देवेन्द्रैश्चासुरेन्द्रैश्च सोऽत्रध्यो निश्चितं भवेत्॥16॥
स सर्वपुण्यवान् धीमान् सर्वयज्ञेषु दीक्षितः। स स्नातः सर्वतीर्थेषु यस्येदं कवचं गले॥17॥
यस्मै कस्मै न दातव्यं लोभमोहभयैरपि। गुरुभक्ताय शिष्याय शरणाय प्रकाशयेत्॥18॥
इदं कवचमज्ञात्वा जपेल्लक्ष्मीं जगत्प्सूम्। कोटिसंख्यं प्रजप्तोऽपि न मन्त्रः सिद्धिदायकः॥19॥
महालक्ष्मी कवच के लाभ:
महालक्ष्मी धन, सम्पत्ति और वैभव का प्रतीक मानी जाती हैं। महालक्ष्मी कवच का पाठ करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि और सम्पन्नता आदि की प्राप्ति होने लगती हैं। यदि कोई व्यक्ति काफी लम्बे समय से दुःख दरिद्रता से जूझ रहा हैं, उसके परिवार पर अत्यंत कर्ज़ हैं, कर्ज़ चूकाने के लिए धन नही हैं, धन की बहुत अधिक कमी हो रही हैं, कहीं से भी धन आने की कोई सम्भावना नही हैं, तो ऐसी स्थिति में, उसे महालक्ष्मी कवच का पाठ अवश्य ही करना चाहिए। इस पाठ को करने से कर्ज़ की समस्या धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं और समस्त आर्थिक समस्याओं से छुटकारा प्राप्त होता हैं। अगर कोई व्यक्ति जो नौकरी न मिलने से परेशान हैं, लगातार इंटरव्यू देने के बाद भी अच्छी नौकरी में नही मिल पा रही हैं, जिसके कारण प्रतिदिन निराशा प्राप्त हो रही हैं, ऐसे में इस समस्या से छुटकारा प्राप्त करने के लिए उस व्यक्ति को महालक्ष्मी कवच का पाठ करने के साथ लक्ष्मी गुटिका अवश्य ही धारण करनी चाहिए।
इस गुटिका को धारण करने से वह इंटरव्यू में पास होने लगता हैं और उसे अच्छी नौकरी मिल जाती हैं। यदि घर-परिवार का वातावरण अशुद्ध बना हुआ हैं, प्रत्येक कार्य में कोई न कोई बाधा आ रही हैं, तो ऐसे में यदि महालक्ष्मी कवच का पाठ करने के साथ घर में महालक्ष्मी यंत्र की स्थापना करें, तो व्यक्ति के घर में माता लक्ष्मी का वास होता हैं, जिससे उसके आस-पास का वातावरण शुद्ध तथा पवित्र बनने लगता हैं, नकारात्मक ऊर्जा की समाप्ति तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता हैं, प्रत्येक कार्य में आने वाली समस्त बाधाएँ दूर होने लगती हैं, बिना किसी रुकावट के सभी कार्य पूर्ण हो जाते हैं। नित्य पूजा में महालक्ष्मी कवच का पाठ अवश्य करे, जिससे आपकी सभी मनोकामनायें पूर्ण हो सके तथा आर्थिक स्थिति बेहतर हो सके।