Main Gate Vastu, मुख्य द्वार वास्तु

Main Gate Vastu | मुख्य द्वार वास्तु

Main Gate Vastu/मुख्य द्वार वास्तु: According to the Main Gate Vastu, any barrier in front of the main door is called “Dwar Ved”.

“Margarukonkupastambhbhamvirumshubhadam Dwaram, Uchchrayaad dwigunamitam tyaktwa bhumim na doshaya”

Exclamation is not possible without land:

That is, in the front of the main entrance, the house with perforated tree, angle, well, pillar, chakra is inauspicious, if the barrier or objects are located at 2 times the distance from the door to the door, then there is no blame.

According to Main Gate Vastu “temple” in front of main door of the house:

According to the rules of Main Gate Vastu of the main gate, there should be no temple around or around the plot for a distance of two times from the height of the house, if there is a temple in front of the house, keep in mind that the shadow of the temple should not fall at home during the day. And in front of the main entrance of any house should not be the temple of Sun, Brahma, Vishnu or Shiva.

Especially the shadow of the Jain temple should not fall behind the house, the house of Durga and Chandi should not be near the house, so that the members of the house are harmed.

According to Main Gate Vastu “stone” in front of the house:

There should not be a rock or stone column (pillar) of a large rock or the mud on the north-east side or in front of or near the house.

According to Main Gate Vastu river, pond or water body in front of the house:

According to Main Gate Vastu, there should not be a parallel river, canal, stream, water tank, reservoir etc., south or west direction, if there is no river or canal in the north or east of the house then there is no harm, it would be auspicious Keep in mind that the water flow of river or canal or drainage should be on the east or south to west direction of the house and other directions in addition to reservoir, well, hand pump etc is harmful. According to the Main Gate Vastu direction of the reservoir should be as follows –

Flow of rivers according to direction
Result
In east Loss of son
In south-east Fear of fire
South Fear of enemy
Southwest  female discord
West Wicked woman
North west Poverty
North Rich
North east More sons only

According to Main Gate Vastu “Tree” in front of the house:

There should not be large trees near the house, east or north because they interfere with sunlight in the morning. The main entrance, according to the Main Gate Vastu the tree of Foliage to the south direction of the house, the Banyan tree in the west, the fig in the north and the Peepal in the east is inauspicious. The main entrance in the north, the Banyan tree in the east, the fig in the south and the Peepal tree in the west is auspicious.

According to Main Gate Vastu”Cremation Ground” in front of the house:

In front of the house, there should not be a crematorium, a graveyard or a mausoleum, living in such houses is considered to be very harmful.

Main Gate Vastu, मुख्य द्वार वास्तु

मुख्य द्वार वास्तुMain Gate Vastu 

मुख्य द्वार वास्तु (Main Gate Vastu) के अनुसार मुख्य द्वार के सामने स्थित किसी अवरोधक को “द्वार वेध” कहा जाता है।

मार्गतरुकोणकूपस्तम्भभ्रमविरुमशुभदं द्वारम्। उच्छ्रायाद द्विगुणमितां त्यक्त्वा भूमिं न दोषाय।।

अर्थात् मुख्य द्वार के सामने वृक्ष, कोण, कूप, स्तम्भ, चक्र से वेध युक्त घर अशुभ होता है, यदि अवरोधक या वस्तुएं घर के द्वार की ऊँचाई से 2 गुनी दूरी पर स्थित हों, तो दोष नहीं लगता है।

मुख्य द्वार वास्तु अनुसार घर के सामने “मंदिर” होना:

मुख्य द्वार वास्तु (Main Gate Vastu) के नियम अनुसार घर की ऊँचाई से दोगुनी दूरी तक भूखण्ड के आसपास या सामने कोई मंदिर नहीं होना चाहिए, यदि घर के सम्मुख मन्दिर है, तो इस बात का ध्यान रखें, कि मंदिर की छाया दिन के समय घर पर नहीं पड़नी चाहिए और किसी भी घर के मुख्य द्वार के सामने सूर्य, ब्रह्मा, विष्णु या शिव का मन्दिर नहीं होना चाहिए। खास तौर पर जैन मन्दिर की छाया घर के पीछे नहीं पड़नी चाहिए, घर के समीप दुर्गा और चंडी का मन्दिर भी नहीं होना चाहिए, ऐसा होने से घर के सदस्यों को नुक्सान रहता है।

मुख्य द्वार वास्तु अनुसार घर के सामने “पत्थर” होना:

घर के सामने या पास में कीचड या ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में बड़ी चट्टान का पत्थर या बिजली का स्तम्भ (खम्बा) नहीं होना चाहिए।

मुख्य द्वार वास्तु अनुसार घर के सामने “नदी, तालाब, जलाशय” होना:

वास्तु (Main Gate Vastu) अनुसार घर के निकट दक्षिण या पश्चिम दिशा के समानांतर नदी, नहर, नाला, पानी की टंकी, जलाशय आदि नहीं होना चाहिए, यदि घर की उत्तर या पूर्व दिशा में कोई नदी या नहर हो, तो कोई हानि नहीं होती यह होना शुभ होता है, पर यह ध्यान रखें नदी या नहर या नाले का जल प्रवाह पश्चिम से पूर्व या दक्षिण से उत्तर की ओर हो,घर के समीप ईशान एवं उत्तर के अतिरिक्त अन्य दिशाओं में जलाशय, कूप, हैंड पंप आदि नहीं होना चाहिए। दिशा के अनुसार जलाशय की स्थिति इस प्रकार है-

जलाशय की स्थिति दिशानुसार
फल
पूर्व में पुत्र हानि
दक्षिण पूर्व में(आग्नेय) अग्निभय
दक्षिण में शत्रुभय
दक्षिण पश्चिम में(नैऋत्य) स्त्री कलह
पश्चिम में स्त्री दुष्ट हो जाए
उत्तर पश्चिम में(वायव्य) निर्धनता
उत्तर में धनप्रदा
उत्तर पूर्व में(ईशान) पुत्रवृद्धि

मुख्य द्वार वास्तु अनुसार घर के सामने “वृक्ष” होना:

घर के पास, पूर्व या उत्तर की तरफ बड़े बड़े घने पेड नहीं होने चाहिए क्योंकि यह सुबह के समय सूर्य की रोशनी में बाधा पहुंचाते है। मुख्य द्वार को वास्तुअनुसार घर की दक्षिण दिशा में पाकर, पश्चिम में वटवृक्ष, उत्तर में गूलर और पूर्व में पीपल अशुभ होते है। उत्तर में मुख्य द्वार, पूर्व में वटवृक्ष, दक्षिण में गूलर और पश्चिम में पीपल का वृक्ष शुभ होता है।

मुख्य द्वार वास्तु अनुसार घर के सामने “श्मशान” होना:

घर के सामने, पास या पीछे श्मशान, कब्रिस्तान या मकबरा नहीं होना चाहिए, ऐसे घरों में रहना बहुत ही नुकसानदायक माना गया है।

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