Marigold Flower Benefits/गेंदा के लाभ
Different Names of Marigold Flower (Marigold Flower Benefits/गेंदा):
Hindi — गेंदा
Gujarati — गेंदो, गेंदलो
Marathi — गेंदु, गुंदा चा फूल,
Latin — Tagetes erecta
Marigold Flower (Marigold Flower Benefits) is an vegetation herb. Its stems are green and on the body some hairs come out. Stem is not woody and the branches grow from the lower part of the stem. The leaves of this plant are small thin and pointed head. These plants are usually of 2 to 3 feet in height. The flowers are deep yellow in colour and some are of saffron colour. These flowers grow in bunches and known as marigold.
Religious Importance of Marigold Flower Benefits:
In Hindu religion in every providential and auspicious work, different types of flowers are used. On the day of Deepawali if goddess Lakshmi is garlanded with the garland of Marigold (Marigold Flower Benefits) and some of the flowers of marigold is kept on her feet she gives boon and the Sadhak gets a providential result. Daily offering her the marigold flower is too influential.
Astrological Importance of Marigold Flower Benefits:
On every Thursday if this Marigold flower (Marigold Flower Benefits) is offered to Jupiter, the malefic effects of Jupiter is diminished. For this after taking bath 9 flowers are to be offered to Jupiter. If that is not feasible, put three flowers daily into the pale of bathing water daily and then take bath with that water. This should be done for 9 days or in the multiple of 9 days.
Vaastu Importance of Marigold Flower Benefits:
According to Vaastu, this flower pot is to be kept inside the house boundary. The house in which this flower blooms regularly, the weal and peace remains in that house for a long time.
Medicinal Importance of Marigold Flower Benefits:
If the leaves of the marigold (Marigold Flower Benefits) plant are made into paste and gurgling with lukewarm water removes the tooth ache instantly. For this 3 to 4 leaves of Marigold are to be picked and crushed. One can put little salt in this.
If anyone has ear pain, put the juice of the leaves of Marigold (Marigold Flower Benefits) into the ear 2 to 3 drops for 2 to 3 times. Ear pain will be vanished.
If there is any problem in urinating, crush 10 gram of marigold (Marigold Flower Benefits) leaves and sieve it after mixing it with water. Grind some sugar candy and drink the same. Repeat it for 2 or 3 times, the person will have a good flow of urine.
Make the paste of the leaves of Marigold (Marigold Flower Benefits) and put a layer of it on the boils or acne, the pus will come out very shortly and will relieve the pain.
Many people suffer from cracks in the feet and it hardly goes off. Some people suffer a lot for this problem. To get relief from that get some juices of marigold leaves and along with Vaseline apply it on the cracks after washing the feet with fresh water. After applying sit for sometimes idly and then move. Apply this daily before going to the bed during the night. The problem will be solved.
Haemorrhoids are of two types one is bloody and another is non-bloody. The bloody one gives a lot of problems while the person defecates. To get relief from this take some juices of the Marigold (Marigold Flower Benefits) flowers and drink a spoonful with water. It will not only reduce the pain but also stop bleeding.
Sometimes people suffer from the fungus into the eardrum or some insects crop up due to the moisture. Take out juices from the leaves and pour into the years. The pain will be ended soon.
In body if there is any inflammation, make the paste of the leaves of the Marigold (Marigold Flower Benefits) and apply on the inflamed parts, within a day or two the swollen part will be normal.
If the paste of the leaves or the juices of the flowers are regularly applied on the acnes, it will be cured soon.
If there is a pain around the eyes, in that case take out the juices of Marigold flowers (Marigold Flower Benefits) and apply around the eyes, and keep it for sometimes to dry. After that wash the face by keeping the eyes shut. The juice should not enter into the eyes.
Although Marigold is useful for all type of dander diseases but especially it is the best remedy for bloody dander. For this take out the juices from the flowers and sieve it.
The woman suffering from this disease should take at least for 7 days, it will cure her. If 2 flowers are crushed for juices and fried with the ghee, it helps to cure the dander much faster. The juices of the leaves are too useful in the rat bites.
गेंदा के लाभ/Marigold Flower Benefits
गेंदा के विभिन्न नाम (Marigold Flower Benefits):
हिन्दी में — गेंदा,
गुजराती में — गेंदो, गेंदलो,
मराठी में — गेंदु, गुंदा चा फूल,
अंग्रेजी में — Marigold
लेटिन में — Tagetes erecta (टेजेटस इरेक्टा)
गेंदा(Marigold Flower) का संक्षिप्त परिचय:
गेंदा (Marigold Flower Benefits) के पौधे शाकीय प्रकार के होते हैं, इनका तना हरा होता है, उसकी सतह पर रोम हों, ऐसा मालूम होता है। तने में लकड़ी नहीं के बराबर होती है। शाखायें तने के निचले भाग से निकलती हैं। इसके पत्ते छोटे, पतले होते हैं। पत्तों के सिर नुकीले होते हैं। इस पौधे की ऊँचाई 2-3 फुट से अधिक नहीं होती है। पुष्प गाढ़े पीले व केशरिया रंग के होते हैं। ये पुष्प समूह में लगते हैं। पुष्पों का यह समूह ही सामान्य भाषा में गेंदे के फूल के नाम से पहचाना जाता है।
गेंदा का धार्मिक महत्व (Marigold Flower Benefits):
हिन्दू धर्म में किसी भी प्रकार के पूजा-कार्यों में विभिन्न प्रकार के पुष्पों का विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है। दिपावली के दिन लक्ष्मी पूजन में गेंदे के पुष्पों की माला श्रीलक्ष्मीजी को अर्पित करने से तथा लक्ष्मी के चरणों में गेंदें (Marigold Flower Benefits) के पुष्पों को अर्पित करने से लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं तथा साधक को उसका शुभफल प्राप्त होता है। वैसे नित्य लक्ष्मी माता को गेंदे का पुष्प अर्पित करना भी उतना ही प्रभावी होता है।
गेंदा का ज्योतिषीय महत्व (Marigold Flower Benefits):
गेंदे (Marigold Flower Benefits) के पुष्पों को प्रत्येक गुरूवार के दिन गुरु ग्रह को अर्पित करने से गुरु की पीड़ा का शमन होता है। इसके लिये स्नान आदि से निवृत्त होकर गेंदे के 9 पुष्प अपने दोनों हाथों से गुरु को अर्पित करें।
यदि उपरोक्तानुसार कोई व्यक्ति गुरु ग्रह को पुष्प अर्पित न कर सके तो उसे मात्र 3 गेंदे के पुष्प अपने स्नान के जल में डाल कर फिर उस जल से नित्य स्नान करना चाहिये। स्नान 9 या 9 के गुणन वाले दिनों तक करना चाहिये।
गेंदा का वास्तु में महत्व (Marigold Flower Benefits):
वास्तु की दृष्टि से गेंदे के पौधों का घर की सीमा में होना शुभ फलदायी होता है। जिस घर में गेंदे के पौधे सदैव पुष्पित होते हैं वहाँ सुख-शान्ति रहती है।
गेंदा का औषधीय महत्व (Marigold Flower Benefits):
गेंदे (Marigold Flower Benefits) के पत्तों से क्वाथ तैयार करके इससे कुल्ला करने से दांतों के दर्द में तत्काल आराम आ जाता है। इसके लिए गेंदे के 3-4 पत्तों को ठीक से कूट लें, तत्पश्चात एक कप जल में कुछ समय तक उबाल लें। इसे छान कर ठंडा करें और कुल्ला करें। आप चाहें तो इसमें चुटकी भर नमक भी डाल सकते है।
कानों में अगर किसी भी कारण से दर्द होता हो तो इसके पत्तों को कूटकर उसका रस निकालें और इसकी 2-2 बूंदें कानों में डालें। ऐसा 2-3 बार करें। लाभ प्राप्त होगा।
अगर मूत्र सम्बन्धी किसी प्रकार की समस्या है, तो यह प्रयोग करें – गेंदे के 10 ग्राम के लगभग पत्ते लेकर ठीक प्रकार से पीस लें। इसमें एक कप जल मिलाकर छान लें। इसमें स्वाद के अनुसार मिश्री कूट पीस कर मिलाएं और पी जाएँ। दिन में 2-3 बार यह प्रयोग करने से रुका हुआ पेशाब खुलकर आ जाता है।
गेंदे (Marigold Flower Benefits) के पत्तों को पीसकर लुग्दी जैसा बना लें, फिर इसे फोड़े फुंसी पर लगा लें। इससे फोड़ा पककर मवाद बाहर आ जाएगी और पीड़ा से मुक्ति प्राप्त होगी।
अनेक व्यक्तियों के पैरों में बिवाई फटने की बहुत समस्या रहती है। कुछ लोग इससे बहुत अधिक पीड़ा भोगते है। बिवाइयां ठीक हो जाएँ और पीड़ा से मुक्ति मिले, इसके लिए यह प्रयोग करें – उपरोक्त अनुसार गेंदे के पत्तों का रस प्राप्त कर लें। थोड़ी वेसलीन में इस रस को मिलाकर बिवाइयों पर ठीक से लगा लें। लगाने से पहले पैरों को ठीक से स्वच्छ जल से साफ़ कर लें। इसके बाद लगायें। लगाने के पश्चात कुछ समय तक बैठ रहें फिर काम पर जाएँ। रात्रि को सोने से पूर्व यह प्रयोग अवश्य करें। आशातीत लाभ की प्राप्ति होगी।
बवासीर दो प्रकार की होती है – खूनी तथा बादी। खूनी बवासीर में मल त्याद के समय न केवल पीड़ा होती है बल्कि अल्पाधिक रक्त भी निकलता है। इसी रक्तार्श में गेंदे के पुष्प से उपकार होता है। इस हेतु इसके 3-4 पुष्पों को पीसकर उनका रस निकाल लें। इस रस की एक चम्मच भर मात्रा जल के साथ लेने से रक्तार्श में बहुत लाभ होता है। इस प्रयोग से रक्त का जाना बंद हो जाता है तथा दर्द की निवृत्ति भी होती है।
कभी कभी कान में फफूंद पड़ जाने से अथवा कानों में अति सूक्ष्म कृमियों के उत्पन्न हो जाने से कान में पीड़ा होती है। पीड़ा की इस स्थिति में गेंदे की 4-8 पत्तियां पीसकर उसकी एक या दो बूंदे कान में डालने से कान की पीड़ा शांत होती है।
शरीर के जिस स्थान पर शोथ हो वहां पर गेंदे की कुछ पत्तियों को पीसकर उनकी चटनी बनाकर उसका मोटा लेप करने से मात्र 1-2 दिनों में ही पर्याप्त लाभ होता है।
व्रणों के ऊपर गेंदे (Marigold Flower Benefits) के पुष्प को चटनी की भांति पीसकर लेप करने से अथवा गेंदे के पुष्प का स्वरस व्रणों पर लगाने से वे शीघ्र ही ठीक हो जाते है।
नेत्रों में कभी कभी पीड़ा होती है, उस स्थिति में गेंदे के पुष्प को कूट कर उसका रस प्राप्त कर लें। इस रस को नेत्रों के चारों ओर लगाने से नेत्रों की पीड़ा दूर हो जाती है। इस रस को लगाने के पश्चात जब वह सूख जाए तब नेत्रों को बंद रखते हुए उसे धो लें। ध्यान रहे कि यह रस आँखों के भीतर न जाने पाए।
यूँ तो गेंदा (Marigold Flower Benefits) सभी प्रकार के प्रदर रोगों में लाभदायक है तथापि रक्तप्रदर में यह बहुत ही शीघ्र लाभ करता है। इस हेतु इसके पुष्पों को कूट पीसकर, उन्हें छान कर रस प्राप्त कर लें। इस स्वरस की एक चम्मच मात्रा रक्तप्रदर से पीड़ित महिला यदि एक सप्ताह तक सेवन कर ले तो उसे काफी लाभ होता है। इसी प्रकार इसके मात्र दो पुष्पों को पीसकर उसका कल्क घी में भूनकर लेने से भी रक्तप्रदर में लाभ होता है। उपरोक्त दोनों में से कोई भी एक उपचार किया जा सकता है।
गेंदे (Marigold Flower Benefits) की पत्तियों को पीसकर चूहे के काटे गए स्थान पर लगाने से लाभ होता है।