माँ मातंगी स्तुति | Mata Matangi Stuti
माँ मातंगी स्तुति/Mata Matangi Stuti
श्यामवर्णा, त्रिनयना, मस्तक पर चंद्रमा चतुर्भुजा,
दिव्यास्त्र लिये, रत्नाभूषण धारिणी
गजगामिनी ,महाचांडालनी, माँ मातंगी….!
सर्व लोक वशकारिणी, महापिशाचिनी
कला, विद्या, ज्ञान प्रदायिनी
मतन्ग कन्या माँ मातंगी
हम साधक शुक जैसे हैं
ज्ञान दिला दो हमको माँ
हम करते तेरा ध्यान निरंतर
आपका हे माँ मातंगी!!
Mata Matangi Stuti | माँ मातंगी स्तुति
Shyamvarna, Trinayana
moon on head
quadrilateral
gemstone holder
Gajgamini, Mahachandalani
Mother Mother!
Sarva Lok Vashkarini, Mahapishachini
art, learning, knowledge
matang girl mother matangi
We are like seekers
give us knowledge mother
we always meditate on you
Your mother Matangi!!
माँ मातंगी स्तुति विशेषताए:
माँ मातंगी स्तुति के साथ-साथ यदि मातंगी गुटिका धारण की जाए तो, इस स्तुति का बहुत लाभ मिलता है, यह स्तुति शीघ्र ही फल देने लग जाते है| यदि साधक इस स्तुति का पाठ प्रतिदिन करने से बुराइया खुद- ब- खुद दूर होने लग जाती है साथ ही सकरात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है| अपने परिवार जनों का स्वस्थ्य ठीक रहता है और लम्बे समय से बीमार व्यक्ति को इस स्तुति का पाठ सच्चे मन से करने पर रोग मुक्त हो जाता है| यदि मनुष्य जीवन की सभी प्रकार के भय, डर से मुक्ति चाहता है तो वह इस स्तुति का पाठ करे|
माँ मातंगी स्तुति के पाठ के साथ साथ मातंगी कवच का भी पाठ करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होती है| और नियमित रुप से करने से रुके हुए कार्य भी पूर्ण होने लगते है | और साधक के जीवन में रोग, भय, दोष, शोक, बुराइया, डर दूर हो जाते है साथ ही माँ मातंगी की पूजा करने से आयु, यश, बल, और स्वास्थ्य में वृद्धि प्राप्त होती है। याद रखे इस माँ मातंगी स्तुति पाठ को करने से पूर्व अपना पवित्रता बनाये रखे| इससे मनुष्य को जीवन में बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है|