Matsyasana Benefits/मत्स्यासन के लाभ
Method of Matsyasana (Matsyasana Benefits/मत्स्यासन):
Sit in Padmasana and bend your back slowly so that your head touches the ground. Hold the right toe by left hand and left toe by right hand. Keep the knees touched with ground and lift the body so that the total body weight is distributed in two knees and head.
Note of Matsyasana:
This Matsyasana can be done on the water also. But in water hands are free and behind the neck.
Matsyasana Benefits:
This Matsyasana keeps the face and skin attractive. Make the appearance gracious.
This asana makes the backbone flexible and cures the disorders.
Removes the ovary problems and menstrual problems in women.
This Matsyasana is helpful in curing tonsil, diabetes and waist pain.
This asana enhances hunger, helps in digestion and removes constipation.
This Matsyasana is good for Lungs and removes lungs related diseases.
This cures the eye problems.
If this Matsyasana is done in water, all the weariness goes away.
This asana cures neck and shoulder problems.
This regulates the blood circulation and helps to enhance blood.
Matsyasana removes the mental weakness.
This asana strengthen the legs.
This Matsyasana (Matsyasana Benefits) removes skin diseases.
मत्स्यासन के लाभ/Matsyasana Benefits
मत्स्यासन (Matsyasana Benefits) विधि:
पदमासन लगाकर बैठो और पीठ का भाग जमीन से उठाओ तथा सिर को इतना पीछे ले जाओ कि सिर की चोटी का भाग जमीन पर लग जाए, दाएं हाथ से बाएं पैर का अंगूठा और बाएं हाथ से दाएं पैर का अंगूठा पकड़ो और घुटनों को जमीन से लगा कर पीठ के भाग को ऊपर उठाओ ताकि सारा शरीर केवल घुटनों और सिर के बल ऊपर उठ जाए।
नोट:
यह आसन पानी में भी किया जा सकता है। उस समय हाथ खुले हुए और गले के पीछे की ओर रहते है।
मत्स्यासन (Matsyasana Benefits) के लाभ:
यह आसन चेहरे तथा त्वचा को आकर्षक और शरीर को कान्तिमान बनाता है।
इस मत्स्यासन (Matsyasana Benefits) द्वारा मेरुदण्ड में लचक आती है तथा इसके विकार ठीक हो जाते है।
स्त्रियों के गर्भाशय और मासिक धर्म सम्बन्धी रोग दूर होते है।
यह मत्स्यासन (Matsyasana Benefits) टांसिल, मधुमेह, घुटनों तथा कमर के दर्द के लिए लाभदायक है।
यह आसन कब्ज दूर करना, भूख बढाना, भोजन पचाना तथा पेट की गैस को नष्ट करता है।
यह मत्स्यासन (Matsyasana Benefits) फेफड़ों के लिए लाभदायक है और श्वास सम्बन्धित रोगों, जैसे खांसी, दमा तथा श्वास नली के शोथ आदि को दूर करता है।
नेत्र दोषों को दूर करता है।
पानी में यह आसन करने से पानी में ही थकान दूर हो जाती है।
यह मत्स्यासन (Matsyasana Benefits) गर्दन के तनाव तथा अन्य कष्टों और कन्धो के कष्टों को दूर करता है।
शुद्ध रक्त का निर्माण तथा संचार करता है।
यह मत्स्यासन (Matsyasana Benefits) मानसिक दुर्बलता को दूर करता है।
यह आसन टांगों तथा भुजाओं को सशक्त बनाता है।
यह मत्स्यासन (Matsyasana Benefits) चर्म रोगों को दूर करता है।