Mucuna Prurins Benefits/कौंच के लाभ
Different Names of Mucuna Prurins (Mucuna Prurins Benefits/कौंच):
Sanskrit– Kapikachch, Atmagupta, Hrishyaprokta, Markati, Kandura, Pravrashyani
Hindi – Kawanch, Kaunch
Gujarati – Koucha, Kawach
Bengali – Alkushi
Latin – Mucuna Puritan
Marathi – Khajkuhili
Brief Introduction of Mucuna Prurins (Mucuna Prurins Benefits):
Cow hage has long creeping stems. This Mucuna Prurins (Mucuna Prurins Benefits) grows during the rainy season. During the autumn and starting winter flower blooms in it and fruits starts growing. The leaves are about 3 to 8 inch and the upper side of the leaves are silky in touch. The pod of it is about 5 cm to 7.5 cm long and about 2 cm wide which is bent on the front side which looks like English alphabet “S”. The pod contains 4 to 5 seeds. The seeds are like cowpea but smooth and little blackish. A white pulp is enclosed into the seeds. These seeds are known as cow itch. It is available in the terrain part of Himalaya, plains, plateaus up to Sri Lanka and Myanmar.
The Religious Importance of Mucuna Prurins Benefits:
In an auspicious time bring a root of this plant by keeping silence. One piece of this root is shown with lit aroma stick and kept into a silver or copper talisman. The person holds this talisman around his waist, all his physical illness will go off.
Fruits like box myrtle, anacardium, nut grass, muster, benzyl and the cow hage, dried in sun and keeping inside the house, Mucuna Prurins (Mucuna Prurins Benefits) will remove all the pests, poisonous insects and rodents.
The Vaastu Importance of Mucuna Prurins:
Inside the boundary of the house this Mucuna Prurins (Mucuna Prurins Benefits) plant is inauspicious. It will cause health problems.
कौंच के लाभ/Mucuna Prurins Benefits
कौंच के विभिन्न नाम (Mucuna Prurins Benefits):
संस्कृत – कपिकच्छु, आत्मगुप्ता, ऋषयप्रोक्ता, मर्कटी, कण्डुरा, प्राव्रषायणी
हिंदी – कवांच, कौंच
बंगाली – आलकुशी
मराठी – खाजकुहिली
गुजराती – कौचा, कवच
अंग्रेजी – Cowhage
लेटिन – Mucuna prurita
वानस्पतिक कुल – शिम्बो कुल
कौंच का संक्षिप्त परिचय (Mucuna Prurins Benefits):
क्रौंच (Mucuna Prurins Benefits) की बड़ी-बड़ी लताएं होती है, यह वर्षा ऋतु में उत्पन्न होती है और शरद-हेमन्त में इसमें पुष्प और फल लगते है, इसकी पत्ती 3 से 8 इंच लंबी की होती है, यह ऊपर चिकनी तथा रेशमी होती है। इसकी फली 5 से.मी. से 7.5 से.मी. लम्बी तथा 2 से.मी. तक चौड़ी, आगे से मुड़ी हुई अंग्रेजी अक्षर एस की तरह होती है। प्रत्येक फली में 4 से 6 बीज होते है। क्रौंच (Mucuna Prurins Benefits) के बीज लोबिया के समान, किन्तु उससे बड़े, चिकने और कालापन लिए होते है। इनके भीतर से सफेद गिरी निकलती है। यही बीज क्रौंच बीज के नाम से प्रयोग में लाए जाते है। समस्त भारत वर्ष में हिमालय से लंका तक तथा बर्मा में मैदानी भागों में इसकी जंगली लताएं होती है।
कौंच का धार्मिक महत्व (Mucuna Prurins Benefits):
शुभ मुहूर्त में पूर्व निमन्त्रण देकर क्रौंच की मूल को मौन रहते हुए उखाड़ कर घर ले आएं। इस मूल के एक टुकड़े को अगरबत्ती का धुआं दिखाकर चांदी अथवा ताम्बे के ताबीज में बंद करके रख लें। जो व्यक्ति इस ताबीज को कमर में धारण करता है उसकी स्वास्थ्य सम्बन्धी अनेक व्याधियां दूर होती है।
कायफल, भिलावा, नागरमोथा, सरसों, आके के फल, राल तथा क्रौंच फल, इन सबको मिलाकर धूप देने से खटमल, चूहे, मच्छर तथा अन्य प्रकार के विषैले कीट तुरंत भाग जाते है।
क्रौंच का वास्तु में महत्व (Mucuna Prurins Benefits):
घर की सीमा में क्रौंच (Mucuna Prurins Benefits) के पौधे का होना शुभ नहीं होता है। इसे घर की सीमा में लगाने और पालने से स्वास्थ्य की हानि होती है।