Narayan Hirday Kavach, नारायण हृदय कवच

Narayan Hriday Kavach | नारायण हृदय कवच

Narayan Hriday Kavach (नारायण हृदय कवच) is a very powerful kavach. The seeker receives the divine blessings and inner strength of Lord Narayana by recites this kavach. All the troubles, sorrows, pains and sufferings start going away from the life of the seeker by recites this kavach regularly. If the seeker is suffering from a serious illness from a long time. He is not getting cured after treatment and medicine. So, in such a situation, one must recite Narayan Hriday Kavach. Serious diseases gradually get cured and physical health also remains healthy by recites this kavach.

Apart from this, if a seeker is struggling from any financial problem related money, business, job etc. He is not able to achieve success in any work, money is also being lost again and again, then in such a situation, one must recite this kavach. Poverty starts going away from the seeker life by recites Narayan Hriday Kavach, His financial condition starts improve and his wealth also increases. Apart from recites Narayan Hriday Kavach, if a seeker establish Narayan Yantra in his home or workplace and performs puja. Then happiness and wealth remain in his family and he starts getting relief from various troubles of life.

नारायण हृदय कवच | Narayan Hriday Kavach

भगवान् लक्ष्मी-नारायण की प्रसन्नता के लिए “लक्ष्मी-हृदय” के साथ इसका पाठ करने से धन-धान्य व ऐश्वर्य की वृद्धि होती है।

आचम्य प्राणानायम्य देशकालौ स्मृत्वा। अस्मद्गुर्वन्तर्गत – श्रीभारतीरमणमुख्यप्राणान्तर्गत – श्रीलक्ष्मीनारायणप्रेरणया श्रीलक्ष्मीनारायणप्रीत्यर्थं ममाभीष्टसिद्ध्यर्थं सङ्कलीकरणरीत्या सम्पुटीकरणरीत्या वा नारायणहृदयस्य सकृदावर्तनं करिष्ये ।

सीधे हाथ में जल लेकर विनियोग पढ़कर जल भूमि पर छोड़ दे।

विनियोगः- ॐ अस्य श्रीनारायण-हृदय-स्तोत्र-मन्त्रस्य भार्गव ऋषिः, अनुष्टुप छन्दः, श्रीलक्ष्मीनारायणो देवता, ॐ बीजं, नमः शक्तिं, नारायणायेति कीलकं, श्रीलक्ष्मीनारायण प्रीत्यर्थे पाठे विनियोगः ।

ऋष्यादि-न्यासः

ॐ भार्गव ऋषये नमः शिरसि ।

अनुष्टुप् छन्दसे नमः मुखे ।

श्रीलक्ष्मीनारायणदेवतायै नमः हृदि ।

ॐ बीजाय नमः गुह्ये ।

नमः शक्त्यै नमः पादयोः ।

नारायणायेति कीलकाय नमः नाभौ ।

श्रीलक्ष्मीनारायणप्रीत्यर्थे जपे विनियोगाय नमः सर्वाङ्गे ।

करन्यासः

ॐ नारायणः परं ज्योतिः अङ्गुष्ठाभ्यां नमः ।

ॐ नारायणः परं ब्रह्मेति तर्जनीभ्यां नमः ।

ॐ नारायणः परोदेव इति मध्यमाभ्यां नमः ।

ॐ नारायणः परो ध्यायेति अनामिकाभ्यां नमः ।

ॐ नारायणः परो धामेति कनिष्ठिकाभ्यां नमः ।

ॐ नारायणः परो धर्म इति करतल-कर-पृष्ठाभ्याम् नमः ।

हृदयादि-न्यासः

ॐ नारायणः परं ज्योतिः हृदयाय नमः । ॐ नारायणः परं ब्रह्मेति शिरसे स्वाहा । ॐ नारायणः परोदेव इति शिखायै वषट् । ॐ नारायणः परो ध्यायेति कवचाय हुं । ॐ नारायणः परो धामेति नेत्र-त्रयाय वौषट् । ॐ नारायणः परो धर्म इति अस्त्राय फट् ।

दिग् रक्षणः

ॐ नमः सुदर्शनायास्त्राय हुं फट् बध्नामि नमश्चक्राय स्वाहा ।

इस मन्त्र से तीन ताली देकर दशों दिशाओं में दिग्बंधन करें ।

अथ ध्यानम्:

उद्यद्भास्वत्समाभासः चिदानन्दैकदेहवान् ।

शङ्खचक्रगदापद्मधरो ध्येयोऽहमीश्वरः ।।1।।

लक्ष्मीधराभ्यामाश्लिष्टः स्वमूर्तिगणमध्यगः ।

ब्रह्मवायुशिवाहीशविपैः शक्रादिकैरपि ।।2।।

सेव्यमानोऽधिकं भक्त्या नित्यनिश्शेषशक्तिमान् ।

मूर्तयोऽष्टावपि ध्येयाश्चक्रशङ्खवराभयैः ।।3।।

उद्यदादित्यसङ्काशं पीतवाससमच्युतम् ।

शङ्खचक्रगदापाणिं ध्यायेल्लक्ष्मीपतिं हरिम् ।।4।।

।। “ॐ नमो नारायणाय” इति मन्त्रजपं (108 बार) कृत्वा ।।

नारायण ह्रदय कवच के लाभ:

नारायण ह्रदय कवच एक अत्यंत शक्तिशाली कवच है, जिसका पाठ करने से साधक को भगवान नारायण का दिव्य आशीर्वाद और आंतरिक शक्ति प्राप्त होती हैं। नारायण हृदय कवच का नित्य पाठ करने से साधक के जीवन से सभी कष्ट, दुःख, दर्द, पीड़ा दूर होने लगते हैं। यदि कोई साधक काफी लम्बे समय से किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे है, इलाज और दवा के बाद भी ठीक नही हो पा रहा है, तो ऐसे में उसे नारायण हृदय कवच का पाठ अवश्य ही करना चाहिए। नारायण हृदय कवच का पाठ करने से गंभीर बीमारियाँ धीरे-धीरे ठीक होने लगती हैं और शारीरिक स्वास्थ्य भी स्वस्थ रहता हैं

इसके अलावा, यदि कोई साधक धन, व्यापार, नौकरी आदि जैसी किसी आर्थिक परेशानी से जूझ रहा है, किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त नहीं कर पा रहा है, धन का भी बार-बार नुकसान हो रहा है, तो ऐसे में उसे नारायण हृदय कवच का पाठ अवश्य करना चाहिए। नारायण ह्रदय कवच का पाठ करने से उसके जीवन से दरिद्रता दूर होने लगती हैं, उसकी आर्थिक स्थिति ठीक होने लगती है और साथ ही साथ धन में भी वृद्धि होती है। नारायण ह्रदय कवच का पाठ करने के अलावा यदि साधक अपने घर या कार्यस्थल में नारायण यंत्र स्थापित करके पूजा-साधना करता है, तो उसके घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती हैं और उसे जीवन की विभिन्न विपत्तियों से छुटकारा मिलने लगता हैं।