Nikhil Kavach | निखिल कवच
Nikhil Kavach (निखिल कवच) is a wonderful and powerful kavach. This kavach is a great kavach created by the power of Gurudev “Paramhans Swami Nikhileshwaranand”. The person gets relief from all the obstacles of Navagrahas, by recitation of Nikhil Kavach regularly. The person gets relief from Troubles, Sorrows, Pain etc. in life due to Navgraha dosha by recite this kavach. It also protects from the negative effects of Sorcery, Evil eye, Evil spirit etc. If a person recites Nikhil Kavach before sunrise, he starts attaining the highest level of spiritual upliftment, thereby opening the path to attain salvation.
The person starts getting happiness, good fortune and the glory of Gurudev by wearing Nikhileshwar Rosary with reciting Nikhil kavach. If Nikhileshwaranand Parad Idol is worshiped along with reciting this kavach then all the wishes of the person’s start getting fulfilled and there is an atmosphere of happiness and wealth in the family, Positive energy is transmitted. Every person should recite Nikhil Kavach in his regular worship, so that he can get freedom from the effects of inauspicious planet.
निखिल कवच
यह अदभुत कवच गुरुदेव “परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानन्द” के तपोबल से प्रदीप्त महामंत्र है प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नानोपरांत शुद्ध वस्त्र धारण कर संक्षिप्त गुरु पूजन कर इसका पाठ करने से साधक को सुरक्षा, आनंद, सौभाग्य तथा गुरुदेव का तेज प्राप्त होता है।
निखिलेश्वरानन्द कवच:
शिरः सिद्धेश्वरः पातु ललाटं च परात्परः ।
नेत्रे निखिलेश्वरानन्द नासिका नरकान्तकः ॥ 1॥
कर्णौ कालात्मकः पातु मुखं मन्त्रेश्वरस्तथा ।
कण्ठं रक्षतु वागीशः भुजौ च भुवनेश्वरः ॥ 2॥
स्कन्धौ कामेश्वरः पातु हृदयं ब्रह्मवर्चसः ।
नाभिं नारायणो रक्षेत् उरुं ऊर्जस्वलोऽपि वै ॥ 3॥
जानुनि सच्चिदानन्दः पातु पादौ शिवात्मकः ।
गुह्यं लयात्मकः पायात् चित्तंचिन्तापहारकः ॥ 4॥
मदनेशः मनः पातु पृष्ठं पूर्णप्रदायकः ।
पूर्वं रक्षतु तंत्रेशः यंत्रेशः वारुणीँ तथा ॥ 5॥
उत्तरं श्रीधरः रक्षेत् दक्षिणं दक्षिणेश्वर ।
पातालं पातु सर्वज्ञः ऊर्ध्वं मे प्राण संज्ञकः ॥ 6॥
कवचेनावृतो यस्तु यत्र कुत्रापित गच्छति ।
तत्र सर्वत्र लाभः स्यात् किंचिदत्र न संशयः ॥ 7॥
यं यं चिन्तयते कामं तं तं प्राप्नोति निश्चितं ।
धनवान् बलवान् लोके जायते समुपासकः ॥ 8॥
ग्रहभूतपिशाचाश्च यक्षगन्धर्वराक्षसाः ।
नश्यन्ति सर्वविघ्नानि दर्शानात् कवचावृतम् ॥ 9॥
य इदं कवचं पुण्यं प्रातः पठति नित्यशः ।
सिद्धाश्रम पदारूढः ब्रह्मभावेन भूयते ॥ 10॥
निखिल कवच के लाभ:
निखिल कवच एक अद्भुत और शक्तिशाली कवच है। यह कवच गुरुदेव “परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानन्द” के तपोबल से उत्पन्न महाकवच है। निखिल कवच का नित्य पाठ करने से सभी नवग्रहों की बाधाओं से छुटकारा मिलता है, नवग्रह दोष द्वारा जीवन में आ रहे कष्ट, दुःख, पीड़ा आदि से मुक्ति प्राप्त होती है, साथ ही टोना-टोटका, बुरी नजर, बुरी आत्मा आदि के नकारात्मक प्रभावों से भी रक्षा होती है। यदि कोई व्यक्ति सूर्योदय से पहले निखिल कवच का पाठ करता है, उसे आध्यात्मिक उत्थान की सर्वोच्च उन्नति प्राप्त होने लगती हैं, जिससे मोक्ष प्राप्ति का मार्ग खुलने लग जाता हैं।
निखिल कवच का पाठ करने के साथ निखिलेश्वर माला धारण करने से व्यक्ति को आनंद, सौभाग्य तथा गुरुदेव का तेज प्राप्त होने लगता है। इस पाठ को करने के साथ यदि निखिलेश्वरानंद पारद मूर्ति की पूजा की जाये, तो व्यक्ति की सम्पूर्ण मनोकामनाएं पूर्ण होने लगती हैं और घर-परिवार में सुख-समृद्धि का वातावरण बना रहता हैं, सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता हैं। प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए, कि वे नित्य पूजा में निखिल कवच का पाठ अवश्य करे, जिससे अशुभ ग्रहों के दोषों से मुक्ति प्राप्त की जा सके।