Paschimottanasana Benefits | पश्चिमोत्तानासन के लाभ
Method of Paschimottanasana Benefits (पश्चिमोत्तानासन): Stretch your legs on the ground. Both the heels and toes must be joined. Hold the toes by hands and breathe out. Try to join your head with knees and be still for a minute. When it is done successfully, clutch your fingers of hand and fasten it on the feet from the lower side and do the same.
Note of Paschimottanasana:
- Do not do this with jerks.
- Do this asana with empty stomach.
- This asana can be done time and again.
Paschimottanasana Benefits:
- It makes the backbone flexible, waist thin and gives it a good shape. It keeps the mind happy and gives a grace in the face.
- Paschimottanasana is good for obesity and fatness.
- It regulates the blood circulation.
- Paschimottanasana removes the angriness.
- It joins the pran and apan.
- The Paschimottanasana (Paschimottanasana Benefits) can extend the life span.
- If it is performed for 3 hours and 48 minutes one can achieve entrancement.
- It removes the rheumatism, waist pain etc.
- Paschimottanasana kills the tapeworm in the intestine and enhances hunger.
- Nerves are given relaxation.
पश्चिमोत्तानासन के लाभ | Paschimottanasana Benefits
पश्चिमोत्तानासन विधि: अपने दोनों पैरों को जमीन पर सीधा पंजे और एड़ियां मिलाकर फैलाओ, सांस बाहर निकालते हुए जहां तक हो सके, हाथों से पैरों के अंगूठों को पकडकर सिर को घुटनों से मिलाने की चेष्टा करो और इस अवस्था में स्थित रहो, जब अभ्यास दृढ हो जाए तो दोनों हाथों की अँगुलियों को आपस में पकड़ लो और पैरों के तलुवों को अच्छी प्रकार फंसा कर इसे करो।
नोट:
- इस आसन को कभी भी झटके से नहीं करना चाहिए।
- इस पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana Benefits) को खाली पेट करना चाहिए।
- इस आसन का लाभ अधिक से अधिक समय तक उठाया जा सकता है।
पश्चिमोत्तानासन के लाभ:
- मेरुदण्ड को लचीला बनाता है। कमर को पतली और सुडौल बनाता है। चेहरे पर कान्ति आती है और मन प्रसन्न रहता है।
- यह पश्चिमोत्तानासन मोटापा, अधिक स्थूल पैर और नितम्ब में लाभदायक है।
- रक्त संचार ठीक होता है।
- क्रोध दूर होकर मन शांत होता है।
- इस पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana Benefits) द्वारा प्राण और अपान एक होती है।
- इस आसन को करने वाला 300 वर्ष तक जी सकता है, क्योंकि वह 1 मिनट में 5 श्वास से काम चला सकता है।
- 3 घण्टे 48 मिनट तक इस आसन में बैठने से बिना प्रयास के समाधि लग जाती है।
- गठिया, पीठ, कमर, जांघ तथा पिंडलियों का दर्द और अर्धांग दूर होता है।
- इस पश्चिमोत्तानासन द्वारा पेट के कीड़े मर जाते है और भूख भी खूब लगती है। जठराग्नि प्रदीप्त होती है।
- नाड़ियों में समता आ जाती है।