Pearl Rosary Benefits | मोती माला के लाभ
Pearl Rosary Benefits (मोती माला): Pure Pearl Rosary is considered to be auspicious. It provides the person with the Moon’s calming effect and renders peace of mind, frees the person from nervous disorders, and enhances wealth and prosperity. Pearl, conch and oyester rosaries if hold, these will always give providential results. It will end the malefic effects of moon.
According to astrology the person suffering from stomach disorder or suffering from pettish problems should hold a pearl or a pearl rosary (Pearl Rosary Benefits). This is especially very good for Cancerians.
Pearls have been highly valued as gemstones since antiquity, and their allure and beauty has always been magnified by the difficulty of obtaining them in early times. Unlike most other gemstones which are minerals, Pearls (Pearl Rosary Benefits) are organic and are formed by living organisms. They are generally formed within the soft tissue layer of mollusks such as oysters and mussels. Pearls are composed of calcium carbonate (in the form of Aragonite) and organic conchiolin that build up as concentric layers as they are secreted by their host.
Pure Pearl:
PEARL is often considered a gemstone, although it is not a mineral. Rather, pearl (Pearl Rosary Benefits) is a composite of the mineral Aragonite (Calcium Carbonate) and the organic compound conchiolin (a protein). The combination is called nacre, or mother-of-pearl.
Types of Pearl:
There are two types of pearl are generally found
Cavity: This pearl (Pearl Rosary Benefits) is formed by injecting some foreign body inside the Oyester. It is used in manufacturing Lockets and rings. Since it shines, it is a precious one.
Gonet: This is natural and a round one. It is shinning and beautiful. Its cost depends on its size and shine.
Retention of Pearl:
Energized pearl rosary (Pearl Rosary Benefits) can be hold on any Monday between 5 pm to 6 pm layering with white sandalwood. Thereafter the temple of Lord Shiva should be visited.
मोती माला के लाभ | Pearl Rosary Benefits
मोती माला के लाभ (Pearl Rosary Benefits): मोती, शंख या सीप की माला धारण करने वाले को संसार के समस्त प्रकार के लाभ मिलते हैं। इसके पहनने से चन्द्रमा संबंधी सभी दोष नष्ट हो जाते हैं। व्यक्ति को मानसिक शांति, धन, सम्मान, सफलता आदि की प्राप्ति होती है। ज्योतिष के अनुसार जिस व्यक्ति का पेट ख़राब रहता है या उसे गुस्सा अधिक आता है तो उसे अवश्य ही मोती रत्न या उसकी माला (Pearl Rosary Benefits) धारण करनी चाहिए। यह माला विशेषकर कर्क राशि के जातकों के लिए उपयोगी मानी जाती है।
“मोती” या ‘मुक्ता‘ एक कठोर पदार्थ है, जो मुलायम ऊतकों वाले जीवों द्वारा पैदा किया जाता है। घोंघा नाम का एक जन्तु, जिसे “मॉलस्क” कहते हैं, अपने शरीर से निकलने वाले एक चिकने तरल पदार्थ द्वारा अपने घर का निर्माण करता है। घोंघे के घर को सीपी कहते हैं। इसके अन्दर वह अपने शत्रुओं से भी सुरक्षित रहता है। घोंघों की हजारों किस्में हैं और उनके शेल भी विभिन्न रंगों जैसे गुलाबी, लाल, पीले, नारंगी, भूरे तथा अन्य और भी रंगों के होते हैं तथा ये अति आकर्षक भी होते हैं। घोंघों की मोती बनाने वाली किस्म बाइवाल्वज कहलाती है इसमें से भी ओएस्टर घोंघा सर्वाधिक मोती बनाता है। मोती (Pearl Rosary Benefits) बनाना भी एक मजेदार प्रक्रिया है। वायु, जल व भोजन की आवश्यकता पूर्ति के लिए कभी-कभी घोंघे जब अपने शेल के द्वार खोलते हैं, तो कुछ विजातीय पदार्थ जैसे रेत कण कीड़े-मकोड़े आदि उस खुले मुंह में प्रवेश कर जाते हैं। घोंघा अपनी त्वचा से निकलने वाले चिकने तरल पदार्थ द्वारा उस विजातीय पदार्थ पर परतें चढ़ाने लगता है।
सच्चा मोती:
आदर्श मोती (Pearl Rosary Benefits) उसे मानते हैं जो पूर्णतः गोल और चिकना हो, किन्तु अन्य आकार के मोती भी पाये जाते हैं। अच्छी गुणवत्ता वाले प्राकृतिक मोती प्राचीन काल से ही बहुत मूल्यवान रहे हैं। इनका रत्न के रूप में उपयोग होता रहा है।
मोती के प्रकार:
मोती साधारणतय: दो प्रकार के होते हैं-
केवीटी : सीप के अंदर ऑपरेशन के जरिए फारेन बॉडी डालकर मोती (Pearl Rosary Benefits) तैयार किया जाता है। इसका इस्तेमाल अंगूठी और लॉकेट बनाने में होता है। चमकदार होने के कारण एक मोती की कीमत हजारों रुपए में होती है।
गोनट : इसमें प्राकृतिक रूप से गोल आकार का मोती (Pearl Rosary Benefits) तैयार होता है। मोती चमकदार व सुंदर होता है। एक मोती की कीमत आकार व चमक के अनुसार 1 हजार से 50 हजार तक होती है।
माला धारण:
सिद्ध प्राण प्रतिष्ठित “मोती माला” (Pearl Rosary Benefits) को किसी भी सोमवार को किसी भी मास के शुक्ल पक्ष में शाम के समय 5 बजे से 6 बजे के बीच स्वेत चंदन लगाकर धारण करनी चाहिये। इसके पश्चात् किसी भी मंदिर में शिव जी के दर्शन करने चाहिये।