Pineapple Benefits/अन्नानास के लाभ
Different Names of Pineapple (Pineapple Benefits/अन्नानास):
Latin Name – Ananascomosus merr.
Family – bromeliaceous
Hindi – Annanas
Recognition of Pineapple (Pineapple Benefits):
The origin of this fruit is Brazil. Now a days it is grown in Assam, West Bengal, and western coastal areas. It is found in the tree in bunch and among thorny leaves. Its fruit is rough from the outside and from inside it is light yellow. The fruit is for consuming by the human being mostly. It is used as raw and ripe in both the conditions. The centre of the fruit is little hard. That portion should not be eaten. It is harmful and causes colic pain.
Uses of Pineapple (Pineapple Benefits):
In Ayurved, the leaves of pineapple (Pineapple Benefits) is used to remove the colic pain. The juice of the ripe fruits cures the pancreatic problems and blood infections, colic pain etc. If by mistake the hair of human beings is swallowed, the pineapple (Pineapple Benefits) melts the hairs into the stomach.
When during fever, if perspiration is not happened, juice of pineapple (Pineapple Benefits) starts the perspiration and eradicates the fever. For the weakness in semen, the juice of pineapple, Liquorices, tinospora, Triphala, white muesli, nagkesar, vidari roots, Salam panja are taken and along with ghee and honey if eaten the problems will be eradicated.
During child delivery also if juice is given to the would be mother, the delivery pain is reduces.
अन्नानास के लाभ/Pineapple Benefits
अन्नानास के विभिन्न नाम (Pineapple Benefits):
लैटिन नाम – Ananascomosus merr.
अंग्रेजी – Pineapple.
हिंदी – अनानास
अन्नानास परिचय (Pineapple Benefits):
इस फल का मूल स्थान ब्राजील देश है। परन्तु अब भारत में असम, प. बंगाल तथा पश्चिमी किनारे पर भी इसकी खेती की जाती है। इसके पेड़ पर गुच्छाकार लम्बे एवं दन्तुर पत्तों का समूह निकलता है। इसका फल बड़ा, खुरदरा तथा भीतर से पीले या हल्के नारंगी रंग का होता है। इसका फल खाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसे कच्चा-पक्का दोनों अवस्था में खाया जाता है। इस फल के अन्दर का मध्य भाग कठोर होता है। इसे नहीं खाना चाहिए। इसके खाने से पेट फूल जाता है और दर्द होने लगता है। सवेरे खाली पेट भी कभी नहीं खाना चाहिए अन्यथा पेट में भयंकर पीड़ा होने लगती है।
अन्नानास प्रयोग (Pineapple Benefits):
आयुर्वेद में अन्नानास (Pineapple Benefits) के पत्ते का रस पेट की कमी दूर करने के लिए प्रयोग होता है। पक्के फल का रस रक्तपित्त, रक्तविकार तथा पेट की ऐंठन, मरोड़ आदि को नष्ट करता है। यदि भोजन में या पीने के पानी में पेट में बाल चला गया हो, तो अन्नानास (Pineapple Benefits) खाने से बाल गलकर पानी हो जाता है।
ज्वर में पसीना न आने पर पक्के फल के रस को पिलाने से पसीना आकर ज्वर कम हो जाता है। धातु क्षीणता में पक्के फल का रस 1 तोला, मुलैठी, गिलोय, त्रिफला, श्वेत मुसली, नागकेसर, विदारी कन्द, सालम पंजा सब समान भाग लेकर चूर्ण करे उसमें घी व शहद मिलाकर सेवन करने से निश्चित लाभ होता है।
स्त्री के प्रसव के समय स्त्री को पके फल का रस भरपेट पिलाने से प्रसव पीड़ा शांत होती है और शीघ्र हो जाता है।