Prayer Yoga Benefits, योग प्रार्थना

Prayer Yoga Benefits | योग प्रार्थना के लाभ

Prayer Yoga Benefits (योग प्रार्थना)

हे! परम पिता,

हे! विश्व पिता,

हे! राष्ट्र पिता,

हे! जगदाधार,

हे! करुणामय दीन दयालु पूर्ण गुरु,

हे! अपरमपार,

हे! परेश,

Means of Prayer Yoga:

O Lord you are the father of whole world. You are the father of our nation too. The base of this world is you. You keep blessing to poor and helpless people. We believe you are our preceptor. No one could know your limit neither can know. O lord bless us and pity on us. Evolve good things in our mind so that we help the helpless and poor people and make this world peaceful and happy. At the end recite the following 3 times.

O Lord by your grace there should be feeling of welfare all over the world. People should be dutiful, mutual harmony should be there.

हे! नाथ, आपकी कृपा से विश्व का कल्याण हो, सभी लोग कर्तव्य परायण हो।, परस्पर प्रेम हो। श्री करुणानिधे नम:

Method of Prayer Yoga:

Join both the feet and keep the body straight, close your eyes. Join your hands and keep it on your chest. Put the thumbs on the throat and press the chest with biceps. Concentrate your mind and pray to god.

Prayer Yoga Benefits:

  • Prayer Yoga removes mental stress
  • Prayer Yoga enhances concentration.
  • With Prayer Yoga God blesses you.
  • Mind becomes peaceful by Prayer Yoga.
  • Prayer Yoga controls the sexual anxiety.
  • One can make self realization by Prayer Yoga.

Prayer Yoga Benefits, योग प्रार्थना

योग प्रार्थना के लाभ | Prayer Yoga Benefits

हे! परम पिता,

हे! विश्व पिता,

हे! राष्ट्र पिता,

हे! जगदाधार,

हे! करुणामय दीन दयालु पूर्ण गुरु,

हे! अपरमपार,

हे! परेश,

अर्थात्: हे! परम पिता परमेश्वर, आप सारे संसार के पिता हो। आप हमारे राष्ट्र के भी पिता हो। इस जगत का आधार भी आप ही हो। आप दीन दुखियों पर दया, कृपा और करुणा करते हो। हम आप को अपना पूर्ण, सच्चा गुरु मानते है। आप की लीला का पार आज तक किसी ने नहीं पाया, न ही कोई पा सकेगा। हे प्रभु! हम पर शीघ्र अपनी कृपा दृष्टि करो। हमारे मन में शुभ विचार उत्पन्न करो ताकि हम जनता की सेवा करके इस दुःख से भरे संसार को हर प्रकार से सुखमय बना सकें। प्रार्थना के अंत में निम्नलिखित नारे तीन बार लगाएं–

हे! नाथ, आपकी कृपा से विश्व का कल्याण हो, सभी लोग कर्तव्य परायण हो।, परस्पर प्रेम हो। श्री करुणानिधे नम:

योग प्रार्थना विधि:

अपने दोनों पैरों को आपस में मिलाकर पैरों से सिर तक के भाग को सीधा कर आँखें बंद रखो तथा हाथों को सम्पुट करो और ह्रदय के ऊपरी भाग में स्थित करो। अंगूठों को कण्ठकूप से मिलाकर भुजबल्लियों द्वारा बल लगाकर वक्ष स्थल को दबाओ। बाहरी संसार से मन को हटाओ। प्रभु के इष्ट स्वरूप का ध्यान करो। हाथों को बलपूर्वक दबाने से मन एकाग्र हो जाता है। मन को एकाग्र कर प्रार्थना करें।

योग प्रार्थना के लाभ:

  • योग प्रार्थना (Prayer Yoga Benefits) करने से मानसिक विकार दूर होते है।
  • मन एकाग्र होता है।
  • योग प्रार्थना से भगवान की कृपा प्राप्त होती है।
  • मन को शान्ति मिलती है।
  • योग प्रार्थना (Prayer Yoga Benefits) से कामवासना पर विजय प्राप्त होती है।
  • योग प्रार्थना से आत्म साक्षात्कार होता है।