Jyotishiya Upay Sagar Book/ज्योतिषीय उपाय सागर पुस्तक
The Jyotishiya Upay Sagar (ज्योतिषीय उपाय सागर पुस्तक) is an important book, the Jyotishiya Upay Sagar Book is not easily available, this book has been written by Rajkumar, this Jyotishiya Upay Sagar Book has been published by Sagar Publications, in this book there are 385 pages.
Jyotishiya Upay Sagar Book Content list:
According to the content list of the Jyotishiya Upay Sagar Book contains the following things mentioned hereby. List of Horoscopes, Subject Access, Signs of weak / afflicted planets, Yoga, Hand Postures and Acupressure, Astrological Tragedy and Remedy, Color Treatment, Gemstone Remedies, Sound and Mantra Remedies, Mantra Collection, Tantra, Yantra, Rudraksh, Bath, Donation, Tenacity and Yajna Astrological Remedy are explained in detail, which is the important part of this Jyotishiya Upay Sagar Book.
Jyotishiya Upay Sagar Book Benefits:
- Astrological remedy – reading the Jyotishiya Upay Sagar Book provides information about astrology.
- Astrological Remedy – By reading the Jyotishiya Upay Sagar Book, you will also get information about the curses of past lives and their remedies.
Jyotishiya Upay Sagar Book Description:
Astrology tells us about cosmic rays – their effects and obstacles, generated by celestial bodies. At the time of birth, planetary positions give sufficient signals about our past, present and future. An inauspicious planet is indicative of an obstruction / disarmament in the event, an impending obstacle and / or any auspicious sign (Jyotishiya Upay Sagar Pushtak). Human life is full of sorrow and pain, in which happiness and happiness are a grapevine. Whatever we are today or whatever is happening with us, it is the result of our old deeds. Astrology helps us to understand destiny and karma destiny and effort and organize ourselves. Astrology or work theory does not make us a fugitive. On the one hand, it tells us that what you do will result later. On the other hand it says that we can modify destiny / destiny according to our efforts. The evil effects generated by old sins, deeds and omissions and negative forces can be reduced or avoided by the positive power earned through appropriate measures. Previously this book was printed in English but thereafter for the persons who wanted to study in Hindi, we have printed the Hindi edition which is now available Universally.- Jyotishiya Upay Sagar Pushtak.
ज्योतिषीय उपाय सागर पुस्तक/Jyotishiya Upay Sagar Book
ज्योतिषीय उपाय सागर एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, ज्योतिषीय उपाय सागर पुस्तक आसानी से उपलब्ध नहीं होती, यह पुस्तक राजकुमार के द्वारा लिखी गई है, इस ज्योतिषीय उपाय सागर पुस्तक को सागर पब्लिकेशन, ने प्रकाशित किया है, इस पुस्तक में 385 पृष्ठ(पेज) है।
ज्योतिषीय उपाय सागर पुस्तक की विषय सूचि:
ज्योतिषीय उपाय सागर पुस्तक सूचि अनुसार- कुंडलियों की सूचि, विषय प्रवेश, कमजोर/ पीड़ित ग्रहों का संकेत, योग, हस्त मुद्राएँ और एक्यूप्रेशर, ज्योतिषीय त्रासदी और उपाय, रंग उपचार, रत्न उपचार, ध्वनि और मन्त्र उपचार, मन्त्र संग्रह, तन्त्र, यंत्र, रुद्राक्ष, स्नान, दान, तप और यज्ञ ज्योतिष उपाय सागर पुस्तक के बारे में विस्तार रूप से बताया गया है, जोकि ज्योतिषीय उपाय सागर पुस्तक/Jyotishiya Upay Sagar Book के महत्वपूर्ण अंग है।
ज्योतिषीय उपाय सागर पुस्तक के लाभ:
- ज्योतिषीय उपाय सागर पुस्तक को पढ़ने से ज्योतिष शास्त्र की जानकारी मिलती है।
- ज्योतिषीय उपाय सागर पुस्तक को पढ़कर आपको पूर्व जन्म के श्राप और उनके उपाय के बारे में भी जानकारी प्राप्त होगी।
ज्योतिषीय उपाय सागर पुस्तक का विवरण:
लगभग छ वर्ष मैने इस विषय पर अंगेजी में एक पुस्तक लिखी थी। विज्ञ पाठकवृन्दों ने इसे बहुत सराहा। इसके लिए मैं उनका आभारी हूँ; परन्तु मेरे पास अनेक अनुरोध आए कि अगर इस पुस्तक का हिंदी संस्करण आ सकता तो उत्तर भारत के अनेक हिंदी प्रेमियों को बहुत लाभ होता और ज्योतिष का भी उत्तम प्रचार होता। इसलिए “ज्योतिषीय उपाय” पर संशोधित हिंदी संस्करण/रूपांतरण पाठकों के सम्मुख प्रस्तुत है। मै आशा करता हूँ कि इस पुस्तक को भी सभी विज्ञजनो का प्यार और समर्थन मिलेगा। ज्योतिष हम को आकाशीय पिंडो द्वारा उत्पन्न कॉस्मिक किरणों- उनके प्रभाव और अवरोधों, के बारे में बताता है। जन्म के समय ग्रहों की स्तिथि हमारे भूत, वर्तमान और भविष्य के बारे में पर्याप्त संकेत देते है। एक अशुभ ग्रह स्तिथि, एक आने वाली बाधा और/ या किसी शुभ संकेत में रुकावट/निरस्त्रीकरण का सूचक है। मानव जीवन दुःख और वेदनाओं से भरा है, जिसमें खुशी और आनंद तो एक मरीचिका सामान है। आज हम जैसे भी है या हमारे साथ जो भी हो रहा है वह हमारे पुराने कर्मो का फल ही तो है।
ज्योतिष हम को भाग्य और कर्म प्रारब्ध और पुरुषार्थ को समझने और अपने को व्यवस्थित करने में सहायता करता है। ज्योतिष या कर्म सिद्धान्त हमको भाग्यवादी नहीं बनाता। एक ओर तो यह हमें बताता है कि जैसा कर्म करोगे वैसा ही फल बाद में मिलेगा। दूसरी ओर यह कहता है कि हम अपने पुरुषार्थ के द्वारा प्रारब्ध/भाग्य को अपने अनुसार संशोधित कर सकते है। पुराने पाप-कर्म, भूल-चूक और नकारात्मक शक्तियों द्वारा उत्पन्न बुरे प्रभावों को उपयुक्त उपायों से अर्जित सकारात्मक शक्ति द्वारा कम या टाल सकते है।
Jyotishiya Upay Sagar Book Details:
Book Publisher: Sagar Publication
Book Author: Rajkumar
Language: Hindi
Weight: 501 gm Approx.
Pages: 385 Pages
Size: “21.5” x “14” x “2” cm
Edition: 2013
Shipping: Within 4-5 Days in India
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