Kalsarp Yog Aivm Shanti Book (कालसर्प योग एवं शांति पुस्तक) is an important book, Kalsarp Yog Aivm Shanti Book is not easily available, this book is written by Swami Purnendu Kaushik J, this Kalsarp Yog Aivm Shanti Book is written by B.S. Praminder, Delhi, has published, there are 184 pages in this book.
Kalsarp Yog Aivm Shanti Book Content list:
According to the content list of the book, the contents are duly expressed in a simple language for the convenience of the readers. The matters are mentioned here under. Types of Kalsarp Yoga, Number of Kalsarp Yogas, Kalsarp Havan Stuff, Susammati Patram, Poojanam, Kalash Sthapanam, Tridev Poojanam, Sri Navagrahapujanam, Naga Poojanam, Rahudev Kavacham, Mata Mansa Devi Puja, Naga Naam Puja, Naga Tarpan, Nagabali , Havan Vidhanam, Agni Puja Pratishthan, for Shri Gauri, Mahamrityunjaya Mantra, Aarti, Blessings, Atma Nidhanam, Addendum, Husbandry Receiving Fettu Mantra, Mantra for Receiving Wife, Expertise Mansa Devi of pure fiction, which span snake is an important part of book.
Benefits of the Kalsarp Yog Aivm Shanti Book
- By reading the book, you can know the importance of Kalsarp Yoga.
- With the Kalsarp Yog Aivm Shanti Book, you can understand the importance of astrological texts.
Kalsarp Yog Aivm Shanti Book Description:
Indian culture is mostly based on the Vedas and Purana and the entire Wangmaya of human life is constructed from these eternal texts. In the Vedas, where the way to make human life the best and the divine is paved, the Purana have been made very interesting by incorporating it into various kinds of gathas, stories and stories to make it simple and delightful. In the Vedas, where medicinal, commercial, spiritual and ritual knowledge is available in abundance, astronomical and astrological knowledge is also readily available.
For a few years now, for about twenty-twenty-five years, a yoga called Kalsarp has come to light in astrology. Although it has also appeared in astrological texts of hundreds of years ago, it is said by many astrologers and authors of astrology books today, but such a deep thought has never been done on this yoga before. Everyone says that the effect of this yoga is so deep and harmful that it destroys the entire life of a human being. The person suffering from this yoga is not treated with any medicine nor any charity, pilgrimage bath and Dev Darshan.
कालसर्प योग एवं शांति पुस्तक/Kalsarp Yog Aivm Shanti Book
कालसर्प योग एवं शांति एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, कालसर्प योग एवं शांति पुस्तक/Kalsarp Yog Aivm Shanti Book आसानी से उपलब्ध नहीं होती, यह पुस्तक स्वामी पूर्णेन्दु कौशिक जी द्वारा लिखी हुई है, इस काल सर्प योग पुस्तक को बी.एस. प्रमिन्दर, दिल्ली, ने प्रकाशित किया है, इस पुस्तक में 184 पृष्ठ(पेज) है।
कालसर्प योग एवं शांति पुस्तक की विषय सूचि:
कालसर्प योग पुस्तक में विषय सूचि अनुसार – काल सर्प योग के प्रकार, काल सर्प योगों की संख्या, काल सर्प हवन सामग्री, सुसम्मति पत्रम्, पूजनम, कलश स्थापनम्, त्रिदेव पूजनम, श्री नवग्रहपूजनम्, नाग पूजाम्, राहुदेव कवचम्, माता मनसा देवी पूजा, नाग नाम पूजा, नाग तर्पण, नागबली, हवन विधानम्, अग्नि पूजन प्रतिष्ठान, श्री गौरी हेतु, महामृत्युंजय मंत्र, आरती, आशीर्वाद, आत्म निवेदनम, परिशिष्ट, पति प्राप्ति फेतु मंत्र, पत्नी प्राप्ति हेतु मंत्र, माता मनसा देवी की पावन कथा, जोकि कालसर्प योग एवं शांति पुस्तक/Kalsarp Yog Aivm Shanti Book के महत्वपूर्ण अंग है।
कालसर्प योग एवं शांति पुस्तक के लाभ:
- कालसर्प योग एवं शांति पुस्तक को पढ़ने से आप काल सर्प योग के महत्त्व का परिचय जान सकते है।
- कालसर्प योग एवं शांति पुस्तक से आप ज्योतिष ग्रंथो के महत्त्व को समझ सकते है।
कालसर्प योग एवं शांति पुस्तक का विवरण:
भारतीय संस्कृति अधिकतर वेदों और पुराणों पर ही आधारित है और मानव जीवन का समूचा वांग्मय इन्हीं शाश्वत ग्रंथो से निर्माण होता है। वेदों में जहां मानवीय जीवन को सर्वश्रेष्ठ और देवतुल्य बनाने का मार्ग प्रशस्त होता हाकी वहीँ पुराणों में इसे अति सरल और रम्य सुरूचिपूर्ण बनाने के लिए नाना प्रकार की गाथाओं, कथाओं और कहानियों में समाहित कर के अति रोचक बनाया गया है। वेदों में हमें जहां औषधीय, व्यापारिक, अध्यात्मिक तथा कर्मकाण्डीय ज्ञान प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है, वहीँ खगोलीय एवं ज्योतिषीय ज्ञान भी सहज में ही प्राप्त होता है। अभी कुछ ही वर्षों से, लगभग बीस-पच्चीस वर्षों से ज्योतिष में एक कालसर्प नामक योग प्रकाश में आया है। यद्पि यह सैकड़ों वर्ष पूर्व के ज्योतिष ग्रंथो में भी प्रकट हो चूका है, ऐसा आज के अनेकों ज्योतिषियों एवं ज्योतिष पुस्तकों के लेखकों का कहना है किन्तु इतना गहन विचार इस योग पर पहले कभी किसी न किया हो, कहा नहीं जा सकता। सभी कहते हैं कि इस योग का प्रभाव इतना गहरा और अनिष्टकारी होता है कि इससे मनुष्य का समूचा जीवन नष्ट हो जाता है। इस योग से ग्रसित व्यक्ति का ईलाज न कोई औषधी और न ही कोई दान-पुण्य, तीर्थ स्नान और देव दर्शन है।
Kalsarp Yog Aivm Shanti Book Details:
Book Publisher: B. S. Praminder
Book Author: Dr. Bhvani Khandelwal
Language: Hindi
Weight: 245 gm Approx.
Pages: 224 Pages
Size: “21” x “14” x “1” cm
Shipping: Within 4-5 Days in India
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Neeti Mohan –
Kalsarp shanti ke liye yeh book labh dayak hai, ek bar try kre.