Ratno Ki Pehchan Parakh Book/रत्नों की पहचान परख पुस्तक : Ratno Ki Pehchan Parakh Book is an important book, in which information about use of gemstones is hidden.
Ratno Ki Pehchan Parakh Book About:
In today’s rapidly moving society every creature wants to reach the peak of development by leaping on uninterrupted speed. All people want to reach the peak of progress without touching their labor points. For this, he wants to achieve his goal by holding mantra-Tantra, Yantra and gems in place of labor.
Doing so is not a crime, but whatever is done can be done by the rule, with complete faith and attention, then surely man can reach the goal by crossing all obstacles. For the success of his planet’s obstacles and the success of the work, humans have been carrying gems from very ancient times.
Today, it is being seen that most of the humans are holding one or two gems. I have seen so many people that they have been holding various gems in their rings all the fingers. The main thing is that they are still unhappy, they struggle with many difficulties, why not?
Perhaps you think that gems are not effective. Not so, it is because they are either holding fake gems, the gems are faulty or are not held duly. It may also be that they have not embraced the right gems related to their planets.
रत्नों की पहचान परख पुस्तक/Ratno Ki Pehchan Parakh Book
रत्नों की पहचान परख, यह एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमें रत्नों के प्रयोग के बारे में बताया गया है।
रत्नों की पहचान परख पुस्तक के बारे में..
आज के तेजी से आगे बढ़ते हुए समाज में प्रत्येक प्राणी अबाध गति से छलांग लगाकर विकास के उच्च शिखर पर पहुंचना चाहता है। सभी व्यक्ति अपने श्रम बिंदुओं को बिना टपकाए ही उन्नति के शिखर पर पहुँच जाना चाहते है। इसके लिए वह परिश्रम के स्थान पर मन्त्र-यंत्र-तन्त्र, टोटके तथा रत्नों आदि को धारण करके अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते है।
ऐसा करना कोई अपराध तो नहीं है लेकिन जो कुछ भी किया जाए वह नियम से किया जाए, पूर्ण विश्वास व लग्न से किया जाए तो निश्चय ही मनुष्य सभी बाधाओं को पार करते हुए लक्ष्य तक पहुँच सकता है। अपनी ग्रह बाधाओं को दूर करने हेतु व ऐच्छिक कार्य की सफलता के लिए मनुष्य रत्नों को धारण अति प्राचीनकाल से ही करता आया है।
आज साक्षात ही देख रहे है कि अधिकांश मनुष्य एक या दो रत्नों को धारण किये हुए है। मैंने कई व्यक्तियों को तो ऐसा भी देखा है कि वह अपनी सभी अँगुलियों की अंगूठियों में विभिन्न रत्नों को जड़वाकर धारण किये हुए है। मुख्य बात यह है कि फिर भी वे दुखी रहते है, अनेक कठिनाइयों से संघर्ष करते रहते है, ऐसा क्यों?
शायद आप सोचेंगे के रत्न प्रभावकारी नहीं होते। ऐसा नहीं, ऐसा तो इसलिए होता है कि या तो वे नकली रत्न धारण किये हुए होते है, रत्न दोषपूर्ण होते है अथवा विधिवत धारण किये हुए नहीं होते है। यह भी हो सकता है कि उन्होंने अपने ग्रहों से सम्बन्धित सही रत्न को धारण न किया हो।
Ratno Ki Pehchan Parakh Aur Prayog Book Details:
Book Publisher: Randhir Prakashan
Book Author: Dr. Ram Krishan Upadhyay And Pt. Kapil Mohan Ji
Language: Hindi
Weight: 236 gm Approx.
Pages: 160 Pages
Size: “21” x “14” x “1” cm
Edition: 2013
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Ram –
यह एक महत्वपूर्ण पुस्तक है