Saral Jyotish Shastra Book/सरल ज्योतिष शास्त्र पुस्तक : Saral Jyotish Shastra Book is an important book of jyotish, in which information about jyotish shastra.
Saral Jyotish Shastra Book About:
Astrology is called the eye of the Vedas. This science is amazing. The child who is born today can be told about his life through this scripture. Similarly, national and international events are predicted. Prophecies made by scholars of this science are mostly true. If there is some shortage, then those are due to demons and rude savage Islamist invaders in the last thousand years. This small text is written for this purpose. A person with a common knowledge of astrology can also fully describe the auspiciousness of any person by looking at the birth certificate of any person. Some scholars left their knowledge only by keeping their knowledge with them, so the growth of this knowledge stopped. The scholars were supposed to reveal their uncertainty. – Saral Jyotish Shastra Book
This text is not written in terms of sales. Our 60 years of experience have been written with the view to make the public know about it. By this, you can influence any unbeliever with the truth of this science. It contains the formulations that will never lie; because this text is not written in terms of sales, so the language attracting the customer has not been used anywhere. It has been written with pure knowledge.
Some Ayurvedic Yoga has also been written, which has succeeded 100% in its sixty-year experience. A sum is priceless, the person who has girls after girls, they must surely get a son. This is the text of the result, in which mathematics is not included. I want to repeat this point again that through continuous study of this book, you will be able to make truth and accurate interpretation and your respect will be a huge increase. – Saral Jyotish Shastra Book
सरल ज्योतिष शास्त्र पुस्तक/Saral Jyotish Shastra Book
यह सरल ज्योतिष शास्त्र एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमें ज्योतिष के बारे में जानकारी दी गई है।
सरल ज्योतिष शास्त्र पुस्तक के बारे में..
ज्योतिष शास्त्र वेद का नेत्र कहलाता है। यह शास्त्र आश्चर्यजनक है। जो बालक आज पैदा हुआ है, इस शास्त्र के द्वारा उसका समस्त जीवन बताया जा सकता है। इसी प्रकार राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय घटनाओं की भविष्यवाणी की जाती है। इस शास्त्र के विद्वानों द्वारा की जाने वाली भविष्यवाणीयां अधिकतर सत्य ही होती हैं। यदि कुछ कमी रह जाती है, तो इसका कारण भी गत हजार वर्ष के काल में असभ्य बर्बर इस्लामी आक्रमणकारियों द्वारा हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा निरन्तर इस शास्त्र की गहराइयों को समझा और परखा जा रहा है। यह छोटा-सा जातक ग्रन्थ इसी उद्देश्य से लिखा गया है।
ज्योतिष के साधारण ज्ञान वाला व्यक्ति भी इसके ग्रन्थ किसी भी व्यक्ति की जन्मपत्री देखकर उसके जीवन की शुभ-अशुभ घटनाओं का सम्पूर्ण रूप से वर्णन कर सकता है। कुछ विद्वान अपने ज्ञान को अपने तक ही सिमित रखकर अपने साथ ही लेकर चले गये, इसलिए इस ज्ञान की वृद्धि रुक गयी। विद्वानों को अपने-अपने अनुभव प्रकट करने चाहिए थे। यह ग्रन्थ बिक्री की दृष्टि से नहीं लिखा गया है। अपने 60 वर्षों के अनुभवों को सार्वजनिक करने की दृष्टि से लिखा गया है। इसके द्वारा किसी भी अविश्वासी को आप इस विज्ञान की सत्यता से प्रभावित कर सकते हैं। इसमें ऐसे योगों का समावेश है, जो कभी झूठ नहीं होंगे; क्योंकि यह ग्रन्थ बिक्री की दृष्टि से नहीं लिखा गया है, अतः ग्राहक को आकर्षित करने वाली भाषा का प्रयोग कहीं नहीं किया गया है।
यह विशुद्ध ज्ञान दृष्टि से लिखा गया है। कुछ आयुर्वेदिक योग भी लिखे हैं, जो अपने साठ वर्ष के अनुभव में शत-प्रतिशत सफल हुए हैं। एक योग तो बेशकीमती है, जिसके लड़कियां ही लड़कियां होती हो, उन्हें अवश्य पुत्र प्रदान करता है।यह फलित का ग्रन्थ है, इसमें गणित का समावेश नहीं किया गया है। प्राय: श्री हरिबापू गांधी राष्ट्रीय जन्त्री-पंचांग (वार्षिक) ज्योतिष और ज्योतिष जगत् की बहुत सेवा कर रहे हैं, इसकी जितनी प्रशंसा की जाये, वह कम है। उससे गणित सीखा जा सकता है। ज्योतिष का कार्य करने वालों को इस पंचांग को अवश्य अपने पास रखना चाहिए। मैं एक बार फिर यह बात दोहरा देना चाहता हूं कि इस ग्रन्थ के निरन्तर अध्ययन से सत्य एवं सटीक फलकथन में सक्षम होंगे और आपके सम्मान में भारी वृद्धि होगी। – Saral Jyotish Shastra Book.
Saral Jyotish Shastra Book Details:
Book Publisher: D. P. B. Publications
Book Author: Late Pt. Ramcharan Sharma
Language: Hindi
Weight: 234 gm Approx.
Pages: 178 Pages
Size: “22” x “14” x “1” cm
Edition: 2013
Shipping: Within 4-5 Days in India
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