Sarvtobhadrachakra Book/सर्वतोभद्रचक्र पुस्तक : Sarvtobhadrachakra Book is an important book of Yoga, in which information about Yoga is hidden.
Sarvtobhadrachakra Book About:
All scholars and unskilled people unquestionably acknowledge that such astrology is also a fraction of the same as science. In this subject, many scientists who are involved in the mathematical part of astrology consider mathematics as the main, and consider other findings as supra and false; but those oracles which are in fruition, they consider the main and mathematics as its useful tool and substitute, because through mathematics, there is knowledge of the substances of the direct, but by the result, the knowledge of the objects of the indirect also becomes knowledgeable. At this time, mathematicians, such as mathematics, prove that the degree of mathematics proves indisputable, for the reason that modern scholars of this country were unknowingly the main element of astrology, which was able to get from the guru tradition, which they did not tell their son. Even if the scholars of this Vidyalaya did not get shelter from Raja Maharaja, they also stopped working hard with reverence for accepting that element. -Sarvtobhadrachakra Book.
Method of predictions were made by astrologers did not tally with mathematics; hence they expressed it false. Therefore, for those brothers who are depressed and skeptical for the result of astrology, today we have jumped to a little to show that the truth about the result of astrology, which reveals the astrological aesthetic glory, which is known by the name of the trailokyadeepak, and in reality it is to highlight the mysterious subjects of the three names of the names, the lamp is revealed only to reveal that Sarvtobhadrachakra described in Brahmayamalgranth. -Sarvtobhadrachakra Book.
सर्वतोभद्रचक्र पुस्तक/Sarvtobhadrachakra Book
सर्वतोभद्रचक्र, यह एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमे योग के बारे में बताया गया है।
सर्वतोभद्रचक्र पुस्तक के बारे में..
सर्व विद्वान् व अविद्वान इस बात को निस्संदेह स्वीकार करते हैं कि विद्या के जैसे और अंश हैं वैसा ज्योतिशास्त्र भी एक अंश है। इस विषय में कई एक विज्ञानवान जो ज्योतिष के गणित अंश में रमे हैं वह गणित को प्रधान मानते है, अन्य फलादेश को अप्रधान व असत्य मानते हैं; परन्तु जो दैवज्ञ फलादेश में रमे हैं वह फलादेश को प्रधान और गणित को उसका उपयोगी साधन व अप्रधान मानते हैं, क्योंकि गणित के द्वारा तो प्रत्यक्ष के पदार्थो का ही ज्ञान होता है, किन्तु फलित के द्वारा परोक्ष के पदार्थो का भी ज्ञान हो जाता है। -Sarvtobhadrachakra Book.
इस समय गणित के माननेवाले जैसे गणित के अंश को निर्विवाद सिद्ध कर दिखाते हैं, जिसका कारण यह है कि इस देश के अभाग्य से आधुनिक विद्वानों ने ज्योतिष का मुख्य तत्व जो गुरु परम्परा से प्राप्त होने योग्य था जो अपने पुत्र तक को नहीं बतलाया, तथा इस विद्या के विद्वानों को राजा महाराजाओं से आश्रय नहीं मिलने से उन्होंने भी उस तत्व को ग्रहण करने में श्रद्धा से परिश्रम करना छोड़ दिया इसी से इस समय के ज्योतिषियों की कही हुई फलादेश की विधि यथावत् नहीं मिलती है; इससे उसमें सर्वदा लोग मूर्छित रहते हैं और कह देते हैं कि-यह अंश झूँठा है। अतः जो लोग ज्योतिशास्त्र के फलित के लिए खिन्न व संशययुक्त हैं उन भाइयों के लिए आज हम ज्योतिष के फलित की सत्यता दिखलाने को छोटा सा चुटकला जो आश्चर्यरूप ज्योतिषशास्त्र के गौरव को प्रकट करता है उस सर्वतोभद्रचक्र को जो त्रैलोक्यदीपक नाम से प्रसिद्ध है और यथार्थ में अपने नाम के अनुकूल तीनों लोकों के गूढ़ विषयों को जतलाने के लिए दीपक ही प्रकट करते हैं उस सर्वतोभद्रचक्र को श्रीशिवजी ने ब्रह्मयामलग्रन्थ में वर्णन किया है। -Sarvtobhadrachakra Book.
Sarvtobhadrachakra Book Details:
Book Publisher: Khemraj Books
Book Author: Khemraj Shree Krishna Das
Language: Hindi
Weight: 0.073 gm Approx.
Pages: 86 Pages
Size: “18” x “12” x “0.5” cm
Edition: 2016
Shipping: Within 4-5 Days in India
Shop: Books | Yantra | Rosary | Rudraksha | Gemstones | Rings | Kavach | Lucky Charms | Online Puja | Puja Items | Gutika | Pyramids | FengShui | Herbs | View All
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.